रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में रमन सिंह ने केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन में अनिमितता और बंदरबांट की शिकायत की है. उन्होंने प्रदेश सरकार और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पर गंभीर आरोप लगाए है.
दरअसल छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन को लेकर 7 हजार करोड़ का काम होना है. इसे लेकर लंबे समय से विवाद के हालात बने है. पीएचई के ठेकेदारों ने इसके काम के एलाटमेंट को लेकर शिकायतें की थी. बाद में गंभीर लापरवाही होने के कारण राज्य सरकार की कैबिनेट में भी इस पर चर्चा हुई. आनन फानन में कैबिनेट ने जल जीवन मिशन के टेंडर को ही रद्द कर दिया है. साथ ही नए सिरे से टेंडर की सिफारिश भी कर दी है.
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अब रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन में केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग कर दी है. रमन सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लिए आवंटित 7 हजार करोड़ रुपए में अनिमितता की बात भी लिखी है. साथ ही छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन में केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.
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जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त
जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ में शुरू होने से पहले ही विवादों के घेरे में है. जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए. इससे पहले इसके लिए चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन में दूसरे प्रदेश के ठेकेदारों को काम देने और स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा के साथ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यंमत्री भूपेश बघेल से शिकायत की थी. सीएम ने इसको लेकर जांच कराने के निर्देश जारी किए थे.