रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. दिल्ली में बुधवार को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 पर चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य मौजूद रहे. केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 21 नामों पर अपनी स्वीकृति दी है, जिसके बाद गुरुवार को उम्मीदवारों की घोषणा की गई.
पाटन से विजय बघेल करेंगे सीएम बघेल का सामना: बीजेपी की ओर से जारी पहली लिस्ट में 10 अनुसूचित जनजाति, 1 अनुसूचित जाति और 10 सामान्य सीट पर प्रत्याशी की घोषणा की गई है. विजय बघेल पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए हाई प्रोफाइल सीट पाटन से उम्मीदवार घोषित किया है. पाटन सीएम बघेल का विधानसभा क्षेत्र है और विजय बघेल उनके भतीजे हैं. इस बार भी सीएम बघेल यहीं से चुनाव लड़ते हैं तो चाचा और भतीजे के बीच दिलचस्प जंग देखने को मिलेगी.
2008 में भूपेश बघेल के शिकस्त दे चुके हैं विजय बघेल: दुर्ग सांसद विजय बघेल पहले भी पाटन से चुनाव लड़ने की इच्छा कई मंचों से जता चुके हैं. 2008 के विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने इस सीट से भूपेश बघेल को चुनावी मैदान में शिकस्त दे चुके हैं. 2013 में भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हराया. इसके बाद 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय बघेल के मौका ही नहीं दिया. इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में विजय बघेल दुर्ग सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस की प्रतिमा चंद्राकर को हराकर सांसद बने. अब एक बार फिर पार्टी में उन पर भरोसा करते हुए सीएम बघेल से मुकाबले के लिए चुनावी मैदान में उतारा है.
बीजेपी की पहली लिस्ट में 5 महिलाएं भी शामिल: बीजेपी की इस पहली लिस्ट में पांच महिलाओं को भी शामिल किया गया है. खल्लारी से अलका चंद्राकर, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, खुज्जी से गीता घासी साहू, भटगांव से शकुंतला सिंह पोर्ते और सरायपाली से सरला कोसरिया को उम्मीदवार बनाया गया है.
जानिए किस विधानसभा सीट से किसे मिला टिकट:
- प्रेमनगर: भूलन सिंह मरावी
- भटगांव: लक्ष्मी राजवाड़े
- प्रतापपुर: शकुंतला सिंह पोर्ते
- रामानुजगंज: रामविचार नेताम
- लुंड्रा: प्रबोध मिंज
- खरसिया: महेश साहू
- धरमजयगढ़: हरिश्चंद्र राठिया
- कोरबा: लखनलाल देवांगन
- मरवाही: प्रणव कुमार मरपच्ची
- सरायपाली: सरला कोसरिया
- खल्लारी: अलका चंद्राकर
- अभनपुर: इंद्रकुमार साहू
- राजिम: रोहित साहू
- सिहावा: श्रवण मरकाम
- डौंडीलोहारा: देवलाल हलवा ठाकुर
- पाटन: विजय बघेल
- खैरागढ़: विक्रांत सिंह
- खुज्जी: गीता घासी साहू
- मोहला मानपुर: संजीव साहा
- कांकेर: आशाराम नेताम
- बस्तर: मनीराम कश्यप
छत्तीसगढ़ के लिए ABCD फॉर्मूला: बताया जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ की 90 सीटों को 4 कैटेगरी A, B, C और D में बांटा गया है. A कैटेगरी में ऐसी सीटें हैं, जिन्हें भाजपा ने हर बार जीता है. B कैटेगरी में वे सीटें हैं, जिन पर भाजपा की जीत हार दोनों हुई है. C कैटेगरी की सीटों पर भाजपा कमजोर है. D कैटेगरी की सीटों पर भाजपा कभी नहीं जीत सकी है.
सूरजपुर की तीन सीटों पर नए चेहरे: सूरजपुर जिले की तीनों विधानसभा सीट पर भाजपा ने नए प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. इनमें प्रेम नगर विधानसभा (सामान्य) से भूलन सिंह मरावी, भटगांव विधान सभा (सामान्य) से लक्ष्मी राजवाड़े और प्रतापपुर विधानसभा (अजजा) से शकुंतला सिंह पोर्ते को टिकट दिया गया है.
जोगी कांग्रेस से आने वाले रोहित साहू को भी मौका: राजिम से रोहित साहू को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. रोहित साहू पिछले चुनाव में जोगी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे. रोहित को 13000 से ज्यादा वोट मिले थे. ढाई साल पहले करीब 13000 कार्यकर्ताओं के साथ रमन सिंह की मौजूदगी में रोहित साहू ने भाजपा ज्वाइन किया था. रोहित साहू सरपंच संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
पुराने चेहरों पर भाजपा ने खेला बड़ा दांव: रामविचार नेताम और विजय बघेल पूर्व में प्रत्याशी रह चुके हैं. दोनों ही पुराने चेहरों पर भाजपा ने दांव खेला है. विजय बघेल वर्तमान में दुर्ग से सांसद हैं. अब भाजपा ने विजय बघेल को पाटन से मैदान में उतारा है. विजय बघेल भाजपा चुनाव घोषणा पत्र समिति के संयोजक भी हैं. वहीं पूर्व राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम भाजपा घोषणा पत्र समिति के सह संयोजक हैं.
कटघोरा से 2018 में हारे प्रत्याशी पर भी भरोसा: लखन लाल देवांगन को कोरबा विधानसभा से बीजेपी ने मैदान में उतारा है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनपर भरोसा जताते हुए कटघोरा विधानसभा से विधायक का टिकट दिया. लखन 2013 का चुनाव जीते और कटघोरा से विधायक के साथ ही वह संसदीय सचिव रहे. इसके बाद 2018 में वह कटघोरा से ही विधानसभा चुनाव हार गए थे. उन्हें वरिष्ठ आदिवासी नेता और 6 बार के विधायक बोधराम कंवर के पुत्र पुरुषोत्तम कंवर ने चुनाव हराया था. लेकिन अब पार्टी ने उन्हें कोरबा से प्रत्याशी बनाया है.