रायपुर: अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम बदलने को लेकर भाजपा हमलावर हो गई है. भाजपा नेता अब सीएम भूपेश बघेल से उनके कार्यकाल का हिसाब मांग रहे हैं. दरअसल रायपुर ग्रामीण विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रोजेक्ट कमल विहार का नाम बदलकर कौशल्या विहार कर दिया है. इस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कड़ा एतराज जताया है.
खाली भाषण देने से नहीं बढ़ती कीर्ति: राजेश मूणत ने भूपेश सरकार पर साढ़े चार साल में कोई काम नहीं कराने का आरोप लगाया. राजेश मूणत ने माता कौशल्या के नाम पर तो कोई विरोध नहीं किया लेकिन भूपेश सरकार पर खाली भाषण देकर शोहरत बटोरने का आरोप मढ़ दिया. राजेश मूणत ने कहा "राजधानी की जनता पूछ रही है कि साढे 4 सालों में ऐसा कौन सा काम कांग्रेस ने किया है, जिसके कारण आपको वाहवाही मिले. क्या कोई बाईपास का काम किया गया या कोई अंडर ब्रिज बनाया गया. ऐसे कौन से गार्डन का निर्माण किया गया या पढ़ाई के लिए बच्चों के लिए ऐसा कौन सा इंस्टिट्यूट लेकर आ गए हैं, जिसे राजधानी की जनता आपकी तारीफ करे. राजधानी की जनता को एक भी काम आपकी सरकार ने करके नहीं दिया है. आप सिर्फ नामकरण कर सकते हैं, फोटो चिपका सकते है. फोटो और नामकरण करने से कोई अपनी छाप नहीं छोड़ सकता है."
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'कमल विहार नाम से एलर्जी क्यों': पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कहा "भारतीय जनता पार्टी में अगर उस योजना का नाम कमल विहार रखा था तो उससे आपको इतनी एलर्जी क्यों हो रही है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का नाम बदलकर माता कौशल्या के नाम से कर दो. आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं." राजेश मूणत यह भी कहा कि "माता कौशल्या के नाम का राजनीति के रूप में इस्तेमाल सिर्फ कांग्रेसी कर सकती है. झीरम घाटी में शहीद हुए लोगों के नाम पर आप कुछ नहीं कर पाए. कहां गए उनके दस्तावेज, आज तक उन्हें आप सार्वजनिक नहीं कर पाए. यह सिर्फ राजनीति करने के लिए महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करते हैं."