रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में खाद संकट (lack of fertilizer) को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधा है. रमन सिंह ने कहा कि, जब केंद्र सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में खाद की सप्लाई की गई है फिर अचानक राज्य में खाद की किल्लत (politics on fertilizer crisis in chhattisgarh) क्यों पड़ी है. क्यों अचानक से बघेल सरकार को तीन लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत पड़ गई.
किसानों के लिए पीएम मोदी(pm modi) ने लिए बड़े फैसले
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्यों को लेकर काम कर रही है. किसानों के हित में कई बड़े फैसले केंद्र की सरकार ने लिए हैं. लेकिन दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार (Baghel government) है जो कहने को तो किसान हितैषी बनती है, लेकिन पिछले ढाई साल में इस सरकार ने किसानों को ठगने और धोखा देने के अलावा कुछ नहीं किया. रमन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि, इस सरकार का तो ट्रेंड बन गया है कि जब भी अपनी नीतियों और गलत निर्णयों के कारण घिरने लगे तो फौरन केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर बच निकलो.
'बघेल सरकार ने किसानों को रुलाया'
रमन सिंह ने कहा कि, भूपेश सरकार ने अपनी अयोग्यता और असफलता को छुपाने का जरिया प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखना बना लिया है, एक तो इस सरकार ने घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा नहीं किया. दूसरा, धान खरीदी के समय रकबा में कटौती कर किसानों को खून के आंसू रुलाए हैं.
ढाई साल के कार्यकाल पर भूपेश सरकार को घेरने की तैयारी, रमन ने कहा 'सवाल तो पूछे जाएंगे'
खाद की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर भूपेश सरकार किसानों को गुमराह कर रही है. झूठ बोलकर अपनी गलती केंद्र पर मढ़ना चाहती है, जबकि हकीकत तो यह है कि केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों की तरह जितनी खाद की मांग की थी. उतना खाद छत्तीसगढ़ को भी भेजा है. लेकिन राज्य सरकार ने खाद बांटने में भी भारी गड़बड़ी और घोटाला किया है. उसके कारण आज किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
भूपेश सरकार को देना चाहिए उत्तर-रमन सिंह
जब समय पर खाद की आपूर्ति की जा रही है, तो तीन लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता आज को क्यों पड़ गई ? भूपेश सरकार को उत्तर देना चाहिए कि आखिर केंद्र सरकार ने जब पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति की है, फिर अचानक 3 लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता राज्य को क्यों पड़ गई ? केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए उर्वरक का आखिर क्या हुआ जो आज किसान खाद की कमी को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
आखिर खाद का क्या हुआ ?
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भूपेश सरकार को कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि जब किसानों को खाद मिला ही नहीं तो आखिर खाद कहां गया? किसके संरक्षण में खाद की कमी बताकर कालाबाजारी की जा रही है. कांग्रेस सरकार को खाद की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय किसानों के सामने यह साफ करना चाहिए कि, उन्होंने खाद की जरूरत का जो प्लान केंद्र को भेजा है वह कितना है. प्रदेश में कुल पंजीकृत किसान कितने हैं और कितनी मांग की गई थी और कितनी आपूर्ति की गई है.
48 लाख हेक्टेयर में होती है विभिन्न फसलों की बुआई
छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में लगभग 48 लाख हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बुआई की जाती है. खरीफ में धान और अन्य अनाज 40.50 लाख हेक्टेयर, दलहन 3.76 लाख हेक्टेयर, तिलहन 2.55 लाख हेक्टेयर तथा अन्य फसल 1.32 लाख हेक्टेयर में बुआई की जाती है. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से खरीफ फसल 2021 के लिए 10.25 लाख मैट्रिक टन खाद की मांग की थी. जिसकी स्वीकृति एवं आपूर्ति भी केंद्र सरकार ने की है. लेकिन अब अचानक सीएम भूपेश बघेल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डेढ़ लाख मैट्रिक टन यूरिया और डेढ़ लाख मैट्रिक टन डीएपी खाद की मांग कर रहे हैं.
रमन सिंह ने भूपेश सरकार से पूछे छह सवाल
• खाद की कमी से किसान जो जूझ रहे हैं उसका कारण भी भूपेश सरकार की कूटनीति और कुप्रबंध है.
• जब 15 करोड़ किलो कंपोस्ट खाद राज्य सरकार ने तैयारी की है तो फिर केंद्र सरकार से पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 30% अतिरिक्त रसायनिक खाद क्यों मांगी गई ?
• जब हर साल 10 से 12 लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता पड़ती थी फिर बिना रकबा बढ़ाए आखिर 13 लाख मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता प्रदेश को क्यों पड़ गई ? जो सीएम पीएम को पत्र लिख रहे हैं.
• खाद का किसानों को पर्याप्त वितरण किए बिना सरकारी समितियों में खाद कैसे खत्म हो गया ?
• खाद का सही वितरण ना करने वालों पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है ?
• आखिर खाद की कमी बताकर नकली खाद बेचने वाले माफिया, किसके संरक्षण में फल- फूल रहे हैं?