ETV Bharat / state

SPECIAL: ETV भारत पर छलका हथकरघा बुनकरों का दर्द

हथकरघा के बुनकर और कारीगरों को कोरोना और लॉकडाउन के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. राजधानी रायपुर के रावाभाठा स्थित मैदान में हैंडलूम एक्सपो का आयोजन किया गया है. ETV भारत ने बुनकरों से बातचीत की है. इस दौरान हथकरघा बुनकर परेशान नजर आए.

conditions of handloom weavers
हैंडलूम एक्सपो का आयोजन
author img

By

Published : Jan 28, 2021, 11:04 PM IST

रायपुर: राजधानी में हथकरघा एक्सपो का स्टॉल लगा है. हथकरघा एक्सपो में कई राज्यों के बुनकरों ने कपड़ों की स्टॉल लगाई है. यह स्टॉल राजधानी में 1 महीने के लिए लगाई गई है. हथकरघा एक्सपो में आए अन्य राज्यों के बुनकरों और स्टॉल मालिकों से ETV भारत ने बात की है. उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन में हुई परेशानियों को ETV भारत के साथ साझा किया है.

छलका हथकरघा बुनकरों का दर्द

बुनकरों ने बताया कि कई राज्य सरकारों से बुनकरों या कारीगरों को किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. हालांकि कुछ राज्य के बुनकरों को जरूर राज्य सरकार की ओर से मदद मिली है. हथकरघा वस्त्र के बुनकर और कारीगर भारतीय संस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रहे हैं. हथकरघा उद्योग जिसमें कपड़ों को हाथ से बुना जाता है, भारत की प्राचीन और समृद्ध उद्योगों में से एक है. पावर लूम के आने से इस उद्योग को वैसे भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर बुनाई करके आमदनी कमाने वाले बुनकर परिवारों पर पड़ा है.

wait for customer
ग्राहक के इंतजार में बैठा बुनकर

पढ़ें: छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के 7 सदस्यों ने दिया इस्तीफा

1 महीने तक चलेगा हैंडलूम एक्सपो

राजधानी रायपुर के रावाभाठा स्थित मैदान में हैंडलूम एक्सपो का आयोजन किया गया है. जिसमें देश के कई राज्यों के बुनकर और कारीगरों ने स्टॉल लगाए हैं. स्टॉल 1 महीने तक रहेगा. हथकरघा एक्सपो का आयोजन 25 जनवरी से 25 फरवरी तक चलेगा.

लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी

हथकरघा एक्सपो में आए बुनकरों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल लोगों की भीड़ हथकरघा एक्सपो में कम दिखाई पड़ रही है. कहीं ना कहीं लोगों में कोरोना का डर बना हुआ है. जिसके कारण भी लोग हैंडलूम एक्सपो में कम नजर आ रहे हैं. वैसे भी बुनकर और कारीगर कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ में हथकरघा उद्योग पर सियासत, रमन सिंह का बघेल सरकार पर गंभीर आरोप

तेलंगाना सरकार ने की मदद

हथकरघा एक्सपो में आए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान जैसे कुछ राज्य के बुनकर और कारीगरों से जब ETV भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. तेलंगाना राज्य को छोड़कर दूसरे राज्य की सरकारों ने किसी तरह की कोई मदद बुनकर और कारीगरों को नहीं दी है.

औरंगाबाद में 50 दिनों तक रहे कमरे में

हथकरघा के बुनकर और कारीगरों ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के समय हैंडलूम एक्सपो का आयोजन औरंगाबाद शहर में था. जिसकी वजह से इनको लगभग 50 दिनों तक एक कमरे में बंद रह कर अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ी थी. हैंडलूम एक्सपो में आए कारीगर और बुनकरों को रायपुर के इस हैंडलूम एक्सपो से काफी उम्मीदें हैं.

रायपुर: राजधानी में हथकरघा एक्सपो का स्टॉल लगा है. हथकरघा एक्सपो में कई राज्यों के बुनकरों ने कपड़ों की स्टॉल लगाई है. यह स्टॉल राजधानी में 1 महीने के लिए लगाई गई है. हथकरघा एक्सपो में आए अन्य राज्यों के बुनकरों और स्टॉल मालिकों से ETV भारत ने बात की है. उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन में हुई परेशानियों को ETV भारत के साथ साझा किया है.

छलका हथकरघा बुनकरों का दर्द

बुनकरों ने बताया कि कई राज्य सरकारों से बुनकरों या कारीगरों को किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. हालांकि कुछ राज्य के बुनकरों को जरूर राज्य सरकार की ओर से मदद मिली है. हथकरघा वस्त्र के बुनकर और कारीगर भारतीय संस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रहे हैं. हथकरघा उद्योग जिसमें कपड़ों को हाथ से बुना जाता है, भारत की प्राचीन और समृद्ध उद्योगों में से एक है. पावर लूम के आने से इस उद्योग को वैसे भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिसका सीधा असर बुनाई करके आमदनी कमाने वाले बुनकर परिवारों पर पड़ा है.

wait for customer
ग्राहक के इंतजार में बैठा बुनकर

पढ़ें: छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के 7 सदस्यों ने दिया इस्तीफा

1 महीने तक चलेगा हैंडलूम एक्सपो

राजधानी रायपुर के रावाभाठा स्थित मैदान में हैंडलूम एक्सपो का आयोजन किया गया है. जिसमें देश के कई राज्यों के बुनकर और कारीगरों ने स्टॉल लगाए हैं. स्टॉल 1 महीने तक रहेगा. हथकरघा एक्सपो का आयोजन 25 जनवरी से 25 फरवरी तक चलेगा.

लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी

हथकरघा एक्सपो में आए बुनकरों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल लोगों की भीड़ हथकरघा एक्सपो में कम दिखाई पड़ रही है. कहीं ना कहीं लोगों में कोरोना का डर बना हुआ है. जिसके कारण भी लोग हैंडलूम एक्सपो में कम नजर आ रहे हैं. वैसे भी बुनकर और कारीगर कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ में हथकरघा उद्योग पर सियासत, रमन सिंह का बघेल सरकार पर गंभीर आरोप

तेलंगाना सरकार ने की मदद

हथकरघा एक्सपो में आए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान जैसे कुछ राज्य के बुनकर और कारीगरों से जब ETV भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. तेलंगाना राज्य को छोड़कर दूसरे राज्य की सरकारों ने किसी तरह की कोई मदद बुनकर और कारीगरों को नहीं दी है.

औरंगाबाद में 50 दिनों तक रहे कमरे में

हथकरघा के बुनकर और कारीगरों ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के समय हैंडलूम एक्सपो का आयोजन औरंगाबाद शहर में था. जिसकी वजह से इनको लगभग 50 दिनों तक एक कमरे में बंद रह कर अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ी थी. हैंडलूम एक्सपो में आए कारीगर और बुनकरों को रायपुर के इस हैंडलूम एक्सपो से काफी उम्मीदें हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.