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रायपुर: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

राजधानी रायपुर में RPF की टीम ने रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले 3आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन लाख रुपए नकदी समेत मोबाइल जब्त किए हैं.

Fake railway recruitment gang busted in raipur
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : Dec 16, 2020, 1:29 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर में RPF (Railway Protection Force) ने बड़ी कार्रवाई की है. आरपीएफ ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरपीएफ ने पकड़े गए आरोपियों के पास से नगदी और मोबाइल भी बरामद किया है. गैंग के सदस्यों को राजधानी के चंगोराभाटा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने लगभग 80 लाख रुपए की ठगी की है. ठगों का गिरोह संगठित तरीके से युवाओं को अपने जाल में फंसाकर नौकरी के नाम पर पैसे वसूलता था. आरोपी चंगोराभाटा की घनी आबादी वाली बस्ती में रेलवे के श्रमिक संगठन के नाम से ऑफिस संचालित करते थे और रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 3-4 लाख रुपए लिया करते थे.


सालभर से सक्रिय था ठग गिरोह

ठग गिरोह पिछले 1 साल से यहां पर अपना ऑफिस खोलकर बेरोजगारों से पैसे लेते थे. प्रारंभिक जांच में पुलिस को 40 युवाओं से ठगी करने का पता चला है. जालसाज ने उनसे लगभग 80 लाख रुपए ठगे हैं. छापेमारी के दौरान पुलिस ने ऑफिस से 3 लाख रुपए नकदी के अलावा लगभग 200 से ज्यादा नौकरी के फर्जी फॉर्म और युवाओं के बायोडाटा जब्त किए हैं.

पढ़ें: रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करनेवाले गैंग का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार


युवा हो रहे ठगी के शिकार

पुलिस और आरपीएफ ने यह भी आशंका जताई है कि इन ठगों ने लगभग 200 से ज्यादा युवाओं को अपने झांसे में लिया है. रेलवे के अलावा और भी कई विभागों में ठगी करने के बारे में भी पता चला है. जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है. ठगों ने सुनियोजित तरीके से हर युवा की अलग-अलग फाइल बनाकर रखी थी. जिससे किसी को कोई शक न हो.

पढ़ें: बिलासपुर: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, 1 आरोपी गिरफ्तार


ठगी के आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के नाम कृष्ण कुमार साहू, लुयश साहू और संतोष पाल हैं.आरोपियों ने फर्जी आवेदन में बैंक के नाम से एक कॉलम बनाया था. जिसमें बैंक खाते का नंबर, आईएफएससी कोड, ब्रांच समेत अन्य जानकारी भरवाई जाती थी. दस्तावेज में अंकसूची के आधार पर पैन कार्ड की कॉपी भी युवाओं से मांगी जाती थी.

रायपुर: राजधानी रायपुर में RPF (Railway Protection Force) ने बड़ी कार्रवाई की है. आरपीएफ ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरपीएफ ने पकड़े गए आरोपियों के पास से नगदी और मोबाइल भी बरामद किया है. गैंग के सदस्यों को राजधानी के चंगोराभाटा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने लगभग 80 लाख रुपए की ठगी की है. ठगों का गिरोह संगठित तरीके से युवाओं को अपने जाल में फंसाकर नौकरी के नाम पर पैसे वसूलता था. आरोपी चंगोराभाटा की घनी आबादी वाली बस्ती में रेलवे के श्रमिक संगठन के नाम से ऑफिस संचालित करते थे और रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 3-4 लाख रुपए लिया करते थे.


सालभर से सक्रिय था ठग गिरोह

ठग गिरोह पिछले 1 साल से यहां पर अपना ऑफिस खोलकर बेरोजगारों से पैसे लेते थे. प्रारंभिक जांच में पुलिस को 40 युवाओं से ठगी करने का पता चला है. जालसाज ने उनसे लगभग 80 लाख रुपए ठगे हैं. छापेमारी के दौरान पुलिस ने ऑफिस से 3 लाख रुपए नकदी के अलावा लगभग 200 से ज्यादा नौकरी के फर्जी फॉर्म और युवाओं के बायोडाटा जब्त किए हैं.

पढ़ें: रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करनेवाले गैंग का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार


युवा हो रहे ठगी के शिकार

पुलिस और आरपीएफ ने यह भी आशंका जताई है कि इन ठगों ने लगभग 200 से ज्यादा युवाओं को अपने झांसे में लिया है. रेलवे के अलावा और भी कई विभागों में ठगी करने के बारे में भी पता चला है. जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है. ठगों ने सुनियोजित तरीके से हर युवा की अलग-अलग फाइल बनाकर रखी थी. जिससे किसी को कोई शक न हो.

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ठगी के आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के नाम कृष्ण कुमार साहू, लुयश साहू और संतोष पाल हैं.आरोपियों ने फर्जी आवेदन में बैंक के नाम से एक कॉलम बनाया था. जिसमें बैंक खाते का नंबर, आईएफएससी कोड, ब्रांच समेत अन्य जानकारी भरवाई जाती थी. दस्तावेज में अंकसूची के आधार पर पैन कार्ड की कॉपी भी युवाओं से मांगी जाती थी.

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