रायपुर : सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को बजट पेश किया. भाजपा इसे हवाहवाई बता रही है लेकिन कांग्रेस नेता इस बजट की तारीफ कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि '' सभी वर्गों को जोड़ता हुआ बजट है. यह कोशिश की गई है कि ज्यादा से ज्यादा डिमांड को पूरा किया जा सके." कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ''1 लाख 21 हजार करोड़ के बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. बेरोजगार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारी, निराश्रित , कोटवार , पटेल , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन, रसोईया, सफाई कर्मचारी सभी वर्गों के हितों का फैसला हुआ है. विपक्ष के समझ में ही कुछ नहीं आया कि इतनी सारी घोषणाएं कैसे हो गई.''
विपक्ष ने बताया मूर्ख बनाने वाला बजट : विपक्ष ने इस बजट को निराशाजनक बताया है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि ''पिछले 2 साल के बजट की घोषणाओं का काम अबतक शुरू नहीं कर पाए, अब तो इस सरकार की अवधि 6 महीने बची है.'' अजय चंद्राकर ने कहा कि ''होली है होली में मूर्ख बनाते हैं. मूर्ख सम्मेलन होता है. छत्तीसगढ़ की जनता के लिए यह मूर्ख सम्मेलन वाला बजट है. किसी वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है.'' बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ''जनता के विश्वास को तोड़ने वाला बजट है. मुख्यमंत्री ने 4 साल में जनता का विश्वास नहीं जीता अब वह क्या विश्वास जीतेंगे.''
क्या है राजनीति के जानकारों की राय : वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि '' बजट में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है. नौजवान, किसान, सामाजिक सुरक्षा, हॉस्पिटल, उच्च शिक्षा सभी वर्गों को उन्होंने दिया. खराब बजट है, ऐसा मैं नहीं कहूंगा, यह अच्छा उनका प्रयास है. हां ये बात जरूर है कि राजनीतिक दल हैं. उनका प्रयास है अपने लोगों को खुश रखना. इस बार चुनाव भी है. ऐसे में इसे सरकार का फाइनेंसियल मेनिफेस्टो कह सकते हैं. सबको खुश करने की कोशिश की गई है. जहां जहां जिस पॉकेट में पैसे डालने थे, उस पॉकेट में पैसे डाले गए हैं. निश्चित तौर पर इसे चुनावी बजट आप कह सकते हैं.''
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चुनाव में ज्यादा लाभ की उम्मीद नहीं : उचित शर्मा ने कहा कि ''इस बजट से कांग्रेस के लिए चुनाव में बहुत ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद नहीं कर सकते. क्योंकि 6 महीने के अंदर ही आचार संहिता लग जाएगी. मैक्सिमम लाभ लेने की कोशिश तो की जाएगी. लोगों को साधने की जहां तक बात है, उन्होंने जिसे साधना था, उनको साध लिया है. रूठे लोगों को भी साधने का प्रयास किया है. उन्हें साध भी लिया है. उसमें सफलता मिल गई, लेकिन बहुत सफलता मिलेगी यह नहीं कह सकते.''