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धान का समर्थन मूल्य अधिक देने से सरकार को होगा नुकसानः वित्त आयोग अध्यक्ष

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर निकले. इस दौरान उन्होंने मीडिया से खास बातचीत की.

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह
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Published : Jul 26, 2019, 1:48 PM IST

रायपुर: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास पर हमने चर्चा की है. इस दौरान तमाम तरह के डेलिगेशन से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम आला अधिकारियों के साथ हमने बातचीत की.

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि क्षेत्र में कई अच्छे निर्णय लिए हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ का पर कैपिटा इंकम कम है, ये राष्ट्रीय औसत ये राष्ट्रीय औसत के अपेक्षा काफी कम है. इस पर काम करने की जरूरत है.

सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य में काफी काम करने की जरूरत में है. उन्होंने सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग पर जोर देने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्मॉल फारेस्ट इंडस्ट्री से जो लाभ हो सकता था वो नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है, नक्सल समस्या भी एक बड़ी चुनौती है. 14वें वित्त आयोग ने जो काम किया है उससे 13 आयोग से कुछ बेहतरी हुई है. 15वें वित्त आयोग में और ज्यादा काम होंगे. जो समस्या हमने देखी है उसे जीएसटी काउंसिल के सामने रखेंगे.

धान के समर्थन मूल्य ज्यादा देने का हो सकता है नुकसान
केंद्रीय वित्त आयोग के अधिकारियों ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य अधिक देने से सरकार को इसके दुष्प्रभाव झेलने होंगे. सरकार को कृषि में निवेश करने के लिए पैसे नहीं बचेंगे. सरकार को मार्केट को अपना रोल प्ले करने देना चाहिए.

पानी के संरक्षण पर जोर
सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नदी-नाले होने के बावजूद कृषि इन पर आधारित नहीं है, बोरवेल का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कई मुद्दों पर मांग रखी है जिसमें यहां की चुनौतियों और स्टेट स्पेसफिक ग्रांट की भी मांग की है.

रायपुर: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास पर हमने चर्चा की है. इस दौरान तमाम तरह के डेलिगेशन से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम आला अधिकारियों के साथ हमने बातचीत की.

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि क्षेत्र में कई अच्छे निर्णय लिए हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ का पर कैपिटा इंकम कम है, ये राष्ट्रीय औसत ये राष्ट्रीय औसत के अपेक्षा काफी कम है. इस पर काम करने की जरूरत है.

सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य में काफी काम करने की जरूरत में है. उन्होंने सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग पर जोर देने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्मॉल फारेस्ट इंडस्ट्री से जो लाभ हो सकता था वो नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है, नक्सल समस्या भी एक बड़ी चुनौती है. 14वें वित्त आयोग ने जो काम किया है उससे 13 आयोग से कुछ बेहतरी हुई है. 15वें वित्त आयोग में और ज्यादा काम होंगे. जो समस्या हमने देखी है उसे जीएसटी काउंसिल के सामने रखेंगे.

धान के समर्थन मूल्य ज्यादा देने का हो सकता है नुकसान
केंद्रीय वित्त आयोग के अधिकारियों ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य अधिक देने से सरकार को इसके दुष्प्रभाव झेलने होंगे. सरकार को कृषि में निवेश करने के लिए पैसे नहीं बचेंगे. सरकार को मार्केट को अपना रोल प्ले करने देना चाहिए.

पानी के संरक्षण पर जोर
सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नदी-नाले होने के बावजूद कृषि इन पर आधारित नहीं है, बोरवेल का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कई मुद्दों पर मांग रखी है जिसमें यहां की चुनौतियों और स्टेट स्पेसफिक ग्रांट की भी मांग की है.

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(फिड लाइव यू भेजी गई है)

रायपुर। 15 वे वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह 3 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के बाद मीडिया से बात की।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास पर हमने चर्चा की है। इस दौरान तमाम तरह के डेलिगेशन से मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और तमाम विभागों के अधिकारियों से मुलाकात की है। सकारात्मक माहौल में मुख्यमंत्री भुपेश बघेल काम कर रहे है। खासकर कृषि क्षेत्र में उन्होंने कई अच्छे निर्णय लिए हैBody:। वे कहते है कि छत्तीसगढ़ का पर कैपिटल इंकम काफी कम है जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है, इस पर काम करने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य में काफी काम करने की जरूरत में है छत्तीसगढ़ को काफी करना होगा। लेकिन यहां काफी चुनौती है। यहां डेन्स फारेस्ट एरिया है।
साथ ही छत्तीसगढ़ में जो लाभ हो सकता था स्माल फारेस्ट इंडस्ट्री से वो नही कर पाया। ट्राइबल पॉपुलेशन की सँख्या ज्यादा है, नक्सल समस्या भी एक बड़ी चुनौती है। पिछले 14वे वित्त आयोग ने जो काम किया है उससे 13 आयोग से कुछ वृध्दि हुई थी। 15 वे वित्त आयोग में और ज्यादा काम होंगे। जो समस्या हमने देखी है उसे जीएसटी काउंसिल के सामने रखेंगे।

बाईट- एन के सिंह, अध्यक्ष, 15 वे वित्त आयोग

धान के समर्थन मूल्य ज्यादा देने का हो सकता है नुकसान
केंद्रीय वित्त आयोग के अधिकारियों ने कहा कि जिस किसी चीज की ज्यादा प्राइज सरकार देगी तो इसका मार्किट प्राइज डेड हो जाएगा। धान के ज्यादा प्राइज देने से पूरी जवाबदेही सरकार की ही हो जाएगी। धान के समर्थन मूल्य ज्यादा दाम देने पर कहा कि कृषि के उत्पादकता बढ़ाने के
लिए अकेले प्राइस बढ़ाने के साथ मार्केट देखना जरूरी है। छत्तीसगढ़ में इतने अच्छे क्वालिटी के धान होते है कि उनको मार्केट देने पर भी काम होना चाहिए।

Conclusion:
पानी के संरक्षण पर जोर
वे कहते है कि छत्तीसगढ़ में नदी नाले काफी होने के बाद भी कृषि इन पर आधारित कम है। ज्यादातर लोग बोरवेल पर ही आधारित एग्रीकल्चर में काम कर रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कई मुद्दों पर मांग रखी है जिसमे यहां की चुनौतियों और स्टेट स्पेसफिक ग्रांट की भी मांग की है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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