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Exclusive: कोरोना को मात देकर घर लौटे BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास से खास बातचीत

BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास कोरोना के शिकार हो गए थे. इलाज के बाद कोरोना से जंग जीतकर वे घर लौट आए हैं. ETV भारत ने कोरोना संक्रमित होने से लेकर ठीक होकर घर लौटने के उनके अनुभव के बारे में उनसे खास बातचीत की है.

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BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास
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Published : Aug 2, 2020, 2:32 AM IST

Updated : Aug 2, 2020, 9:17 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. आए दिन सैकड़ों नए मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसे में प्रदेश के कई जिलों में पूर्ण लॉकडाउन और कई जिलों में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया है. स्वास्थ्यकर्मी, नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना वॉरियर्स भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में कोरोना ने राजनीतिक गलियारों में दस्तक दी. इस दौरान प्रदेश के BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास कोरोना के शिकार हुए थे. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास से खास बातचीत

BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास अब पूरी तरह ठीक हो गए हैं. कोरोना से जंग जीतकर घर लौट आए हैं. ETV भारत ने कोरोना संक्रमित होने से लेकर ठीक होकर घर लौटने के उनके अनुभव के बारे में उनसे बातचीत की. इस दौरान BJP प्रवक्ता ने कई अहम बातों को सामने रखा. अपने अनुभव हमारे साथ साझा किए. उन्होंने कहा कि लोगों ने करोना के लिए बनाए गए तमाम नियमों की अनदेखी की है. जिसका नतीजा है कि आज कोरोना महामारी के रूप में गांव, गली और मोहल्लों तक पहुंच गया है.

पढ़ें: गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पर बीजेपी का निशाना, नक्सलवाद के मुद्दे पर घेरा

कोरोना के लक्षण को छुपाए नहीं
गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि मैंने खुद नहीं सोचा था कि मैं कभी कोरोना पॉजिटिव हो जाउंगा. क्योंकि मैं खुद रोज वर्कआउट करता हूं. अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग रहता हूं. बावजूद इसके मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव रही. कोरोना को लेकर अब पहले जैसे लक्षण नहीं दिखते कोरोना वायरस रूप बदला है. क्योंकि मुझे भी सर्दी खांसी और बुखार कोई भी लक्षण नहीं थे. न केवल मुझे बल्कि मेरे साथ एम्स के उस वार्ड में भर्ती सभी लोगों में लक्षण न के बराबर थे. हाइपरटेंशन और हार्ट के मरीजों को चिंता करने की जरूरत है. ऐसे लोगों को कोरोना अटैक का खतरा अधिक होता है. उन्होंने साफ कहा है कि आप इस गलतफहमी में न रहें कि आपको कोरोना नहीं हो सकता है.

अस्पताल में रहना है बड़ी चुनौती
इस बीमारी के इलाज के दरमियान लोगों को परिवार से दूर रहकर अस्पताल में अकेले रहना होता है. ऐसे समय में सबसे ज्यादा आपको परिवार की जरूरत होती है. चूंकि हम जब थोड़े से भी बीमार पड़ते हैं तो सबसे ज्यादा साथ परिवार के सदस्यों का मिलता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद आपको अपने परिवार से दूर होना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी कोरोना की जद में आ रहे है. मैं और आप यदि लापरवाही बरत रहे हैं, तो कोरोना किसी को भी अपनी चपेट में लेने से नहीं चूकेगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. आए दिन सैकड़ों नए मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसे में प्रदेश के कई जिलों में पूर्ण लॉकडाउन और कई जिलों में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया है. स्वास्थ्यकर्मी, नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना वॉरियर्स भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में कोरोना ने राजनीतिक गलियारों में दस्तक दी. इस दौरान प्रदेश के BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास कोरोना के शिकार हुए थे. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास से खास बातचीत

BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास अब पूरी तरह ठीक हो गए हैं. कोरोना से जंग जीतकर घर लौट आए हैं. ETV भारत ने कोरोना संक्रमित होने से लेकर ठीक होकर घर लौटने के उनके अनुभव के बारे में उनसे बातचीत की. इस दौरान BJP प्रवक्ता ने कई अहम बातों को सामने रखा. अपने अनुभव हमारे साथ साझा किए. उन्होंने कहा कि लोगों ने करोना के लिए बनाए गए तमाम नियमों की अनदेखी की है. जिसका नतीजा है कि आज कोरोना महामारी के रूप में गांव, गली और मोहल्लों तक पहुंच गया है.

पढ़ें: गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पर बीजेपी का निशाना, नक्सलवाद के मुद्दे पर घेरा

कोरोना के लक्षण को छुपाए नहीं
गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि मैंने खुद नहीं सोचा था कि मैं कभी कोरोना पॉजिटिव हो जाउंगा. क्योंकि मैं खुद रोज वर्कआउट करता हूं. अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग रहता हूं. बावजूद इसके मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव रही. कोरोना को लेकर अब पहले जैसे लक्षण नहीं दिखते कोरोना वायरस रूप बदला है. क्योंकि मुझे भी सर्दी खांसी और बुखार कोई भी लक्षण नहीं थे. न केवल मुझे बल्कि मेरे साथ एम्स के उस वार्ड में भर्ती सभी लोगों में लक्षण न के बराबर थे. हाइपरटेंशन और हार्ट के मरीजों को चिंता करने की जरूरत है. ऐसे लोगों को कोरोना अटैक का खतरा अधिक होता है. उन्होंने साफ कहा है कि आप इस गलतफहमी में न रहें कि आपको कोरोना नहीं हो सकता है.

अस्पताल में रहना है बड़ी चुनौती
इस बीमारी के इलाज के दरमियान लोगों को परिवार से दूर रहकर अस्पताल में अकेले रहना होता है. ऐसे समय में सबसे ज्यादा आपको परिवार की जरूरत होती है. चूंकि हम जब थोड़े से भी बीमार पड़ते हैं तो सबसे ज्यादा साथ परिवार के सदस्यों का मिलता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद आपको अपने परिवार से दूर होना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी कोरोना की जद में आ रहे है. मैं और आप यदि लापरवाही बरत रहे हैं, तो कोरोना किसी को भी अपनी चपेट में लेने से नहीं चूकेगा.

Last Updated : Aug 2, 2020, 9:17 AM IST
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