रायपुर: कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में लंबे समय के बाद जरूरी चीजों में धीरे-धीरे छूट दी जा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने अति महत्वपूर्ण खेती-किसानी और कृषि उपकरणों से जुड़े बाजारों को भी छूट दी है. हालांकि, कृषि उपकरणों के बाजारों को तो छूट दे दी गई, लेकिन किसान अभी भी बाजार में खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं.
कृषि उपकरणों के लिए किसान परेशान
रबी की फसल के बाद किसान गर्मी के समय में सब्जी और अन्य फसल के लिए पंप, स्प्रिंक्लर और अन्य स्पेयर पार्ट के लिए लगातार जूझ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते किसान न तो आस-पास के गांव जा पा रहे हैं और न ही शहरी बाजारों का रुख कर पा रहे हैं. सरकार ने जरूरी चीजों के अंतर्गत कृषि उपकरण की दुकानें खोलने का आदेश तो दे दिया, लेकिन इन दुकानों तक किसानों के पहुंचने का रास्ता तय नहीं किया. जिससे किसानों को परेशानी हो रही है, दरअसल लॉकडाउन के तहत बनाए गए सख्त नियमों के कारण किसानों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव से शहरों की दूरी, वहां पहुंचने के लिए साधनों की कमी और उसके अलावा जगह-जगह पुलिस की नाकेबंदी और सवाल-जवाब से परेशान किसान जरूरी उपकरणों की खरीदी नहीं कर पा रहे हैं, जिसका दोहरा खामियाजा उठाना पड़ा रहा है, एक तरफ किसान को नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कृषि उपकरण बाजार को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ETV भारत से व्यापारियों ने की चर्चा
मशीनरी बाजार के व्यापारियों ने ETV भारत से चर्चा करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन बाजार को लेकर अभी भी कई तरह की दिक्कतें हैं. कारोबारियों की मानें तो उनके पास हर रोज ऐसे कई किसानों के फोन आ रहे हैं, जिसमें उनके मोटर खराब होने, खेतों में तारबंदी करने, मशीनरी पार्ट्स खरीदने, पाइप खरीदने, पंप स्प्रिंकलर जैसी जरूरत की चीजों को मांगने की बात होती है, लेकिन परेशानियों के चलते किसान रायपुर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. गर्मी के दौरान किसान अपने खेतों को सुधारने और छोटी-मोटी फसल लेने का काम करता है, लेकिन अब वो भी नहीं कर पा रहा है.
50 करोड़ का मार्केट डाउन
एक अनुमान की मानें तो गर्मी के सीजन में ही खेती-किसानी से जुड़े कृषि मशीनरी का 50 करोड़ का मार्केट इसी सीजन में होता है. अब किसानों के न पहुंच पाने के कारण मार्केट पूरी तरह से खत्म हो चुका हैं. ऐसे में व्यापारियों का तर्क है कि किसानों को बाजार आने या जरूरी सामान लेने के लिए सरकार की तरफ से नोडल नियुक्त किए जाएं और उन्हें चीजों के लिए आने-जाने की परमिशन दी जाए ताकि किसान आसानी से खेती-किसानी कर लोगों का पेट भर सके.