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छत्तीसगढ़ में बिजली टैरिफ नहीं हुई कम तो बिजली कंपनी को हो सकता है बड़ा नुकसान

छत्तीसगढ़ में बिजली टैरिफ में अगर आने वाले दिनों में कमी नहीं किया गया तो बिजली कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

electricity tariff in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बिजली टैरिफ
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Published : Feb 25, 2022, 3:46 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 4:18 PM IST

रायपुर:राजधानी के शांति नगर स्थित विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय में दो दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जनसुनवाई के पहले दिन कृषि, गैर घरेलू उपभोक्ता और घरेलू उपभोक्ता को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही आज छोटी और बड़ी इंडस्ट्री को लेकर चर्चा की जा रही है.

'हर साल बिजली वितरण कंपनी को होता है मुनाफा'

इस विषय में उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग ने दो दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन किया. बुधवार को कृषि, गैर घरेलू उपभोक्ता और घरेलू उपभोक्ता को लेकर चर्चा की गई. गुरुवार को छोटी और बड़ी इंडस्ट्री को लेकर चर्चा की जा रही है. आज उद्योगों की तरफ से हमने अपनी बात रखी है. वहीं, रेगुलेटरी कमीशन को काफी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. क्योंकि बिजली वितरण कंपनी का हमेशा प्रोजेक्शन हजारों करोड़ मुनाफे का होता है. लेकिन पुराने जो लॉसेस चले आ रहे हैं. उस वजह से जो मुनाफा है. वह कई सौ करोड़ लॉस में जाता है. यही स्थिति पिछले साल भी थी. इसके लिए जरूरत है कि जब फाइनल रिपोर्ट बनता है तो उसकी बहुत सावधानी से जांच की जाए.

उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा

यह भी पढ़ें: Bhupesh Baghel visit to Bilaspur: बिलासपुर को साढ़े 3 सौ करोड़ की सौगात देंगे भूपेश बघेल

'स्टील इंडस्ट्री, सोलर एनर्जी की ओर कर रही रुख'

कोरोना के कारण इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान हुआ है. अभी युक्रेन और रुस के बीच युद्ध जारी है. इससे सारी इंडस्ट्री डरी हुई है. ऊपर से प्रदेश में जो स्टील इंडस्ट्री है इसमें बहुत बड़ा रोल बिजली का होता है. पिछले साल विद्युत नियामक आयोग ने बहुत सारे निर्णय स्टील इंडस्ट्री के पक्ष में लिए हैं. लेकिन अभी और बहुत कुछ करने की जरूरत है क्योंकि झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों से अभी भी छत्तीसगढ़ में बिजली के टैरिफ ज्यादा हैं. इस वजह से बहुत सारे स्टील इंडस्ट्री और सोलर एनर्जी की तरफ जा रहे हैं. अपने प्लांट लगा रहे हैं. ऐसी स्थिति बनी रही तो बहुत सारे उद्योग सोलर एनर्जी की ओर रूख करेंगे. ऐसे में बिजली वितरण कंपनी बहुत बड़े घाटे में चली जाएगी. जिसका दुष्परिणाम दूसरे उपभोक्ताओं को उठाना पड़ सकता है.

'प्रदेश में किसानों की स्थिति खराब'

उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा ने बताया कि, बुधवार को कृषि को लेकर चर्चा की गई. जिसमें मैंने भी भाग लिया था और हमने बताया कि किसानों की जो परिस्थिति है वह बहुत खराब है. उनमें आक्रोश साफ नजर आ रहा है. मीटर प्रदान नहीं होने की वजह से अनाप-शनाप बिल उनको जारी हो रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति भी ग्रामीण क्षेत्र में काफी खराब है. अगर गांव में कोई फ्यूज उड़ जाता है या ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है तो कई दिन उसे ठीक होने में लग जाते हैं. किसानों को भी इससे काफी नुकसान पहुंचता है. इसको लेकर किसानों में काफी गुस्सा है.

दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश में टैरिफ ज्यादा-श्याम काबरा

छत्तीसगढ़ के अंदर में बिजली का टैरिफ किसानों के लिए दूसरे कई विकसित राज्यों की तुलना में ज्यादा है. छत्तीसगढ़ अभी विकास धीरे-धीरे कर रहा है... यहां के किसान ज्यादा विकसित नहीं है. आर्थिक रूप से पिछड़े और कमजोर हैं इसलिए इनकी टैरिफ पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

रायपुर:राजधानी के शांति नगर स्थित विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय में दो दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जनसुनवाई के पहले दिन कृषि, गैर घरेलू उपभोक्ता और घरेलू उपभोक्ता को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही आज छोटी और बड़ी इंडस्ट्री को लेकर चर्चा की जा रही है.

'हर साल बिजली वितरण कंपनी को होता है मुनाफा'

इस विषय में उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग ने दो दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन किया. बुधवार को कृषि, गैर घरेलू उपभोक्ता और घरेलू उपभोक्ता को लेकर चर्चा की गई. गुरुवार को छोटी और बड़ी इंडस्ट्री को लेकर चर्चा की जा रही है. आज उद्योगों की तरफ से हमने अपनी बात रखी है. वहीं, रेगुलेटरी कमीशन को काफी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. क्योंकि बिजली वितरण कंपनी का हमेशा प्रोजेक्शन हजारों करोड़ मुनाफे का होता है. लेकिन पुराने जो लॉसेस चले आ रहे हैं. उस वजह से जो मुनाफा है. वह कई सौ करोड़ लॉस में जाता है. यही स्थिति पिछले साल भी थी. इसके लिए जरूरत है कि जब फाइनल रिपोर्ट बनता है तो उसकी बहुत सावधानी से जांच की जाए.

उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा

यह भी पढ़ें: Bhupesh Baghel visit to Bilaspur: बिलासपुर को साढ़े 3 सौ करोड़ की सौगात देंगे भूपेश बघेल

'स्टील इंडस्ट्री, सोलर एनर्जी की ओर कर रही रुख'

कोरोना के कारण इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान हुआ है. अभी युक्रेन और रुस के बीच युद्ध जारी है. इससे सारी इंडस्ट्री डरी हुई है. ऊपर से प्रदेश में जो स्टील इंडस्ट्री है इसमें बहुत बड़ा रोल बिजली का होता है. पिछले साल विद्युत नियामक आयोग ने बहुत सारे निर्णय स्टील इंडस्ट्री के पक्ष में लिए हैं. लेकिन अभी और बहुत कुछ करने की जरूरत है क्योंकि झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों से अभी भी छत्तीसगढ़ में बिजली के टैरिफ ज्यादा हैं. इस वजह से बहुत सारे स्टील इंडस्ट्री और सोलर एनर्जी की तरफ जा रहे हैं. अपने प्लांट लगा रहे हैं. ऐसी स्थिति बनी रही तो बहुत सारे उद्योग सोलर एनर्जी की ओर रूख करेंगे. ऐसे में बिजली वितरण कंपनी बहुत बड़े घाटे में चली जाएगी. जिसका दुष्परिणाम दूसरे उपभोक्ताओं को उठाना पड़ सकता है.

'प्रदेश में किसानों की स्थिति खराब'

उरला इंड्रस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्याम काबरा ने बताया कि, बुधवार को कृषि को लेकर चर्चा की गई. जिसमें मैंने भी भाग लिया था और हमने बताया कि किसानों की जो परिस्थिति है वह बहुत खराब है. उनमें आक्रोश साफ नजर आ रहा है. मीटर प्रदान नहीं होने की वजह से अनाप-शनाप बिल उनको जारी हो रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति भी ग्रामीण क्षेत्र में काफी खराब है. अगर गांव में कोई फ्यूज उड़ जाता है या ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है तो कई दिन उसे ठीक होने में लग जाते हैं. किसानों को भी इससे काफी नुकसान पहुंचता है. इसको लेकर किसानों में काफी गुस्सा है.

दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश में टैरिफ ज्यादा-श्याम काबरा

छत्तीसगढ़ के अंदर में बिजली का टैरिफ किसानों के लिए दूसरे कई विकसित राज्यों की तुलना में ज्यादा है. छत्तीसगढ़ अभी विकास धीरे-धीरे कर रहा है... यहां के किसान ज्यादा विकसित नहीं है. आर्थिक रूप से पिछड़े और कमजोर हैं इसलिए इनकी टैरिफ पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

Last Updated : Feb 25, 2022, 4:18 PM IST

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