रायपुर/हैदराबाद : सरकार नए टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए इनकम टैक्स स्लैब न्यू रिजीम में बदलाव कर सकती है. बजट पेश होने के बाद हो सकता है कि 5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाए.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 के बजट में नई टैक्स रिजीम को पेश किया, तो यह दावा किया गया कि यह बेहद आसान और करदाताओं के फायदे वाली पेशकश है. नई रिजीम के बेहतर टैक्स स्लैब को देखने पर पहली नजर में ऐसा लग भी सकता है. लेकिन किसी भी डिडक्शन्स का लाभ न मिलने की वजह से नई रिजीम पॉपुलर नहीं हो सकी. ऐसे में बजट 2023 से पहले ये सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या इस बार वित्त मंत्री नई टैक्स रिजीम में कुछ ऐसे बदलाव करेंगी, जिससे इसे पॉपुलर किया जा सके? तो आइए क्या कुछ हो सकता है बदलाव.
बेसिक एग्जम्पशन में क्या किया जाना चाहिए : नई टैक्स रिजीम में अधिकांश डिडक्शन्स या टैक्स छूटों का लाभ नहीं मिलता. लिहाजा इसे करदाताओं में लोकप्रिय बनाने के लिए बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट में इजाफा करना जरूरी है.फिलहाल नई टैक्स रिजीम की बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट भी पुरानी रिजीम के बराबर यानी 2.5 लाख रुपये सालाना ही है. ओल्ड टैक्स रिजीम में सैलरीड क्लास को 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसके अलावा सीनियर सिटिजन्स के लिए ओल्ड रिजीम में बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट 3 लाख और सुपर सीनियर सिटिजन्स के लिए 5 लाख है. साथ ही 80C से लेकर होम लोन तक तमाम और टैक्स डिडक्शन्स भी मिलते हैं. इन्हें मिलाकर ओल्ड रिजीम कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित होती है. ऐसे में सरकार को अगर नई टैक्स रिजीम को लोकप्रिय बनाना है, तो कम से कम इसमें बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना बेहद जरूरी है.
टैक्स में छूट की जरुरत : नई टैक्स रिजीम में मैक्सिमम टैक्स रेट को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करना चाहिए. नई टैक्स रिजीम में सरकार ज्यादातर डिडक्शन का लाभ नहीं देती है. ऐसे में टैक्स रेट में थोड़ी राहत तो दी ही जा सकती है. अगर ऐसा हो जाए तो नई रिजीम में टैक्स कंप्लायंस की आसानी को ध्याम में रखते हुए ज्यादा लोग इसकी तरफ आकर्षित हो सकते हैं. इसके अलावा टैक्स स्लैब में भी और राहत दी जा सकती है. फिलहाल नई टैक्स रिजीम में सालाना आय 15 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 30 फीसदी का टैक्स स्लैब लागू हो जाता है. अगर वित्त मंत्री इसे बढ़ाकर 20 लाख कर दें, तो बहुत से लोग इस ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं.
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HRA और हाउसिंग लोन डिडक्शन : कम आय वर्ग के लिए सरकार रियायती दरों पर या गरीबों के लिए मुफ्त घर जैसी सुविधाएं देती है. पुरानी टैक्स रिजीम में फिलहाल होम लोन प्रिंसिपल एमाउंट पर 80C के तहत 1.5 लाख सालाना का डिडक्शन मिलता है. वहीं ब्याज पर अलग से 2 लाख तक का डिडक्शन है. लेकिन नई टैक्स रिजीम में इस तरह का कोई लाभ नहीं मिलता. किराए के मकान में रहने वालों को HRA का लाभ देने के बारे में भी लागू होती है. जो पुरानी टैक्स रिजीम में मौजूद है, लेकिन नई स्कीम में नहीं है. अगर सरकार नई टैक्स रिजीम में भी ये दोनों लाभ देने पर विचार करे तो लोगों को काफी राहत मिलेगी.
सरकार ने 2020 में नया टैक्स रिजीम पेश किया था :सरकार ने 2020 के बजट में वैकल्पिक तौर पर नया टैक्स रिजीम (New Tax Regime) पेश किया था, जिसमें छह नए स्लैब लाए गए थे- 5%, 10%, 15%, 20%, 25%, और 30%. पुराने स्लैब में 5%, 20% और 30% तीन स्लैब हैं, जिनके साथ टैक्स डिडक्शन के वा सारे बेनेफिट मिलते हैं, जो नए टैक्स रिजीम में नहीं मिलते. वहीं, नए रेजीम में 2.5 लाख सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. 2.5-5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स लगता है. 5-7.5% लाख की सालाना आय पर 10% टैक्स, 7.5 लाख और 10 लाख के बीच की आय पर 15%, 10 से 12 लाख की आय के बीच 20% टैक्स, 12.5 लाख से 15 लाख के बीच 25% और 15 लाख से ऊपर की आय पर सालाना 30% टैक्स लगता है.