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छत्तीसगढ़ में अजब गजब: अकेले रायपुर में 8 माह में 15 हजार नए बेरोजगार, सिर्फ 31 को नौकरी

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Published : Oct 6, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 6:54 PM IST

Employment statistics in chhattisgarh अभी हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने छत्तीसगढ़ को लेकर आंकड़ा पेश किया है. इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ में 99 फीसदी लोग किसी ना किसी रोजगार से जुड़कर धन अर्जित कर रहे हैं. लेकिन अकेले रायपुर की बात करें तो यहां के रोजगार पंजीयन कार्यालय के आंकड़े कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं.

रायपुर में 8 माह में 15 हजार नए बेरोजगार, सिर्फ 31 को नौकरी
रायपुर में 8 माह में 15 हजार नए बेरोजगार, सिर्फ 31 को नौकरी

रायपुर: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy) ने हाल ही में रोजगार का मासिक आंकड़ा जारी किया है. इसके मुताबिक सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 प्रतिशत के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है. यानी छत्तीसगढ़ के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं, लेकिन रायपुर जिला रोजगार कार्यालय से दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है. यह बेहद ही चौंकाने वाला है.


3 हजार में 31 युवाओं को मिला रोजगार : रायपुर जिला रोजगार कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले 8 माह में 15 हजार 738 युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया. खास बात यह भी है कि रायपुर में बेरोजगारों के साथ जॉब के ऑफर भी बढ़े और पिछले 5 महीने में 5 हजार 172 पदों के लिए 20 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए, लेकिन इन पदों के लिए महज 2 हजार 924 लोग ही इंटरव्यू में पहुंचे. हालांकि चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि इनमें भी महज 31 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया ( employment statistics in chhattisgarh) है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शिक्षाविद् शशांक शर्मा बताते हैं कि ''बहुत से युवा सरकारी पदों पर नियुक्तियों की अनिवार्य शर्त के रूप में पंजीयन कराते हैं, लेकिन जिला रोजगार स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र की ओर से आयोजित कराए जा रहे प्लेसमेंट कैंप में नौकरी के लिए सामने नहीं आते. क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी चाहिए. एक तथ्य यह भी है कि निजी कंपनियों द्वारा जितने बड़े पैमाने पर पदों का दावा कर इंटरव्यू लिया जा रहा है, उतनी संख्या में युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही. यही वजह है कि 2924 युवाओं में से महज 31 युवाओं को ही नौकरी मिली ( Raipur employment news) है.''


2 साल में 817 युवाओं को ही जॉब : साल 2020 से लेकर चालू वर्ष 2022 में अगस्त तक रोजगार कार्यालय की ओर से कुल 57 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए. इन कैंपों में निजी कंपनियों की ओर से 20,000 से अधिक रिक्त पदों के लिए युवाओं को साक्षात्कार में आमंत्रित किया गया. पदों की तुलना में सिर्फ 3058 ही युवा साक्षात्कार में उपस्थित हुए. इनमें भी सिर्फ 817 युवाओं को ही इन 2 सालों में जॉब मिल पाया है. इससे स्पष्ट है कि पंजीयन कराने के बाद युवा रोजगार प्राप्त करने प्लेसमेंट कैंपों में शामिल नहीं हो रहे हैं. जानकार यह भी दावा कर रहें हैं कि उन्हें बेहतर जॉब नहीं मिल रहा होगा. जिसकी वजह से वे प्लेसमेंट कैम्प में शामिल नहीं हो रहे.

वर्षवार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या
2015 17753
2016 19965
2017 19770
2018 14050
2019 15464
2020 81936
2021 76598
31अगस्त 2022 78302


क्या कहते हैं अफसर : रायपुर जिला रोजगार कार्यालय के उप संचालक एओ लारी बताते हैं "पंजीकृत युवाओं को रोजगार देने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित कर लगातार प्लेसमेंट कैंप आयोजित किए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. बहुत से ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने पंजीयन तो करा लिया, लेकिन जब उन्हें रोजगार देने के लिए प्लेसमेंट कैम्प लगाते हैं तो कम ही युवा शामिल होते हैं. बहुत से युवा सरकारी नौकरी की अनिवार्य शर्त के लिए भी पंजीयन कराते हैं."

CMIE के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कितने फीसद बेरोजगारी दर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएमआईई ( सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी ) के द्वारा जारी किए गए बेरोजगारी के आंकड़ों को साझा करते हुए ट्वीट किया था. उनके मुताबिक, आज छत्तीसगढ़ में सिर्फ 1.7 फीसद बेरोजगारी दर है जबकि देश की बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत है. मोदी जी से आग्रह है कि देश की बेरोजगारी दर कम करने के लिए देश हित में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार का मॉडल जरूर अपनाएं.

क्या था सीएम भूपेश का बयान : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना था कि ''प्रदेश में उनकी सरकार ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है. तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये-नये अवसर सृजित हो रहे हैं. इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है. जिससे प्रदेश में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित : कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही. तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही. सीएमआईई (सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी ) के नए आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ 1.7 फीसद के साथ कम बेरोजगारी वाले राज्यों में तीसरे क्रम पर है. जबकि पड़ोसी ओडिशा एक फीसद के साथ पहले क्रम पर है. मेघालय 1.4 फीसद के साथ दूसरे क्रम पर और कर्नाटक 2 फीसद के साथ चौथे पायदान पर है. राजस्थान में बेरोजगारी दर 32.3 फीसद, हरियाणा में 31 फीसद, झारखंड में 15 फीसद और बिहार में 14 फीसद है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.4 फीसद है. शहरी बेरोजगारी दर 8.1 फीसद और ग्रामीण बेरोजगारी 7.2 फीसद है.


