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बीजेपी शासनकाल में हुए निर्माण कार्यों पर उठे सवाल, नितिन भंसाली ने की जांच की मांग - हानदी भवन और सचिवालय यानी इंद्रावती भवन की जांच की मांग

कांग्रेस सरकार बनने के बाद एक्सप्रेस वे की जांच शुरू हो गई है. इसमें बड़े पैमाने में गड़बड़ी देखने को मिल रही है, जिस पर जांच की मांग उठ रही है.

महानदी भवन
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Published : Sep 7, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 9:05 PM IST

रायपुर: रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए निर्माण कार्यों पर जांच का खतरा मंडरा रहा है. गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की पोल खुलने पर कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रदेशभर के तमाम भवनों की जांच की मांग की जा रही है. कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने ट्वीट कर महानदी भवन और सचिवालय यानी इंद्रावती भवन की जांच की मांग की है. इस मांग को वन मंत्री मोहम्मद अकबर का भी समर्थन मिला है.

बीजेपी शासनकाल में हुए निर्माण कार्यों पर उठे सवाल

दरअसल, बीजेपी शासनकाल में बने एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण की पोल खुलने के बाद अब अटल नगर (नवा रायपुर) में बने मंत्रालय यानी महानदी भवन और सचिवालय यानी इंद्रावती भवन की जांच की मांग उठने लगी है. कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट और ई-मेल कर जांच का अनुरोध किया है. भंसाली ने इंद्रावती और महानदी के घटिया निर्माण का आरोप लगाया है.

'गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हुए'

  • वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पिछली सरकार के दौरान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कई गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हुए हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए'.
  • उन्होंने कहा कि, 'यह भी जानना जरूरी है कि चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सरकार ने दावा किया था कि 14 साल में 995 नए और बड़े पुलों 6081 शासकीय भवनों का निर्माण किया गया. वहीं प्रदेश के 146 में से 124 विकासखंड मुख्यालयों को सात मीटर चौड़ी सड़कों से जोड़ा गया है.
  • साथ ही बायपास रोड निर्माण की योजना के अंतर्गत 16 बायपास, 15 रेलवे ओवर और चार रेलवे अंडरब्रिजों का निर्माण किया गया, जिसकी लागत का अंदाजा लगाना मुश्किल है'.


'निर्माण कार्य में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं'

  • इस मामले में सरकार के आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि, 'निर्माण में किसी भी तरह के गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही सभी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच की जाएगी'.
  • वहीं पिछली बीजेपी सरकार के निर्माण कार्यो के जांच पर रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, 'जांच पड़ताल में कोई आपत्ति नहीं है. दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई जरूरी है'.

क्यों हो रही जांच की मांग

  • बता दें कि पिछली सरकार में न केवल एक्सप्रेस-वे बल्कि डीकेएस भवन, मंत्रालय महानदी और इंद्रावती भवन समेत कई भवन के निर्माण कार्य हुए हैं.
  • राजधानी के एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण की जानकारी मिलने पर शासन की ओर से विस्तृत जांच कर कार्रवाई जा रही है. साथ ही नया रायपुर स्थित मंत्रालय में फॉल सीलिंग गिर गयी थी.
  • इन तमाम घटनों के बाद इंद्रावती भवन और महानदी भवन समेत प्रदेशभर के घटिया निर्माण कार्यों की जांच की मांग हो रही है.

रायपुर: रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए निर्माण कार्यों पर जांच का खतरा मंडरा रहा है. गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की पोल खुलने पर कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रदेशभर के तमाम भवनों की जांच की मांग की जा रही है. कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने ट्वीट कर महानदी भवन और सचिवालय यानी इंद्रावती भवन की जांच की मांग की है. इस मांग को वन मंत्री मोहम्मद अकबर का भी समर्थन मिला है.

बीजेपी शासनकाल में हुए निर्माण कार्यों पर उठे सवाल

दरअसल, बीजेपी शासनकाल में बने एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण की पोल खुलने के बाद अब अटल नगर (नवा रायपुर) में बने मंत्रालय यानी महानदी भवन और सचिवालय यानी इंद्रावती भवन की जांच की मांग उठने लगी है. कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट और ई-मेल कर जांच का अनुरोध किया है. भंसाली ने इंद्रावती और महानदी के घटिया निर्माण का आरोप लगाया है.

'गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हुए'

  • वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पिछली सरकार के दौरान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कई गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हुए हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए'.
  • उन्होंने कहा कि, 'यह भी जानना जरूरी है कि चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सरकार ने दावा किया था कि 14 साल में 995 नए और बड़े पुलों 6081 शासकीय भवनों का निर्माण किया गया. वहीं प्रदेश के 146 में से 124 विकासखंड मुख्यालयों को सात मीटर चौड़ी सड़कों से जोड़ा गया है.
  • साथ ही बायपास रोड निर्माण की योजना के अंतर्गत 16 बायपास, 15 रेलवे ओवर और चार रेलवे अंडरब्रिजों का निर्माण किया गया, जिसकी लागत का अंदाजा लगाना मुश्किल है'.


