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Chhattisgarh crime news छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सेफ नहीं, बुजुर्गों के लिए है दूसरा असुरक्षित राज्य

Chhattisgarh crime news नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी ने वर्ष 2021 में हुए अपराध का रिकॉर्ड बीते दिनों जारी किया. एनसीआरबी की ओर से जारी की गई सूची के अनुसार छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सुरक्षित नहीं है. देश में असुरक्षित राज्यों में पहले पायदान पर मध्यप्रदेश है, तो वहीं दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है. यहां कभी जमीन जायदाद में बंटवारे को लेकर, तो कभी घरेलू प्रताड़ना समेत मारपीट की शिकायतें आम हो गई हैं.

छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सेफ नहीं
छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सेफ नहीं
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Published : Nov 24, 2022, 9:53 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 3:07 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सुरक्षित नहीं है. देश में असुरक्षित राज्यों में पहले पायदान पर मध्यप्रदेश है, तो वहीं दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है. इस बात की गवाही बीते दिनों एनसीआरबी (NRCB) की ओर से जारी की गई सूची दे रही है. रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्गों पर अपराध की दर मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 92.3 फीसदी है, जबकि छत्तीसगढ़ में 70.3 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है. यहां कभी जमीन जायदाद में बंटवारे को लेकर, तो कभी घरेलू प्रताड़ना समेत मारपीट की शिकायतें आम हो गई हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो कई बुजुर्ग महिलाएं टोनही प्रताड़ना की भी शिकार हो रही हैं. इसमें उनकी हत्याएं भी कर दी जाती है. ईटीवी भारत ने बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार को लेकर उनसे बात की. सुनिए उनकी ही जुबानी. Chhattisgarh crime news

बुजुर्गों के लिए है दूसरा असुरक्षित राज्य छत्तीसगढ़

थानों में बुजुर्गों के लिए होना चाहिए हेल्प डेस्क: बुजुर्ग कैलाश त्रिपाठी कहते हैं "बुजुर्गों के साथ प्रताड़ना के मामले (elderly are not safe in Chhattisgarh) बढ़े हैं. बच्चे बहुत ज्यादा बुजुर्गों को प्रताड़ित करते हैं. जमीन जायदाद के नाम पर मारपीट की जाती है. इतना ही नहीं बल्कि घर से भी बुजुर्गों को निकाल दिया जाता है. किसी भी थाने में यदि बुजुर्ग जाते हैं, तो उनके लिए एक अलग से व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा ना हो. मेरे लिए आते तो सभी थानों में बुजुर्गों के लिए एक हेल्प की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बुजुर्गों वहां जाकर अपनी बात रख सके. बुजुर्गों को मिलने वाली राशि भी नहीं मिल रही है. सीनियर सिटीजन के साथ बहुत ज्यादा अन्याय हो रहा है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है." elderly are not safe in Chhattisgarh

शराब पीकर बच्चे करते हैं दुर्व्यवहार: मुंगेली से रायपुर के वृद्ध आश्रम में अपना जीवन व्यतीत कर रहे बुजुर्ग कैलाश देवांगन (Chhattisgarh unsafe state for elderly) कहते हैं कि "मैं अपने बच्चों से परेशान होकर वृद्धाश्रम में आया हूं. मेरे बच्चे अक्सर शराब पीकर दुर्व्यवहार करते थे. परेशान होकर मुझे वृद्धा आश्रम में रहना पड़ रहा है. मेरा अनुरोध है कि शासन प्रशासन को बुजुर्गों के लिए जो प्रताड़ित हैं, उनके लिए कुछ कानून बनना चाहिए. ताकि बुजुर्ग जिन छोटे बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करते हैं, वह अंत में उन्हें परेशान ना कर सकें. उनके लिए कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए."

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर राजनीति, बीजेपी कांग्रेस का वार पलटवार


बहु बेटियों को समझने की जरूरत: रायपुर की बुजुर्ग महिला उर्मिला देवांगन कहती हैं कि "बुजुर्गों के साथ मारपीट नहीं होना चाहिए. बहू बेटियों को बुजुर्गों के साथ प्रेम से रहना चाहिए. बच्चों को अच्छा रखना चाहिए. हालांकि हमारे घर में इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जाता, लेकिन बाकियों के साथ होता है. इसमें माता पिता के साथ बहू बेटियों को भी समझना जरूरी है."

क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी ने वर्ष 2021 में हुए अपराध का रिकॉर्ड बीते दिनों जारी किया. इसके मुताबिक मध्यप्रदेश में बुजुर्गों पर वर्ष 2021 में 5273 अपराध हुए और छत्तीसगढ़ में कुल 1408 बुजुर्गों के साथ अपराध हुए हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के बाद बताया जा रहा है कि सरकार नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में हैं. इसके तहत अलग से हेल्पलाइन नंबर शुरू करने जा रही है. जो हेल्पलाइन नंबर पुलिस विभाग से जुड़ा रहेगा. इसमें उन्हें पुलिस की मदद भी आसानी से मिल सकेगी.

