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रायपुर में उचित मूल्य दुकान के संचालकों ने किया प्रदर्शन, रखी ये मांगें - उचित मूल्य दुकान संचालकों की मांग

रायपुर में बुधवार को प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ ने प्रदर्शन किया. संघ की 6 सूत्रीय मांग है. पूरे प्रदेश में उचित मूल्य की 13 हज़ार 400 राशन दुकान है. Fair price shop operators protest in Raipur उचित मूल्य दुकान संचालकों का कहना है कि प्रदेश सरकार मानदेय व्यवस्था लागू करें. demands of Fair price shop operators इसके साथ ही 5 और अन्य मांग को सरकार जल्द पूरा करें. अगर इस दिशा में सरकार के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की करती है. तो आने वाले जनवरी महीने में कोर कमेटी की बैठक के माध्यम से बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. या फिर उचित मूल्य दुकान के संचालक कोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे. raipur news update

Demonstration of fair price shop operators
उचित मूल्य दुकान के संचालकों का प्रदर्शन
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Published : Dec 21, 2022, 11:45 PM IST

उचित मूल्य दुकान के संचालकों का प्रदर्शन

रायपुर: राज्य उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने बताया कि "दूसरे राज्यों में उचित मूल्य दुकान में काम करने वाले संचालकों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का फैसला लिया गया है. Fair price shop operators protest in Raipur लेकिन छत्तीसगढ़ में उचित मूल्य दुकान के संचालकों के हित में अब तक कोई कदम सरकार के द्वारा नहीं उठाया गया है. जिसको लेकर प्रदेश भर के उचित मूल्य दुकान के संचालकों में आक्रोश और नाराजगी है. demands of Fair price shop operators राशि नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से उचित मूल्य दुकान के संचालकों को दिया जाता है. लेकिन यह राशि मिलने में कई बार 4 से 5 महीने का समय लग जाता है." raipur news update


उचित मूल्य दुकान संचालकों की 6 सूत्रीय मांगें

  • मानदेय व्यवस्था लागू करें शासन के द्वारा विक्रेताओं से काम कराया जा रहा है. उसी प्रकार से कर्मचारी मानकर समस्त विक्रेताओं को मानदेय की व्यवस्था कराई जाए. जिससे उचित मूल्य दुकान के संचालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. अन्य राज्यों में उचित मूल्य दुकान के संचालकों के लिए मानदेय व्यवस्था लागू किया गया है. छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के विक्रेताओं को सम्मानजनक मानदेय राशि 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाए. अन्य राज्यों की तरह कमीशन की राशि में वृद्धि करते हुए 300 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की जाए.
  • खाद्यान्न कटौती के संबंध में माह नवंबर में बिना पूर्व सूचना के भौतिक सत्यापन किए बगैर छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न कटौती किया जाना न्याय संगत नहीं है. साल 2016-17 में वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए टैबलेट के द्वारा वितरण व्यवस्था लागू की गई और बिना ट्रेनिंग दिए वितरण व्यवस्था को लागू किया गया है. जिसके फलस्वरूप विक्रेताओं को टैबलेट से वितरण व्यवस्था में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सर्वर की समस्या होने पर ऑफलाइन वितरण कराया गया नेटवर्क के अभाव में डाटा अपलोड नहीं हो पाया.
  • सर्वर की समस्या डाटा कनेक्टिविटी बंद हो जाने से शासन के द्वारा प्रदाय इलेक्ट्रॉनिक कांटा के माध्यम से राशन प्रदाय करने पर हितग्राही और विक्रेताओं के बीच कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है. क्योंकि एक राशन कार्ड में चार बार एंट्री और तौल करने पर 20 मिनट का समय लग रहा है. कहीं सरवर खराब हो गया है, तो 30 से 40 मिनट का समय लग रहा है. व
  • कमीशन की राशि वित्तीय पोषण की राशि साल 2018, 2019 और 2020 की बारदाना की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. जिसे जल्द से जल्द प्रदान किया जाए. नागरिक आपूर्ति निगम जानकारी देने में असमर्थता जताते हैं, और कमीशन की पूरी राशि अब तक नहीं मिल पाई है.
  • कमीशन की राशि सीधे उचित मूल्य दुकान के संचालक के खाते में प्रदान करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से कमीशन की राशि मिलने में कई बार 4 से 5 महीने का समय लग जाता है.
  • खाद्यान्न भंडारण में 3% सूखा निकलता है. नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न का भंडारण किया जाता है. जिसमें लगभग 3% अतिरिक्त सुखा के रूप में प्रति क्विंटल भंडारण किया जाए जिससे शॉर्टेज की कमी को पूरा किया जा सके.

