रायपुर: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास पर हमने चर्चा की है. इस दौरान तमाम तरह के डेलिगेशन से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम आला अधिकारियों के साथ हमने बातचीत की.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि क्षेत्र में कई अच्छे निर्णय लिए हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ का पर कैपिटा इंकम कम है, ये राष्ट्रीय औसत ये राष्ट्रीय औसत के अपेक्षा काफी कम है. इस पर काम करने की जरूरत है.
सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य में काफी काम करने की जरूरत में है. उन्होंने सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग पर जोर देने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्मॉल फारेस्ट इंडस्ट्री से जो लाभ हो सकता था वो नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है, नक्सल समस्या भी एक बड़ी चुनौती है. 14वें वित्त आयोग ने जो काम किया है उससे 13 आयोग से कुछ बेहतरी हुई है. 15वें वित्त आयोग में और ज्यादा काम होंगे. जो समस्या हमने देखी है उसे जीएसटी काउंसिल के सामने रखेंगे.
धान के समर्थन मूल्य ज्यादा देने का हो सकता है नुकसान
केंद्रीय वित्त आयोग के अधिकारियों ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य अधिक देने से सरकार को इसके दुष्प्रभाव झेलने होंगे. सरकार को कृषि में निवेश करने के लिए पैसे नहीं बचेंगे. सरकार को मार्केट को अपना रोल प्ले करने देना चाहिए.
पानी के संरक्षण पर जोर
सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नदी-नाले होने के बावजूद कृषि इन पर आधारित नहीं है, बोरवेल का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कई मुद्दों पर मांग रखी है जिसमें यहां की चुनौतियों और स्टेट स्पेसफिक ग्रांट की भी मांग की है.