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ट्रेन से उतारा तो मुंबई से पैदल ओडिशा निकल पड़े मजदूर, ETV भारत ने जाना हाल

सोमवार को 28 मजदूर मुंबई से पैदल चलते हुए राजधानी रायपुर पहुंचे. जहां से उन्हें ओडिशा जाना है. इन मजदूरों से ETV भारत की टीम ने बात की. मजदूरों का कहना है कि उन्हें न तो ट्रेन मिली और न ही उनके लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था की गई है, जिसके कारण वे पैदल चलने को मजबूर हैं.

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मुंबई से पैदल ओडिशा जा रहे 28 मजदूर से ETV भारत ने की बात
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Published : May 11, 2020, 3:13 PM IST

Updated : May 11, 2020, 5:10 PM IST

रायपुर: कई राज्यों के मजदूर दूसरे राज्य में अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए गए थे, लेकिन कोरोना वायरस ने इन मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली अब ये मजदूर मजबूर होकर कई परेशानियों को झेलते हुए अपने घर वापस लौट रहे हैं.

मुंबई से पैदल ओडिशा जा रहे मजदूरों से ETV भारत ने की बात

कोरोना काल में इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की किल्लत आ चुकी है. कोरोना की त्रासदी इन बेबस मजदूरों की आंखों में साफ देखी जा सकती है. हजारों किलोमीटर दूर से पैदल चलकर अपने गांव लौटना किसी त्रासदी से कम नहीं है. 43 डिग्री तापमान की टॉर्चर करने वाली गर्मी में झुलसते हुए चेहरों के साथ ऐसे कई मजदूरों के जत्थे घर वापसी करते देखे जा सकते हैं. वहीं सरकार लगातार दावा कर रही है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचने के लिए ट्रेन और बसों की व्यवस्था करवाई जा रही हैं, लेकिन धरातल पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है.

पढ़ें: कोरबा: कंपनी में बंद हुआ काम, पैदल ही मजदूर निकल पड़े गांव

इसी बीच मुंबई पैदल निकले 28 मजदूर जो ओडिशा जाने के लिए निकले. जब वे रायपुर पहुंचे तो ETV भारत की टीम ने उनसे बात की और उनका दर्द जाना है. मजदूरों का कहना है कि न तो उन्हें ट्रेन मिली है और न ही उनके लिए किसी तरीके की कोई व्यवस्था की गई है, जिसके कारण वे हजारों किलोमीटर पैदल चलते हुए अपने घर जाने को मजबूर हैं. 28 मजदूर मुंबई से राजधानी रायपुर पहुंचे हैं, जहां से इन्हें ओडिशा जाना है. मजदूरों का कहना है कि वे ट्रेन तक पहुंचे थे और ट्रेन में बैठ भी गए, लेकिन उन्हें यह कहकर उतार दिया गया कि यह उनके लिए नहीं है. मजदूरों का कहना है कि उनके पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. इसलिए वे पैदल ही निकल पड़े हैं. उन्होंने आगे बताया कि रास्ते में कई लोग लिफ्ट देकर उनकी मदद भी करते हैं.

रायपुर: कई राज्यों के मजदूर दूसरे राज्य में अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए गए थे, लेकिन कोरोना वायरस ने इन मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली अब ये मजदूर मजबूर होकर कई परेशानियों को झेलते हुए अपने घर वापस लौट रहे हैं.

मुंबई से पैदल ओडिशा जा रहे मजदूरों से ETV भारत ने की बात

कोरोना काल में इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की किल्लत आ चुकी है. कोरोना की त्रासदी इन बेबस मजदूरों की आंखों में साफ देखी जा सकती है. हजारों किलोमीटर दूर से पैदल चलकर अपने गांव लौटना किसी त्रासदी से कम नहीं है. 43 डिग्री तापमान की टॉर्चर करने वाली गर्मी में झुलसते हुए चेहरों के साथ ऐसे कई मजदूरों के जत्थे घर वापसी करते देखे जा सकते हैं. वहीं सरकार लगातार दावा कर रही है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचने के लिए ट्रेन और बसों की व्यवस्था करवाई जा रही हैं, लेकिन धरातल पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है.

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इसी बीच मुंबई पैदल निकले 28 मजदूर जो ओडिशा जाने के लिए निकले. जब वे रायपुर पहुंचे तो ETV भारत की टीम ने उनसे बात की और उनका दर्द जाना है. मजदूरों का कहना है कि न तो उन्हें ट्रेन मिली है और न ही उनके लिए किसी तरीके की कोई व्यवस्था की गई है, जिसके कारण वे हजारों किलोमीटर पैदल चलते हुए अपने घर जाने को मजबूर हैं. 28 मजदूर मुंबई से राजधानी रायपुर पहुंचे हैं, जहां से इन्हें ओडिशा जाना है. मजदूरों का कहना है कि वे ट्रेन तक पहुंचे थे और ट्रेन में बैठ भी गए, लेकिन उन्हें यह कहकर उतार दिया गया कि यह उनके लिए नहीं है. मजदूरों का कहना है कि उनके पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. इसलिए वे पैदल ही निकल पड़े हैं. उन्होंने आगे बताया कि रास्ते में कई लोग लिफ्ट देकर उनकी मदद भी करते हैं.

Last Updated : May 11, 2020, 5:10 PM IST
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