    यह भी पोढ़ें: छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना पर घमासान, भाजपा ने संसद में बघेल सरकार को घेरा, सीएम भूपेश का पलटवार

उचित मूल्य दुकान के संचालकों का प्रदर्शन

रायपुर: राज्य उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने बताया कि "दूसरे राज्यों में उचित मूल्य दुकान में काम करने वाले संचालकों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का फैसला लिया गया है. Fair price shop operators protest in Raipur लेकिन छत्तीसगढ़ में उचित मूल्य दुकान के संचालकों के हित में अब तक कोई कदम सरकार के द्वारा नहीं उठाया गया है. जिसको लेकर प्रदेश भर के उचित मूल्य दुकान के संचालकों में आक्रोश और नाराजगी है. demands of Fair price shop operators राशि नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से उचित मूल्य दुकान के संचालकों को दिया जाता है. लेकिन यह राशि मिलने में कई बार 4 से 5 महीने का समय लग जाता है." raipur news update


उचित मूल्य दुकान संचालकों की 6 सूत्रीय मांगें

  • मानदेय व्यवस्था लागू करें शासन के द्वारा विक्रेताओं से काम कराया जा रहा है. उसी प्रकार से कर्मचारी मानकर समस्त विक्रेताओं को मानदेय की व्यवस्था कराई जाए. जिससे उचित मूल्य दुकान के संचालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. अन्य राज्यों में उचित मूल्य दुकान के संचालकों के लिए मानदेय व्यवस्था लागू किया गया है. छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के विक्रेताओं को सम्मानजनक मानदेय राशि 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाए. अन्य राज्यों की तरह कमीशन की राशि में वृद्धि करते हुए 300 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की जाए.
  • खाद्यान्न कटौती के संबंध में माह नवंबर में बिना पूर्व सूचना के भौतिक सत्यापन किए बगैर छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न कटौती किया जाना न्याय संगत नहीं है. साल 2016-17 में वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए टैबलेट के द्वारा वितरण व्यवस्था लागू की गई और बिना ट्रेनिंग दिए वितरण व्यवस्था को लागू किया गया है. जिसके फलस्वरूप विक्रेताओं को टैबलेट से वितरण व्यवस्था में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सर्वर की समस्या होने पर ऑफलाइन वितरण कराया गया नेटवर्क के अभाव में डाटा अपलोड नहीं हो पाया.
  • सर्वर की समस्या डाटा कनेक्टिविटी बंद हो जाने से शासन के द्वारा प्रदाय इलेक्ट्रॉनिक कांटा के माध्यम से राशन प्रदाय करने पर हितग्राही और विक्रेताओं के बीच कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है. क्योंकि एक राशन कार्ड में चार बार एंट्री और तौल करने पर 20 मिनट का समय लग रहा है. कहीं सरवर खराब हो गया है, तो 30 से 40 मिनट का समय लग रहा है. व
  • कमीशन की राशि वित्तीय पोषण की राशि साल 2018, 2019 और 2020 की बारदाना की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. जिसे जल्द से जल्द प्रदान किया जाए. नागरिक आपूर्ति निगम जानकारी देने में असमर्थता जताते हैं, और कमीशन की पूरी राशि अब तक नहीं मिल पाई है.
  • कमीशन की राशि सीधे उचित मूल्य दुकान के संचालक के खाते में प्रदान करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से कमीशन की राशि मिलने में कई बार 4 से 5 महीने का समय लग जाता है.
  • खाद्यान्न भंडारण में 3% सूखा निकलता है. नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न का भंडारण किया जाता है. जिसमें लगभग 3% अतिरिक्त सुखा के रूप में प्रति क्विंटल भंडारण किया जाए जिससे शॉर्टेज की कमी को पूरा किया जा सके.

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