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मैं कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और अंतिम सांस तक कांग्रेसी रहूंगा- इकबाल अहमद रिजवी - रायपुर न्यूज

जेसीसीजे (jccj) के वरिष्ठ नेता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष इकबाल अहमद रिजवी (Iqbal Ahmed Rizvi) ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उन्होंने जोगी कांग्रेस (Jogi Congress) क्यों छोड़ी. आखिर क्यों उन्होंने कांग्रेस (Congress) ज्वाइन किया. इन मुद्दों पर ईटीवी भारत ने इकबाल अहमद रिजवी से खास बात की है.

इकबाल अहमद रिजवी
इकबाल अहमद रिजवी
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Published : Nov 16, 2021, 10:25 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 11:22 PM IST

रायपुर: जोगी परिवार (jogi family) के बेहद करीबी माने जाने वाले जेसीसीजे के मीडिया विभाग चेयरमैन इकबाल अहमद रिजवी (Iqbal Ahmed Rizvi) ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. रायपुर पहुंचे राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Rajya Sabha MP Digvijay Singh) ने कांग्रेसी गमछा पहनाकर उन्हें कांग्रेस में प्रवेश कराया. इस पूरे घटनाक्रम और उनकी कांग्रेस में वापसी पर ईटीवी भारत ने इकबाल अहमद रिजवी से खास बात की.

इकबाल अहमद रिजवी

सवाल- लंबे समय तक आप जोगी परिवार के साथ बने रहे लेकिन आज आपने कांग्रेस प्रवेश किया है क्या कारण है?

जवाब - अजीत जोगी से मेरे संबंध पुराने हैं, जब वह रायपुर में कलेक्टर थे उस समय प्रथम नगर निगम का चुनाव हुआ था. उसमें कांग्रेस से मैने पार्षद चुनाव लड़ा और जीत कर आया. तब से उनसे मधुर संबंध बने हुए थे.जब अजीत जोगी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई उन्होंने मेरे बिना पूछे ही मुझे मीडिया विभाग का चेयरमैन बना दिया था. तब से उनके साथ जुड़ा हुआ था. लेकिन अलग-अलग पार्टियों के साथ भी मेरे संबंध अच्छे रहे. मैंने आज तक किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग कभी नहीं किया है. हमेशा की तरह आज मैं दिग्विजय सिंह से मिलने के लिए एयरपोर्ट गया था. आज वहां कुछ ऐसे सवाल मेरे मन में उठे. फिर मुझे ख्याल आया कि मुझे कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए. दिग्विजय सिंह से मेरी बात हो रही थी. उन्होंने उसी समय मुझे कांग्रेसी पंजा छाप का तिरंगा गमछा पहनाया और उन्होंने घोषणा की कि आज से तुम कांग्रेसी हो गए.

उन्होंने कहा तुम्हारी घर वापसी हो गई. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक सत्यनारायण शर्मा और तमाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. अब जो औपचारिकता है इसके लिए मैं विधिवत पार्टी के अध्यक्ष मोहन मरकाम को पत्र लिखूंगा. मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखूंगा. कई बार मैंने सीएम से मिलने का समय लिया लेकिन वहां किसी कारणवश समय नहीं मिल पाया. दिग्विजय सिंह से भी मेरे बेहद करीबी संबंध रहे हैं उन्होंने मेरे ऊपर काफी उपकार किए हैं.उन्होंने मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम का मुझे अध्यक्ष बनाया. 1986 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य के लिए मेरे लिए प्रयास भी किया था. लेकिन आखिरी समय में मेरा नाम कट गया यह भाग्य की बात है. वह जो संबंध चले आ रहे हैं वह आज भी कायम हैं.

सवाल: क्या आप कांग्रेस पार्टी में प्रवेश के लिए पत्र लिखेंगे.

जवाब: मैं पुराना कांग्रेसी हूं जो विधिवत प्रक्रिया है उसे अपनाना चाहिए. आज या कल में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखूंगा.

सवाल:किन कारणों से आपने जोगी कांग्रेस छोड़ी ?

जवाब- छोड़ने का कोई कारण नहीं है. मैं कभी भी किसी के खिलाफ नहीं बोलता. अजीत जोगी के निधन के बाद से थोड़ा सा मन उचाट हो गया था. इसलिए मैं घर से भी बहुत कम निकलता था. कोरोना काल आने के बाद 2 साल मैं घर से बाहर ही नहीं निकला. किसी पद में रहो तो पद के प्रति न्याय भी करना चाहिए. शुरू से मेरी मानसिकता सेकुलर रही है. मैं चाहता था कि घर वापसी कर लूं तो ज्यादा बेहतर और आज का दिन प्रकृति ने तय किया ऐसा मुझे लगता है.

सवाल-अजीत जोगी के निधन के बाद उनके करीबी लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. क्या नेतृत्व की क्षमता उनके बेटे और पत्नी में नहीं है?

