रायपुर : केंद्र सरकार ने देशभर में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना' लागू की गई है. लेकिन इस योजना में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया है.जबकि छत्तीसगढ़ के पीडीएस सिस्टम की पूरे देश में तारीफ होती है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ को इस योजना से अलग किया जाना समझ से परे है. 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने देश के 20 राज्यों में राशन दुकानों से राशन बांटना शुरू कर दिया है लेकिन छत्तीसगढ़ को इस साल इस योजना से अलग रखा गया है.
इस विषय पर ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से बात की. बातचीत के दौरान मंत्री भगत ने योजना और उससे संबंधित मसलों पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने 'वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम' में छत्तीसगढ़ को शामिल न किए जाने की वजह भी बताई.
अमरजीत भगत ने बताया कि जिन प्रदेशों में नेटवर्क की समस्या नहीं है वहां पर इस योजना को पहले शुरू किया गया है. छत्तीसगढ़ में कई जगह ऐसे हैं जहां पर नेटवर्क नहीं है और अब इन जगहों पर नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
योजना बनाने के पहले जुटाने थे संसाधन
भगत ने कहा कि केंद्र सरकार को सोचना था कि यदि कोई नई स्कीम लाई जा रही है तो उसे जमीनी स्तर पर किस तरह से क्रियान्वित किया जाए. जरूरी संसाधन की तैयारी के बाद ही योजना को लागू करना चाहिए था. योजना शुरू करने के पहले केंद्र सरकार को देखना चाहिए था कि किन जगहों पर नेटवर्क है और किन जगहों पर नहीं. उसके बाद ही इस योजना को संचालित करना था, यह केंद्र सरकार की जवाबदारी है.
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रमन सरकार ने बिना नेटवर्क बांटे थे मोबाइल
इस दौरान अमरजीत भगत ने तत्कालीन बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि 'रमन सरकार ने पूरे प्रदेश में मोबाइल बांटने की योजना शुरू की थी. जिसके तहत प्रदेश के गांव-गांव तक मोबाइल बांटे गए थे. लेकिन छत्तीसगढ़ में कई ऐसे क्षेत्र थे जहां मोबाइल नेटवर्क ही नहीं था, खासकर बस्तर में तो मोबाइल के टावर ही नहीं है. बावजूद इसके पूर्व की भाजपा सरकार ने हजारों मोबाइल खरीदे.
भगत ने बताया कि वर्तमान में दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की व्यवस्था की जा रही है. उसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जिन जगहों पर नेटवर्क की व्यवस्था है उन जिलों में पहले इस स्कीम को शुरू किया जाएगा. वर्तमान में यूनिवर्सल पीडीएस सिस्टम के तहत लोगों के राशन कार्ड बनाए जा रहे है. मंत्री भगत का कहना है कि आगामी तीन चार महीनों में प्रदेश के राशन कार्ड धारियों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का लाभ मिलने लगेगा.
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क्या है 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना
'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना में देश में रहने वाले किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा वह कहीं से भी राशन ले सकेगा. इस प्रक्रिया का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड होगा औ राशन कार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से में सरकारी राशन दुकान से कम कीमत पर अनाज ले सकेंगे.
इन राज्यों को मिल रहा है योजना का लाभ
अब तक यह सुविधा आंध्र प्रदेश ,बिहार, दादरा नगर हवेली, दमन एंड दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है. जबकि अगस्त 2020 तक उत्तराखंड, नागालैंड और मणिपुर भी सुविधा से जुड़ जाएंगे.
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इन राज्यों को नहीं मिल रहा है स्कीम का लाभ
छत्तीसगढ़ के अलावा जिन 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसका फायदा नहीं दिया जा रहा है उसमें पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम ,मेघालय, दिल्ली ,जम्मू कश्मीर ,लद्दाख, चंडीगढ़, पुदुचेरी, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार, और लक्षद्वीप शामिल है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय खाद्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि इन राज्यों में योजना 31 मार्च 2021 से लागू हो सकती है.
राशन दुकानों की तकनीकी स्थिति
- राज्य में पीडीएस की कुल 12,300 दुकानें हैं
- इनमें इस योजना के लिए ईपीओएस मशीनें लगानी होगी.
- सबसे बड़ी समस्या इंटरनेट कनेक्टिविटी की है
- राज्य के करीब 7,700 दुकानें इंटरनेट कनेक्टेड हैं.
- इनमें से रायपुर की 1,500 दुकानें कोर पीडीएस के तहत इंटरनेट से जुड़ी है
- बाकि 4,500 ग्रामीण दुकानें इंटरनेट से दूर हैं.
- ऐसे में सबसे पहले इंटरनेट कनेक्ट करने की जरुरत
- इससे पहले राज्य ऑफलाइन सिस्टम की भी तैयारी कर रहा है
- यानि कोर पीडीएस के तहत योजना लागू की जा सकती है