रायपुर: छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ अपनी 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. 10 जुलाई से संविदा कर्मचारी प्रदेशस्तर पर नया रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को अति आवश्यक सेवा बताकर 11 जुलाई से एस्मा लगा दिया गया. सरकार की ओर से एस्मा लगाए जाने के विरोध में बुधवार को संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह किया. सरकार बनने के पहले कांग्रेस ने नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन 4 साल बाद भी वादा पूरा न होने से संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल की राह पकड़ी है.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी: नया रायपुर के तूता धरना स्थल से महज 50 मीटर दूर तालाब के पानी में संविदा कर्मचारी उतर गए और विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी देखने को मिली. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर तालाब में डूबकर नारे लगाते नजर आए. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा के विरोध में जल सत्याग्रह करके सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिए जाने से आंदोलनकारी गुस्से में हैं.
हड़ताल पर हैं 54 विभागों के कर्मचारी: छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर के 54 विभागों में काम करने वाले हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से प्रदेश में कई विभागों में कामकाज प्रभावित हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग, वन विभाग, शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, पीएचई विभाग जैसे तमाम विभागों में कामकाज लगभग ठप हैं.
जानिए क्या है एस्मा, जिसका हो रहा विरोध: एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) तब इस्तेमाल किया जाता है जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं. इस कानून का इस्तेमाल हड़ताल को रोकने के लिए किया जाता है. इसे अधिकतम 6 महीने के लिए ही लगाया जा सकता है. यह कानून जिस सर्विसपर लगाया जाता है, उससे जुड़े कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते. कर्मचारी इस कानून का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें 6 महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा बिना वारंट के उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.