'निर्माण कार्य में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं'

  • इस मामले में सरकार के आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि, 'निर्माण में किसी भी तरह के गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही सभी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच की जाएगी'.
  • वहीं पिछली बीजेपी सरकार के निर्माण कार्यो के जांच पर रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, 'जांच पड़ताल में कोई आपत्ति नहीं है. दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई जरूरी है'.

क्यों हो रही जांच की मांग

  • बता दें कि पिछली सरकार में न केवल एक्सप्रेस-वे बल्कि डीकेएस भवन, मंत्रालय महानदी और इंद्रावती भवन समेत कई भवन के निर्माण कार्य हुए हैं.
  • राजधानी के एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण की जानकारी मिलने पर शासन की ओर से विस्तृत जांच कर कार्रवाई जा रही है. साथ ही नया रायपुर स्थित मंत्रालय में फॉल सीलिंग गिर गयी थी.
  • इन तमाम घटनों के बाद इंद्रावती भवन और महानदी भवन समेत प्रदेशभर के घटिया निर्माण कार्यों की जांच की मांग हो रही है.
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रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए निर्माण कार्यों पर जांच का खतरा मंडरा रहा है। हाल में कुछ निर्माण कार्यो के गुणवत्ता हीन पाए जाने के बाद भूपेश सरकार के सामने मांग उठ रही है कि पिछली रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यो की जांच कराई जाए। दरअसल कांग्रेस सरकार बनने के बाद एक्सप्रेस वे की जांच शुरु हो गई है और इसमें बड़े पैमाने में गड़बड़ी देखने को मिल रही है। इसके बाद अब मंत्रालय समेत कई निर्माण कार्य के जांच पड़ताल शुरु हो गई है।

Body:
Vo1-।
भाजपा शासनकाल में बने एक्सप्रेस वे के घटिया निर्माण की पोल खुलने के बाद अब नया रायपुर में बने मंत्रालय यानि महानदी भवन और सचिवालय याने इंद्रावती भवन की जांच की मांग उठने लगी है। कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट और ईमेल के जरिये जांच का अनुरोध किया है। नितिन भंसाली ने इंद्रावती व महानदी के घटिया निर्माण का आरोप लगाया है। तो वही जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने भी आशंका जताते हुए उम्मीद जताई है कि पिछले कार्यकाल के दौरान भृष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कई गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य हुए है उस पर जांच करेगी। यह भी जानना जरूरी है कि चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सरकार ने दावा किया था कि रमन सरकार ने 14 साल में 995 नए और बड़े पुलों 6081 विभिन्न शासकीय भवनों का निर्माण किया गया। प्रदेश के 146 में से 124 विकासखंड मुख्यालयों को सात मीटर चौड़ी सड़कों से जोड़ा गया । बायपास रोड निर्माण की योजना के अंतर्गत 16 बायपास, 15 रेल्वे ओवर और चार रेलवे अंडर ब्रिजों का निर्माण किया गया ।जिसकी लागत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।

बाईट- नितिन भंसाली,कांग्रेस नेता



Vo2
कांग्रेस शुरू से यह कहती रही है कि भारतीय जनता पार्टी के 15 वर्षो के शासनकाल में कमीशनखोरी कर बनाये गए बहुत से निर्माण कार्य में गंभीर खामियां है। वही राजधानी के एक्सप्रेस वे के घटिया निर्माण की जानकारी मिलने पर शासन द्वारा इसकी विस्तृत जांच भी करवाई जा रही है। हाल ही में नया रायपुर स्थित मंत्रालय में फॉल सीलिंग गिर गयी थी। अब मांग उठ रही है कि मुख्यमंत्री को देते हुए बताया कि इंद्रावती भवन और महानदी भवन में समेत प्रदेशभर के घटिया निर्माण कार्यो की जांच हो।

बाईट-कुणाल शुक्ला,सामाजिक कार्यकर्ता

इस मामले में सरकार के आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर भी कहते है कि निर्माण में किसी भी तरह के गड़बड़ी बरदाश्त नही की जाएगी साथ ही सभी शिकायतो को गम्भीरता से लेकर जांच की जाएगी। वही पिछली भाजपा सरकार के निर्माण कार्यो के जांच पर रायपुर सांसद सुनील सोनी भी कहते है कि जांच पड़ताल में कोई आपात्ति नही है। दोषी अधिकारियों पर भी कारवाई जरूरी है।

बाईट- सुनील सोनी, सांसद, रायपुर
बाईट- मोहम्मद अकबर, केबिनेट मंत्री

Conclusion:फाइनल वीओ

दरअसल पिछली सरकार में ना केवल एक्सप्रेस वे बल्कि डीकेएस भवन, मंत्रालय महानदी और इंद्रावती भवन समेत अरबो खरबों के जमकर निर्माण कार्य हुए है। अगर इन सबकी जांच पड़ताल की जाएगी तो बड़े बड़े अधिकारियों और सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।

पीटीसी
मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Sep 7, 2019, 9:05 PM IST
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