रायपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रथम वर्चुअल कोर्ट का शुभारंभ हुआ. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी.आर रामचंद्र मेनन ने इसका शुभारंभ किया. डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और लोगों को जल्द न्याय दिलाने के उद्देश्य से राज्य के पहले वर्चुअल कोर्ट का शुभांरभ किया गया है. पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर राजधानी रायपुर में इसकी शुरुआत की गई है. सफलता मिलने के बाद इसे राज्य तके अन्य शहरों में भी खोला जाएगा.
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचंद्र मेनन ने इस मौके पर कहा कि इससे न्यायाधीशों के पास अन्य काम के लिए समय बचेगा.साथ ही यह आम पक्षकारों के लिए सुविधाजनक भी है. नवनिर्मित कोर्ट कक्षों के माध्यम से न्यायधीशों ,पक्षकारों, अधिवक्ताओं ,आगंतुकों सभी के लिए सुविधा में बढ़ोतरी होगी.
इस दौरान प्रभारी रजिस्ट्रार कम्प्यूटराइजेशन शहाबुद्दीन कुरैशी ने वर्चुअल कोर्ट की ऑनलाइन प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. जिसमें उन्होंने ऑनलाइन चालान, समन जारी करने से लेकर राशि जमा करने की प्रक्रिया के बारे में बताया.
नए न्यायालय भवन में बने 18 कोर्ट कक्षों का भी लोकार्पण
इसके साथ ही रायपुर के नवीन न्यायालय भवन के चौथे और पांचवी मंजिल पर 18 नए कोर्टरूम बनाए गए हैं. कोर्टरूम का शुभारंभ किया गया. उद्घाटन किए गए नए कक्षों में पॉस्को के लिए अलग से विंग बनाया गया है.
दो दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम कुमार तिवारी ने नवीन न्यायालय भवन में 18 नए कोर्ट कक्षों की सौगात मिलने पर सभी को बधाई दी. मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्चुअल कोर्ट में अभी मोटर व्हीकल चालान के लिए लोगों को हटाना पड़ता था. इसमें काफी समय लगता था और लोगों को परेशानी होती थी. लेकिन अब वर्चुअल कोर्ट होने से ऑनलाइन चालान फाइल किया जाएगा और कोर्ट से नोटिस जाएगा. व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल से ऑनलाइन फाइन का पेमेंट कर पाएंगे.
अन्य मामलों की सुनवाई भी जल्द होगी शुरू
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम कुमार तिवारी ने बताया कि अभी सिर्फ मोटर व्हीकल एक्ट के लिए ही वर्चुअल कोर्ट शुरू किया जा रहा है. इसकी सफलता मिलने पर आने वाले दिनों में छोटे-छोटे मामले जिसे जुर्माने से निपटा सकते हैं, उसमें भी यह लागू किया जाएगा.