रायपुर: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy) ने हाल ही में रोजगार का मासिक आंकड़ा जारी किया है. इसके मुताबिक सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 प्रतिशत के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है. यानी छत्तीसगढ़ के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं, लेकिन रायपुर जिला रोजगार कार्यालय से दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है. यह बेहद ही चौंकाने वाला है.


3 हजार में 31 युवाओं को मिला रोजगार : रायपुर जिला रोजगार कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले 8 माह में 15 हजार 738 युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया. खास बात यह भी है कि रायपुर में बेरोजगारों के साथ जॉब के ऑफर भी बढ़े और पिछले 5 महीने में 5 हजार 172 पदों के लिए 20 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए, लेकिन इन पदों के लिए महज 2 हजार 924 लोग ही इंटरव्यू में पहुंचे. हालांकि चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि इनमें भी महज 31 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया ( employment statistics in chhattisgarh) है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शिक्षाविद् शशांक शर्मा बताते हैं कि ''बहुत से युवा सरकारी पदों पर नियुक्तियों की अनिवार्य शर्त के रूप में पंजीयन कराते हैं, लेकिन जिला रोजगार स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र की ओर से आयोजित कराए जा रहे प्लेसमेंट कैंप में नौकरी के लिए सामने नहीं आते. क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी चाहिए. एक तथ्य यह भी है कि निजी कंपनियों द्वारा जितने बड़े पैमाने पर पदों का दावा कर इंटरव्यू लिया जा रहा है, उतनी संख्या में युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही. यही वजह है कि 2924 युवाओं में से महज 31 युवाओं को ही नौकरी मिली ( Raipur employment news) है.''


2 साल में 817 युवाओं को ही जॉब : साल 2020 से लेकर चालू वर्ष 2022 में अगस्त तक रोजगार कार्यालय की ओर से कुल 57 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए. इन कैंपों में निजी कंपनियों की ओर से 20,000 से अधिक रिक्त पदों के लिए युवाओं को साक्षात्कार में आमंत्रित किया गया. पदों की तुलना में सिर्फ 3058 ही युवा साक्षात्कार में उपस्थित हुए. इनमें भी सिर्फ 817 युवाओं को ही इन 2 सालों में जॉब मिल पाया है. इससे स्पष्ट है कि पंजीयन कराने के बाद युवा रोजगार प्राप्त करने प्लेसमेंट कैंपों में शामिल नहीं हो रहे हैं. जानकार यह भी दावा कर रहें हैं कि उन्हें बेहतर जॉब नहीं मिल रहा होगा. जिसकी वजह से वे प्लेसमेंट कैम्प में शामिल नहीं हो रहे.

वर्षवार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या
2015 17753
2016 19965
2017 19770
2018 14050
2019 15464
2020 81936
2021 76598
31अगस्त 2022 78302


क्या कहते हैं अफसर : रायपुर जिला रोजगार कार्यालय के उप संचालक एओ लारी बताते हैं "पंजीकृत युवाओं को रोजगार देने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित कर लगातार प्लेसमेंट कैंप आयोजित किए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. बहुत से ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने पंजीयन तो करा लिया, लेकिन जब उन्हें रोजगार देने के लिए प्लेसमेंट कैम्प लगाते हैं तो कम ही युवा शामिल होते हैं. बहुत से युवा सरकारी नौकरी की अनिवार्य शर्त के लिए भी पंजीयन कराते हैं."

CMIE के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कितने फीसद बेरोजगारी दर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएमआईई ( सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी ) के द्वारा जारी किए गए बेरोजगारी के आंकड़ों को साझा करते हुए ट्वीट किया था. उनके मुताबिक, आज छत्तीसगढ़ में सिर्फ 1.7 फीसद बेरोजगारी दर है जबकि देश की बेरोजगारी दर 7.4 प्रतिशत है. मोदी जी से आग्रह है कि देश की बेरोजगारी दर कम करने के लिए देश हित में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार का मॉडल जरूर अपनाएं.

क्या था सीएम भूपेश का बयान : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना था कि ''प्रदेश में उनकी सरकार ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है. तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये-नये अवसर सृजित हो रहे हैं. इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है. जिससे प्रदेश में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित : कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही. तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही. सीएमआईई (सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी ) के नए आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ 1.7 फीसद के साथ कम बेरोजगारी वाले राज्यों में तीसरे क्रम पर है. जबकि पड़ोसी ओडिशा एक फीसद के साथ पहले क्रम पर है. मेघालय 1.4 फीसद के साथ दूसरे क्रम पर और कर्नाटक 2 फीसद के साथ चौथे पायदान पर है. राजस्थान में बेरोजगारी दर 32.3 फीसद, हरियाणा में 31 फीसद, झारखंड में 15 फीसद और बिहार में 14 फीसद है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.4 फीसद है. शहरी बेरोजगारी दर 8.1 फीसद और ग्रामीण बेरोजगारी 7.2 फीसद है.


Last Updated : Oct 6, 2022, 6:54 PM IST
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