जवाब - ऐसी कोई बात नहीं है जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है वे अपना बताएंगे. लेकिन मेरे पास ऐसा कोई कारण नहीं है. किसी के विरोध में बोलना या खराब ही ढूंढना. कांग्रेस में मुझे जाना था और मैं आ गया. कोई विवाद की स्थिति नहीं है आज भी मेरे पारिवारिक संबंध है और पारिवारिक संबंध हमेशा बने रहेंगे. आज भी अजीत जोगी मेरी यादों में है और मेरे ही नहीं पूरे प्रदेश वासियों के यादों ने वे रहेंगे.

सवाल - कांग्रेस प्रवेश से पहले क्या आपने रेणु जोगी और अमित जोगी से चर्चा की थी?

जवाब- नहीं उनसे कोई बात नहीं हुई. मैं बात करना चाह रहा था लेकिन ऐसा समय नही आ पाया. मैंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी बात करने की कोशिश की. लेकिन उनकी इतनी व्यस्तता थी कि समय नहीं मिला. अगर समय मिला होता तो अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री के सामने ही पार्टी में प्रवेश कर लेता. लेकिन यह प्रवेश दिग्विजय सिंह के माध्यम से हुआ है उनका मुझ पर काफी एहसान है..

सवाल - जोगी कांग्रेस के भविष्य को किस तरह से देखते हैं?

जवाब- किसी के भविष्य के बारे में ऊपर वाले के सिवाय कोई कुछ नहीं कह सकता, जैसा भी भविष्य होगा वह दिखलाई देगा.

सवाल- जिस उद्देश्य से अजित जोगी ने पार्टी का गठन किया था, क्या उन उद्देश्य पर पार्टी चल पा रही है या नहीं?

जवाब - अजीत जोगी ने जो सोचकर पार्टी बनाई. उन्हें ऐसा लगा कि मुझे पार्टी बनानी चाहिए इसलिए उन्होंने यह पार्टी बनाई. उनकी लोकप्रियता तो सब देख ही रहे हैं. जोगी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 14% वोट पाए थे. पांच विधायक जीत पर भी आए. 13 प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. लेकिन कांग्रेस के पक्ष में इस तरह के बहुमत आए. जो भी करता है ऊपर वाला ठीक ही करता है.

सवाल- कांग्रेस में आपने प्रवेश कर लिया है , किस तरह के पद की उम्मीद करते हैं?

जवाब- पार्टी में रहेंगे पार्टी की सेवा करेंगे. पद मुझे बहुत मिल चुके हैं मैं पद का भूखा नहीं हूं. लेकिन मैं कांग्रेसी हूं कांग्रेसी रहूंगा अंतिम दम तक और आखरी सांस तक मैं कांग्रेसी ही रहूंगा. इसे देखते हुए मैं अपनी पार्टी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं. परिस्थितियां जैसे भी बनेगी उसमें हम साथ रहेंगे. मेरी कामना है कि भविष्य में देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए कांग्रेस का आना केंद्र स्तर पर भी जरूरी है.

रायपुर: जोगी परिवार (jogi family) के बेहद करीबी माने जाने वाले जेसीसीजे के मीडिया विभाग चेयरमैन इकबाल अहमद रिजवी (Iqbal Ahmed Rizvi) ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. रायपुर पहुंचे राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Rajya Sabha MP Digvijay Singh) ने कांग्रेसी गमछा पहनाकर उन्हें कांग्रेस में प्रवेश कराया. इस पूरे घटनाक्रम और उनकी कांग्रेस में वापसी पर ईटीवी भारत ने इकबाल अहमद रिजवी से खास बात की.

इकबाल अहमद रिजवी

सवाल- लंबे समय तक आप जोगी परिवार के साथ बने रहे लेकिन आज आपने कांग्रेस प्रवेश किया है क्या कारण है?

जवाब - अजीत जोगी से मेरे संबंध पुराने हैं, जब वह रायपुर में कलेक्टर थे उस समय प्रथम नगर निगम का चुनाव हुआ था. उसमें कांग्रेस से मैने पार्षद चुनाव लड़ा और जीत कर आया. तब से उनसे मधुर संबंध बने हुए थे.जब अजीत जोगी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई उन्होंने मेरे बिना पूछे ही मुझे मीडिया विभाग का चेयरमैन बना दिया था. तब से उनके साथ जुड़ा हुआ था. लेकिन अलग-अलग पार्टियों के साथ भी मेरे संबंध अच्छे रहे. मैंने आज तक किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग कभी नहीं किया है. हमेशा की तरह आज मैं दिग्विजय सिंह से मिलने के लिए एयरपोर्ट गया था. आज वहां कुछ ऐसे सवाल मेरे मन में उठे. फिर मुझे ख्याल आया कि मुझे कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए. दिग्विजय सिंह से मेरी बात हो रही थी. उन्होंने उसी समय मुझे कांग्रेसी पंजा छाप का तिरंगा गमछा पहनाया और उन्होंने घोषणा की कि आज से तुम कांग्रेसी हो गए.

