रायपुर :रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल मानी जाती हैं. यह सामान्य सीट है. जहां से कांग्रेस के विकास उपाध्याय विधायक हैं. विकास उपाध्याय के पहले बीजेपी के कद्दावर नेता राजेश मूणत यहां से विधायक और फिर रमन सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं.
मतदाताओं की संख्या : रायपुर पश्चिम में मतदाताओं की संख्या 291538 है. जिसमें पुरुष 147232 और महिला 144240 हैं. थर्ड जेंडर्स मतदाता 66 हैं.
2013 में कांटे की टक्कर में जीते मूणत : विधानसभा चुनाव 2013 की बात की जाए तो चुनावी मैदान में राजेश मूणत और विकास उपाध्याय थे. दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई. मंत्री होने के बावजूद राजेश मूणत सिर्फ 6000 वोट से ही जीत दर्ज कर पाए. विकास उपाध्याय ने मूणत को जोरदार टक्कर दी थी, लेकिन वे जीत से चूक गए थे. बावजूद इसके विकास उपाध्याय ने हार नहीं मानी और लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहें. बीजेपी सरकार के खिलाफ कार्यक्रमों, धरना प्रदर्शन, चक्का जाम सहित हर मौके पर वे क्षेत्रीय जनता के साथ खड़े रहे. उनकी बात को प्रमुखता से उठाते थे. यही वजह थी कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में विकास उपाध्याय ने बाजी पलटी.
जनता ने 2018 में मूणत को ठुकराया :पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्य किए, बड़े बड़े इंफ़्रास्ट्रक्चर खड़े किए भारत माता चौक, केनाल रोड सहित कई सौगातें क्षेत्रीय जनता को दी. बावजूद इसके साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राजेश मूणत को अपनी सीट गंवानी पड़ी. कांग्रेस के विकास उपाध्याय विधायक चुने गए. विकास ने लगभग 12000 वोटों से राजेश मूणत को हराया, जबकि राजेश मूणत ने अपने इस विधानसभा क्षेत्र में विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, बावजूद इसके वे हार गए.
साल 2018 के नतीजे : साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में विकास उपाध्याय को कुल क्षेत्र 76359 वोट मिले थे. जो प्राप्त मतदान का 50.86% था, वहीं भाजपा उम्मीदवार और तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत को 64147 वोट मिले थे. इस तरह विकास उपाध्याय ने 12212 वोटों से राजेश मूणत को हराकर जीत हासिल की थी.
साहू वोटर्स करते हैं विधायक का फैसला : रायपुर पश्चिम में साहू वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यही वजह है कि यहां पर साहू समाज का दबदबा है. यदि बात की जाए साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तो रायपुर पश्चिम विधानसभा से 38 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था. जिसमें से आठ साहू प्रत्याशी खड़े हुए थे.
नेताओं की मौजूदा स्थिति : मौजूदा समय की यदि बात करें को विकास उपाध्याय जनता के बीच में सक्रिय हैं. लगातार जनसंपर्क जरिए वो अपने मतदाताओं को साध रहे हैं. वहीं राजेश मूणत की बात की जाए तो चुनाव के बाद राजेश मूणत क्षेत्र से लगभग गायब थे. कई मौकों पर वे आयोजनों से दूर थे. लेकिन पिछले कुछ महीनों से एक बार फिर मूणत सक्रिय हुए हैं.चाहे मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम हो,या यूनिवर्सिटी में चौपाटी निर्माण का विरोध मूणत ने हर मौके पर अपनी सक्रियता दिखाई है.
किसे मिल सकता है टिकट : वर्तमान में एक बार फिर रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट से विकास उपाध्याय और राजेश मूणत के चुनाव लड़ने की संभावना है. यदि दोनों ही दलों ने इन दोनों को अपना अपना उम्मीदवार बनाया है तो फिर चुनाव में कांटे की टक्कर हो सकती है. हालांकि कांग्रेस विकास को और भाजपा राजेश को टिकट देगी या नहीं यह कह पाना मुश्किल है. बावजूद इसके दोनों ने ही पश्चिम विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसी है.
क्या है चुनाव के मुद्दे : रायपुर पश्चिम विधानसभा की समस्याओं की बात की जाए तो यहां कुछ खास समस्या नहीं है. क्योंकि यहां बिजली, पानी, सड़क, साफ सफाई की समुचित व्यवस्था बीजेपी शासनकाल में ही हो चुकी थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार में भी यहां लगातार काम होते रहे हैं. स्थानीय समस्याएं जैसे सामुदायिक भवन, शौचालय, उद्यान, ओपन जिम सहित अन्य मांग क्षेत्र में उठती रही है. लेकिन किसी बड़ी समस्या की बात की जाए तो क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रही.