रायपुर: जिले में कोरोना के केस पहले से थोड़े कम हुए हैं, लेकिन अब भी रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं. लगातार मिल रहे कोरोना के मरीजों को देखते हुए प्रशासन सतर्क है. शासन-प्रशासन की ओर से लगातार अभियान चलाकर लोगों को संक्रमण से बचाने और जागरूक करने की कोशिश की जा रही है, बावजूद इसके संक्रमण लगातार फैल रहा है. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत का आंकड़ा 2 हजार 604 तक पहुंच चुका है. इनमें से ज्यादातर मौत का कारण कोरोना की जांच में लापरवाही बरतना और देरी से जांच करवाना है.
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर गाइडलाइन जारी की जा रही है. चिकित्सक सर्दी, खांसी, बुखार, थकान जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच की सलाह देते हैं. डेथ ऑडिट के रिव्यू में ये बात सामने आई है कि लोग कोरोना की जांच करवाने से बच रहे हैं और सतर्कता नहीं बरत रहे हैं, जिसके कारण कोरोना से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसा ही एक मामला महासमुंद से भी सामने आया है. यहां कोरोना के लक्षण होने के बाद भी इलाज में देरी होने के कारण बुजुर्ग की मौत हो गई.
पढ़ें: सूरजपुर: कोरोना से बचाव के लिए अब घर-घर जाकर लिया जाएगा लोगों का सैंपल
कार्डियक अटैक से मौत
महासमुंद का रहने वाला बुजुर्ग 15 अक्टूबर से कफ और बुखार से परेशान था. बुजुर्ग का 19 अक्टूबर को प्राइवेट चिकित्सक से इलाज करवाया गया. 3 से 4 दिन बाद 23 अक्टूबर को बुजुर्ग को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद 25 अक्टूबर को रायपुर के निजी अस्पताल में बुजुर्ग का कोरोना जांच करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन मरीज की स्थिति ठीक लगने पर परिजन उसे होम आइसोलेशन में रखने की जानकारी देकर घर ले गए. 30 अक्टूबर को बुजुर्ग की दोबारा तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसे महासमुंद अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत खराब होने पर उसे रायपुर एम्स रेफर किया गया, जहां 9 नवंबर को कार्डियक अटैक से उसकी मौत हो गई. विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत कोरोना की जांच कराएं, तभी रिकवरी की संभावना अधिक रहती है.