रायपुर : छ्त्तीसगढ़ में द्वितीय पुनरीक्षण मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद आचार संहिता की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है. छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में कभी भी आदर्श आचार संहिता का ऐलान हो सकता है.चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में 4 अक्टूबर कर मतदान कार्यक्रम के तहत द्वितीय पुनरीक्षण मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि तय की थी.तय समय में छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभाओं में द्वितीय पुनरीक्षण मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया.जिसके बाद अब कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
90 सीटों पर चुनाव की तैयारी पूरी : छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के 90 विधानसभाओं में चुनाव की तैयारियों को पूरा कर लिया गया है.जिला निर्वाचन अधिकारियों ने अपने-अपने जिले के विधानसभाओं में बीएलओ के माध्यम से पहले मतदाता जागरुकता अभियान चलाया.स्वीप कार्यक्रम के तहत नए वोटर्स के नाम मतदाता सूची में जोड़ा गया. हर विधानसभा में ईवीएम का डेमो करवाकर लोगों को मतदान करने का तरीका बताया गया.राज्य निर्वाचन आयोग ने विधानसभाओं में जरुरत के हिसाब से जिला निर्वाचन अधिकारियों की अनुशंसा पर पोलिंग बूथों की संख्या भी बढ़ाई है.
दो चरणों में हो सकते हैं चुनाव : सूत्रों की माने तो इस बार भी छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे.पहले अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्रों में मतदान संपन्न कराए जाएंगे.इसके बाद मैदानी इलाकों की विधानसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे. नक्सली क्षेत्रों को चिन्हांकित करके राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग को सुरक्षा से जुड़ी जानकारी भेज दी थी.जिसके तहत 150 सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियां चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में आ जाएंगी.सीआरपीएफ के जवानों के साए में नक्सली इलाकों में इलेक्शन कराए जाएंगे. इसके बाद मैदानी इलाकों में तय तारीखों में मतदान होंगे. मतदान के बाद पांच राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
छत्तीसगढ़ में रोचक होगी जंग : इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा.मुकाबला इसलिए भी रोचक होगा क्योंकि एक तरफ बीजेपी कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का दंब भर रही है.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अबकी बार 75 पार का नारा लगा रही है.इन दोनों के बीच में आप अपनी गारंटी के साथ दिल्ली और पंजाब मॉडल के साथ छत्तीसगढ़ के मैदान में उतर रही है. आप को पूरी उम्मीद है कि इस बार जनता कांग्रेस और बीजेपी के दावों पर झाड़ू चलाकर विधानसभा से सभी को साफ कर देगी.वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और सीपीआई भी कुछ सीटों पर मजबूती के साथ विरोधियों की नाक में दम कर सकते हैं.
बीजेपी, आप और सीपीआई ने जारी की सूची : आगामी चुनाव के मद्देनजर 21 सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. जिसमें मौजूदा सांसद और पूर्व सांसद को मौका मिला है.वहीं महिला जनप्रतिनिधियों पर भी इस बार बीजेपी ने दाव खेला है.वहीं आम आदमी पार्टी ने अपनी दो सूची दस गारंटी जारी करने के बाद जारी की है. आप को उम्मीद है कि जनता उन्हें आशीर्वाद जरुर देगी. वहीं प्रत्याशियों के ऐलान को लेकर कांग्रेस ने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई है. कांग्रेस के मुताबिक वो सिर्फ जीतने वाले उम्मीदवारों को ही मौका देगी.इसके लिए ब्लॉक स्तर से आवेदन मंगवाए गए हैं.
दिग्गजों का दौरा जारी : छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले दिग्गजों का दौरा जारी है.एक तरफ बीजेपी ताबड़तोड़ पीएम मोदी की परिवर्तन महासंकल्प रैली की सभाएं करवा रही है.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भरोसे का सम्मेलन में जनता को अपने कामकाज का ब्यौरा दे रही है. जिसमें राहुल गांधी,प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सीएम भूपेश बघेल मोर्चा संभाल रहे हैं.कांग्रेस अपनी रैलियों में कांग्रेस के चार और बीजेपी के पंद्रह साल की तुलना कर रही है.वहीं आम आदमी पार्टी ने बदलाव की यात्रा निकालकर प्रदेश में चुनावी समर में अपना बिगुल फूंका है.इन सबके बीच अब सभी दलों को आचार संहिता का इंतजार है ताकि आखिरी दिनों में पूरी ताकत झोंककर सत्ता के दरवाजे अपनी पार्टी के लिए खोल सकें.
छत्तीसगढ़ में कितने वोटर्स : राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कुल मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 3 लाख है. इनमें 1.01 करोड़ पुरुष वोटर्स तो 1.02 करोड़ महिला वोटर्स हैं. वहीं राज्य में दिव्यांग वोटर्स की कुल संख्या 1लाख 6 हजार हैं. 1 लाख 86 हजार बुजुर्ग वोटर्स हैं , जिनमें 80 साल से अधिक वोटर्स की संख्या 19 हजार 839 है. आगामी विधानसभा चुनावों में 18 वर्ष से 22 वर्ष की आयु के कम से कम 18.68 लाख वोटर्स पहली बार मतदान करेंगे.
जानिए क्या होती है आचार संहिता ? : देश और राज्यों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं. चुनाव के नियमों को ही आचार संहिता कहा जाता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय सरकार, जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों को इन नियमों के पालन करने की जिम्मेदारी दी जाती है.
कब लागू होती है आचार संहिता : आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है.विधानसभा चुनाव के दौरान तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता लग जाती है. जो चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक लागू रहती है. वोटों की गिनती होने के बाद रिजल्ट आने तक आचार संहिता लागू रहती है.
क्या हैं आदर्श आचार संहिता के नियम ? : आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम लागू होते हैं.जिन्हें राजनीतिक दलों और नेताओं को मानना पड़ता है.
आदर्श आचार संहिता लगने के बाद प्रत्याशी, नेता या समर्थकों को रैली से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
किसी भी सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव से जुड़ी चीजों के लिए नहीं होगा.
धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होगा.
किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रम नहीं आयोजित होंगे.
किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगे जाएंगे.
सरकार के प्रचार से जुड़ी सामग्रियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाएगा.
चुनाव में राजनीतिक दलों के चिन्ह से जुड़ी चीजें नहीं बांटी जाएंगी.
वोटर्स को लुभाने के लिए धन और विलासितापूर्ण चीजें नहीं बटेंगी.