धमतरी : कोरोना संक्रमण के चलते मक्का की खरीदी करने के लिए बाहर से व्यापारी नहीं आ रहे हैं, दूसरी ओर राज्य सरकार ने मक्का खरीदी की अब तक कोई व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से धमतरी के नगरी क्षेत्र में किसान मक्का बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
दरअसल, राज्य सरकार ने इस साल मक्के की फसल का समर्थन मूल्य 1760 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. जिले के नगरी इलाके में करीब एक हजार एकड़ में किसानों ने मक्के की फसल लगाई थी, जिसकी कटाई भी उन्होंने कर ली है. अब किसान फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने मक्का खरीदी को लेकर किसी तरह की तैयारी नहीं की है.
किसानों का कहना है कृषि विभाग ने उन्हें फसल परिवर्तन के लिए काफी जोर दिया और मक्का को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का आश्वासन दिया था. विभाग की बात मानते हुए उन्होंने अपने खेतों में मक्के की फसल लगाई. फसल की कटाई-मिजाई करने के बाद भी समर्थन मूल्य पर खरीदी का अता-पता नहीं है, जिससे किसान परेशान हैं.
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किसानों को उठाना पड़ सकता है नुकसान
इस बार मक्के की अच्छी उपज होने से किसान अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार का सपना संजोए थे, लेकिन शासन की उदासीनता के कारण किसानों को अब सरकारी मूल्य पर मक्का बेचना सपना जैसा लग रहा है. किसानों ने बताया कि सरकारी दर पर मक्का खरीदी की व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय व्यापारी औने-पौने दाम में मक्का मांग रहे हैं. स्थानीय व्यापारी 1100 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल पर मक्के की मांग कर रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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शासन से नहीं आया कोई निर्देश
कृषि विभाग का कहना है कि मक्का की खरीदी करने के लिए हैदराबाद से व्यापारी आते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते वे नहीं आ पा रहे हैं. विभागीय अफसरों ने मक्का खरीदी को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं आने की बात भी कही है.