रायपुर: तेलीबांधा थाना क्षेत्र में लोन दिलाने का झांसा देकर 25 लाख से ज्यादा की ठगी के मामले में 8 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से 5 कंप्यूटर, 2 लैपटाॅप, 20 मोबाइल और 1 टैबलेट मिला है. इसकी कीमत 5 लाख रुपए आंकी गई है. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी इंटर स्टेट गिरोह चलाते हैं. फर्जी काॅल सेंटर चलाकर देशभर में करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. आरोपियों ने कितनी वारदात को अंजाम दिया है और कितनी ठगी की है, इसे लेकर पूछताछ चल रही है.
लोन का झांसा देकर ठगी: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "पीड़ित महफूज अंसारी भिलाई स्टील प्लांट में लाइजनिंग का काम करते हैं. 16 फरवरी 2022 को उनके पास अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया. फोन करने वाली सुजाता जैन ने खुद को सिटी फाइनेंस बैंक मुंबई का कस्टमर मैनेजर बताकर लोन दिलाने का झांसा दिया. पीड़ित से लोन संबंधी दस्तावेज तैयार कराने के नाम पर 4 हजार रुपए मांगे. पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज व्हाट्सएप पर मंगाए. आरोपी सुजाता जैन के बताए गए अकाउंट नंबरों पर पीड़ित ने 21 अक्टूबर 2022 से 24 फरवरी 2023 तक 25 लाख 84 हजार 681 रुपए जमा किए थे. महफूज अंसारी की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था."
चार साल से चल रहा फर्जी काॅल सेंटर: जालसाजों का गिरोह पिछले चार साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा है. पुलिस ने दिल्ली के पटेल नगर के एक मकान में दबिश देकर 5 पुरुष और 3 महिला आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी दिल्ली के ही रहने वाले हैं. आरोपी यश वर्मा थाना रावड़ी, अभिषेक कुमार झा थाना सोनिया विहार, रंजीता यादव थाना मायापुरी, दिव्या गुप्ता थाना केशवपुरम, रुचि वर्मा थाना पटेल नगर, निशा कुमार थाना पटेल नगर, बृजेश कुमार और सनी कुमार थाना सागरपुर निवासी हैं.