रायपुरः पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने आप को किसानों हितैसी सरकार बताने में कोई कमी नहीं कर रही है, लेकिन असल में देखा जाए तो किसान बेहद परेशान हैं. धान खरीदी को लेकर किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
एक महीने की देरी से हो रही धान की खरीदी
धान खरीदी 1 नवम्बर से शुरू न करके एक महीने की देरी यानी 1 दिसम्बर से की जा रही है. पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 की धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य की राशि का लगभग 9 हजार करोड़ का पूर्व भुगतान किया है. साथ ही अपने केंद्रीय पूल की 24 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की सहमति देकर छत्तीसगढ़ सरकार को राशि का भुगतान कर चुकी है.
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किसानों के खातों में नहीं डाली गई भुगतान की राशि
रायपुर शहर से लगकर ग्राम कचना और कुरा धरसींवा के किसानों की धान खरीदी का भुगतान भी नहीं हुआ है. भुगतान की राशि 3 दिसम्बर के बाद से अबतक उनके लिंक किए गए खातों में नहीं डाली गई है. मंत्री ने कहा ऐसी शिकायतें लगातार छत्तीसगढ़ भर के हमारे किसान भाइयों द्वारा प्राप्त हो रही है.
25 हजार करोड़ का कर्ज सीएम भूपेश बघेल ने सदन में स्वीकारा
छत्तीसगढ़ में केवल 2 वर्षों के छोटे कालखंड में 25 हजार करोड़ का कर्ज लेना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में स्वीकारा है. इतना बड़ा कर्ज लेने के बाद भी किसी क्षेत्र में कोई कार्य अबतक दिखाई नहीं दे रहा है. शायद छत्तीसगढ़ की तरक्की का कोई रोडमैप अबतक बना ही नहीं है.