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अजीत जोगी और अमित जोगी में जमीन आसमान का अंतर : ज्ञानेंद्र उपाध्याय

अजीत जोगी के करीबी और मरवाही विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. ETV भारत ने ज्ञानेंद्र उपाध्याय से उनके इस कदम पर खास बातचीत की है.

Gyanendra Upadhyay EXCLUSIVE
ज्ञानेंद्र उपाध्याय EXCLUSIVE
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Published : Jun 9, 2020, 9:50 PM IST

रायपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद जेसीसी(जे) को एक और बड़ा झटका लगा है. अजीत जोगी के करीबी और मरवाही विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. ETV भारत ने ज्ञानेंद्र उपाध्याय से खास बातचीत की है.

ज्ञानेंद्र उपाध्याय EXCLUSIVE

ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ, अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने तब से वे उनके साथ काम कर रहे हैं. 20 साल से उनके विधायक प्रतिनिधि के रूप में मरवाही क्षेत्र में काम किया है.

उन्होंने बताया कि अजीत जोगी उनके सम्मानित नेता थे और वे उनका बहुत सम्मान करते थे, जोगी उन्हें भाई की तरह मानते थे. उनके निधन के बाद उन्हें पीड़ा हुई, लेकिन लगा कि उनका भविष्य जोगी कांग्रेस के साथ अंधकार में दिखाई दे रहा है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया है.

प्रश्न- विषम परिस्थिति में पार्टी को आपकी जरूरत थी लेकिन ऐसे समय में जेसीसीजे छोड़ने का कारण

जवाब- ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अजीत जोगी एक महान नेता थे वह सभी को एक समान मानकर चलते थे. वह गुण उनके बेटे अमित जोगी में नहीं है. वे अमित जोगी के साथ काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे. इसलिए कांग्रेस में घर वापसी की है.उन्होंने कहा कि 'अजीत जोगी के दशगात्र कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था, मुझे जो भी जवाबदारी सौंपी गई थी मैंने निष्ठा पूर्वक काम किया, मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है'.

पढ़ें-JCC(J) को बड़ा झटका, अजीत जोगी के करीबी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने थामा कांग्रेस का हाथ

प्रश्न- मरवाही में उपचुनाव है, आपकी क्या जिम्मेदारी होगी ?

जबाव- 'मरवाही में 7 विधानसभा, चार लोकसभा, साथ ही 6 विधानसभा चुनाव का संचालन मैंने खुद किया है, सभी बूथ,हर एक गांव से मैं परिचित हूं और सभी को जनता हूं. क्योंकि अब मैं कांग्रेस में हूं. जेसीसीज क्या करती है क्या नहीं करती है मैं कुछ कह नहीं सकता. कांग्रेस संगठन मुझे जो भी काम सौंपेगी मैं उसे बूथ लेवल तक करूंगा.

प्रश्न- मुख्यमंत्री से क्या चर्चा हुई, पार्टी में क्या जिम्मेदारी दी गई है ?

जवाब-उन्होंने बताया कि मैंने कांग्रेस प्रवेश को लेकर किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी है. उनके प्रवेश के पीछे विनोद तिवारी का प्रयास रहा है. मैं कांग्रेस में प्रवेश जरूर करता लेकिन, इतनी जल्दी करने का कोई इरादा नहीं था, विनोद तिवारी ने मुझे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलवाया उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि मैं जोगी कांग्रेस से अपने घर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश चाहता हूं, तो मुख्यमंत्री ने स्वागत किया.

प्रश्न- आगे जेसीसी(जे) से कौन-कौन बड़े चेहरे कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं?

जवाब-जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होने की खबर से ही बहुत से कार्यकर्ता असमंजस में है. मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन बहुत से ऐसे कार्यकर्ता हैं जो चाहते हैं की पार्टी का विलय हो.

पढ़ें- अजीत जोगी की मृत्यु के बाद जेसीसी (जे) और कांग्रेस के विलय की अटकलें

प्रश्न- क्या पार्टी के विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे

जवाब- इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

प्रश्न- अमित जोगी के साथ चल पाना क्यों मुश्किल था ?

जवाब-अजीत जोगी के नहीं रहने का पूरे प्रदेश की जनता को दुख है. जो विशेषता अजीत जोगी में थी वह अमित जोगी में नहीं है.अजीत जोगी और अमित जोगी के व्यवहार में बहुत अंतर है.

प्रश्न- मरवाही उपचुनाव में क्या स्थिति रहेगी ?