उन्होंने कहा तुम्हारी घर वापसी हो गई. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक सत्यनारायण शर्मा और तमाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. अब जो औपचारिकता है इसके लिए मैं विधिवत पार्टी के अध्यक्ष मोहन मरकाम को पत्र लिखूंगा. मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखूंगा. कई बार मैंने सीएम से मिलने का समय लिया लेकिन वहां किसी कारणवश समय नहीं मिल पाया. दिग्विजय सिंह से भी मेरे बेहद करीबी संबंध रहे हैं उन्होंने मेरे ऊपर काफी उपकार किए हैं.उन्होंने मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम का मुझे अध्यक्ष बनाया. 1986 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य के लिए मेरे लिए प्रयास भी किया था. लेकिन आखिरी समय में मेरा नाम कट गया यह भाग्य की बात है. वह जो संबंध चले आ रहे हैं वह आज भी कायम हैं.

सवाल: क्या आप कांग्रेस पार्टी में प्रवेश के लिए पत्र लिखेंगे.

जवाब: मैं पुराना कांग्रेसी हूं जो विधिवत प्रक्रिया है उसे अपनाना चाहिए. आज या कल में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखूंगा.

सवाल:किन कारणों से आपने जोगी कांग्रेस छोड़ी ?

जवाब- छोड़ने का कोई कारण नहीं है. मैं कभी भी किसी के खिलाफ नहीं बोलता. अजीत जोगी के निधन के बाद से थोड़ा सा मन उचाट हो गया था. इसलिए मैं घर से भी बहुत कम निकलता था. कोरोना काल आने के बाद 2 साल मैं घर से बाहर ही नहीं निकला. किसी पद में रहो तो पद के प्रति न्याय भी करना चाहिए. शुरू से मेरी मानसिकता सेकुलर रही है. मैं चाहता था कि घर वापसी कर लूं तो ज्यादा बेहतर और आज का दिन प्रकृति ने तय किया ऐसा मुझे लगता है.

सवाल-अजीत जोगी के निधन के बाद उनके करीबी लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. क्या नेतृत्व की क्षमता उनके बेटे और पत्नी में नहीं है?

जवाब - ऐसी कोई बात नहीं है जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है वे अपना बताएंगे. लेकिन मेरे पास ऐसा कोई कारण नहीं है. किसी के विरोध में बोलना या खराब ही ढूंढना. कांग्रेस में मुझे जाना था और मैं आ गया. कोई विवाद की स्थिति नहीं है आज भी मेरे पारिवारिक संबंध है और पारिवारिक संबंध हमेशा बने रहेंगे. आज भी अजीत जोगी मेरी यादों में है और मेरे ही नहीं पूरे प्रदेश वासियों के यादों ने वे रहेंगे.

सवाल - कांग्रेस प्रवेश से पहले क्या आपने रेणु जोगी और अमित जोगी से चर्चा की थी?

जवाब- नहीं उनसे कोई बात नहीं हुई. मैं बात करना चाह रहा था लेकिन ऐसा समय नही आ पाया. मैंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी बात करने की कोशिश की. लेकिन उनकी इतनी व्यस्तता थी कि समय नहीं मिला. अगर समय मिला होता तो अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री के सामने ही पार्टी में प्रवेश कर लेता. लेकिन यह प्रवेश दिग्विजय सिंह के माध्यम से हुआ है उनका मुझ पर काफी एहसान है..

सवाल - जोगी कांग्रेस के भविष्य को किस तरह से देखते हैं?

जवाब- किसी के भविष्य के बारे में ऊपर वाले के सिवाय कोई कुछ नहीं कह सकता, जैसा भी भविष्य होगा वह दिखलाई देगा.

सवाल- जिस उद्देश्य से अजित जोगी ने पार्टी का गठन किया था, क्या उन उद्देश्य पर पार्टी चल पा रही है या नहीं?

जवाब - अजीत जोगी ने जो सोचकर पार्टी बनाई. उन्हें ऐसा लगा कि मुझे पार्टी बनानी चाहिए इसलिए उन्होंने यह पार्टी बनाई. उनकी लोकप्रियता तो सब देख ही रहे हैं. जोगी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 14% वोट पाए थे. पांच विधायक जीत पर भी आए. 13 प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. लेकिन कांग्रेस के पक्ष में इस तरह के बहुमत आए. जो भी करता है ऊपर वाला ठीक ही करता है.

सवाल- कांग्रेस में आपने प्रवेश कर लिया है , किस तरह के पद की उम्मीद करते हैं?

जवाब- पार्टी में रहेंगे पार्टी की सेवा करेंगे. पद मुझे बहुत मिल चुके हैं मैं पद का भूखा नहीं हूं. लेकिन मैं कांग्रेसी हूं कांग्रेसी रहूंगा अंतिम दम तक और आखरी सांस तक मैं कांग्रेसी ही रहूंगा. इसे देखते हुए मैं अपनी पार्टी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं. परिस्थितियां जैसे भी बनेगी उसमें हम साथ रहेंगे. मेरी कामना है कि भविष्य में देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए कांग्रेस का आना केंद्र स्तर पर भी जरूरी है.

Last Updated : Nov 16, 2021, 11:22 PM IST
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