जवाब- जिस तरीके से भूपेश सरकार ने काम किया है और कोरोना काल के दौरान भी लोगों को सुविधाएं मिली है उसका कहीं ना कहीं असर पड़ेगा और चुनाव होता है तो निश्चित ही कांग्रेस पार्टी मरवाही से जीत दर्ज करेगी.

रायपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद जेसीसी(जे) को एक और बड़ा झटका लगा है. अजीत जोगी के करीबी और मरवाही विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. ETV भारत ने ज्ञानेंद्र उपाध्याय से खास बातचीत की है.

ज्ञानेंद्र उपाध्याय EXCLUSIVE

ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ, अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने तब से वे उनके साथ काम कर रहे हैं. 20 साल से उनके विधायक प्रतिनिधि के रूप में मरवाही क्षेत्र में काम किया है.

उन्होंने बताया कि अजीत जोगी उनके सम्मानित नेता थे और वे उनका बहुत सम्मान करते थे, जोगी उन्हें भाई की तरह मानते थे. उनके निधन के बाद उन्हें पीड़ा हुई, लेकिन लगा कि उनका भविष्य जोगी कांग्रेस के साथ अंधकार में दिखाई दे रहा है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया है.

प्रश्न- विषम परिस्थिति में पार्टी को आपकी जरूरत थी लेकिन ऐसे समय में जेसीसीजे छोड़ने का कारण

जवाब- ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अजीत जोगी एक महान नेता थे वह सभी को एक समान मानकर चलते थे. वह गुण उनके बेटे अमित जोगी में नहीं है. वे अमित जोगी के साथ काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे. इसलिए कांग्रेस में घर वापसी की है.उन्होंने कहा कि 'अजीत जोगी के दशगात्र कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था, मुझे जो भी जवाबदारी सौंपी गई थी मैंने निष्ठा पूर्वक काम किया, मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है'.

पढ़ें-JCC(J) को बड़ा झटका, अजीत जोगी के करीबी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने थामा कांग्रेस का हाथ

प्रश्न- मरवाही में उपचुनाव है, आपकी क्या जिम्मेदारी होगी ?

जबाव- 'मरवाही में 7 विधानसभा, चार लोकसभा, साथ ही 6 विधानसभा चुनाव का संचालन मैंने खुद किया है, सभी बूथ,हर एक गांव से मैं परिचित हूं और सभी को जनता हूं. क्योंकि अब मैं कांग्रेस में हूं. जेसीसीज क्या करती है क्या नहीं करती है मैं कुछ कह नहीं सकता. कांग्रेस संगठन मुझे जो भी काम सौंपेगी मैं उसे बूथ लेवल तक करूंगा.

प्रश्न- मुख्यमंत्री से क्या चर्चा हुई, पार्टी में क्या जिम्मेदारी दी गई है ?

जवाब-उन्होंने बताया कि मैंने कांग्रेस प्रवेश को लेकर किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी है. उनके प्रवेश के पीछे विनोद तिवारी का प्रयास रहा है. मैं कांग्रेस में प्रवेश जरूर करता लेकिन, इतनी जल्दी करने का कोई इरादा नहीं था, विनोद तिवारी ने मुझे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलवाया उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि मैं जोगी कांग्रेस से अपने घर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश चाहता हूं, तो मुख्यमंत्री ने स्वागत किया.

प्रश्न- आगे जेसीसी(जे) से कौन-कौन बड़े चेहरे कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं?

जवाब-जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होने की खबर से ही बहुत से कार्यकर्ता असमंजस में है. मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन बहुत से ऐसे कार्यकर्ता हैं जो चाहते हैं की पार्टी का विलय हो.

पढ़ें- अजीत जोगी की मृत्यु के बाद जेसीसी (जे) और कांग्रेस के विलय की अटकलें

प्रश्न- क्या पार्टी के विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे

जवाब- इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

प्रश्न- अमित जोगी के साथ चल पाना क्यों मुश्किल था ?

जवाब-अजीत जोगी के नहीं रहने का पूरे प्रदेश की जनता को दुख है. जो विशेषता अजीत जोगी में थी वह अमित जोगी में नहीं है.अजीत जोगी और अमित जोगी के व्यवहार में बहुत अंतर है.

प्रश्न- मरवाही उपचुनाव में क्या स्थिति रहेगी ?

जवाब- जिस तरीके से भूपेश सरकार ने काम किया है और कोरोना काल के दौरान भी लोगों को सुविधाएं मिली है उसका कहीं ना कहीं असर पड़ेगा और चुनाव होता है तो निश्चित ही कांग्रेस पार्टी मरवाही से जीत दर्ज करेगी.

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