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि "सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति कंप्लेंट दर्ज कराने पहुंचते हैं, तो उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से ले और उसे शॉर्ट आउट करें. कई ऐसे प्रकरण आते हैं जिसमें बुजुर्गों के बच्चे ही उन्हें छोड़ देते हैं. इन प्रकरणों में परिजन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है. इसके अतिरिक्त भी पुलिस से जो मदद मिल सके वह किया जाता है. राज्य शासन की ओर से भी इसमें पहल शुरू की जा रही है. उसके साथ भी रायपुर पुलिस आगे बढ़ेगी. बुजुर्गों के साथ हत्या के कारण भी अलग अलग होते हैं. कुछ अवैध संबंध को लेकर, तो कुछ जमीन जायदाद को लेकर के होती हैं. हालांकि रायपुर में इस तरह के मामले कम हैं. मुख्यालय स्तर पर बुजुर्गों को लेकर एक प्लानिंग चल रही है, जिसमें बुजुर्गों के लिए डेस्क लगाने की तैयारी है. वर्तमान में सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क है. उसी के साथ साथ उन्हें सीनियर सिटीजन को भी हेल्प करने के लिए निर्देशित किया गया है."

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग सुरक्षित नहीं है. देश में असुरक्षित राज्यों में पहले पायदान पर मध्यप्रदेश है, तो वहीं दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है. इस बात की गवाही बीते दिनों एनसीआरबी (NRCB) की ओर से जारी की गई सूची दे रही है. रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्गों पर अपराध की दर मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 92.3 फीसदी है, जबकि छत्तीसगढ़ में 70.3 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है. यहां कभी जमीन जायदाद में बंटवारे को लेकर, तो कभी घरेलू प्रताड़ना समेत मारपीट की शिकायतें आम हो गई हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो कई बुजुर्ग महिलाएं टोनही प्रताड़ना की भी शिकार हो रही हैं. इसमें उनकी हत्याएं भी कर दी जाती है. ईटीवी भारत ने बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार को लेकर उनसे बात की. सुनिए उनकी ही जुबानी. Chhattisgarh crime news

बुजुर्गों के लिए है दूसरा असुरक्षित राज्य छत्तीसगढ़

थानों में बुजुर्गों के लिए होना चाहिए हेल्प डेस्क: बुजुर्ग कैलाश त्रिपाठी कहते हैं "बुजुर्गों के साथ प्रताड़ना के मामले (elderly are not safe in Chhattisgarh) बढ़े हैं. बच्चे बहुत ज्यादा बुजुर्गों को प्रताड़ित करते हैं. जमीन जायदाद के नाम पर मारपीट की जाती है. इतना ही नहीं बल्कि घर से भी बुजुर्गों को निकाल दिया जाता है. किसी भी थाने में यदि बुजुर्ग जाते हैं, तो उनके लिए एक अलग से व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा ना हो. मेरे लिए आते तो सभी थानों में बुजुर्गों के लिए एक हेल्प की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बुजुर्गों वहां जाकर अपनी बात रख सके. बुजुर्गों को मिलने वाली राशि भी नहीं मिल रही है. सीनियर सिटीजन के साथ बहुत ज्यादा अन्याय हो रहा है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है." elderly are not safe in Chhattisgarh

शराब पीकर बच्चे करते हैं दुर्व्यवहार: मुंगेली से रायपुर के वृद्ध आश्रम में अपना जीवन व्यतीत कर रहे बुजुर्ग कैलाश देवांगन (Chhattisgarh unsafe state for elderly) कहते हैं कि "मैं अपने बच्चों से परेशान होकर वृद्धाश्रम में आया हूं. मेरे बच्चे अक्सर शराब पीकर दुर्व्यवहार करते थे. परेशान होकर मुझे वृद्धा आश्रम में रहना पड़ रहा है. मेरा अनुरोध है कि शासन प्रशासन को बुजुर्गों के लिए जो प्रताड़ित हैं, उनके लिए कुछ कानून बनना चाहिए. ताकि बुजुर्ग जिन छोटे बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करते हैं, वह अंत में उन्हें परेशान ना कर सकें. उनके लिए कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए."

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर राजनीति, बीजेपी कांग्रेस का वार पलटवार


बहु बेटियों को समझने की जरूरत: रायपुर की बुजुर्ग महिला उर्मिला देवांगन कहती हैं कि "बुजुर्गों के साथ मारपीट नहीं होना चाहिए. बहू बेटियों को बुजुर्गों के साथ प्रेम से रहना चाहिए. बच्चों को अच्छा रखना चाहिए. हालांकि हमारे घर में इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जाता, लेकिन बाकियों के साथ होता है. इसमें माता पिता के साथ बहू बेटियों को भी समझना जरूरी है."

क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी ने वर्ष 2021 में हुए अपराध का रिकॉर्ड बीते दिनों जारी किया. इसके मुताबिक मध्यप्रदेश में बुजुर्गों पर वर्ष 2021 में 5273 अपराध हुए और छत्तीसगढ़ में कुल 1408 बुजुर्गों के साथ अपराध हुए हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के बाद बताया जा रहा है कि सरकार नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में हैं. इसके तहत अलग से हेल्पलाइन नंबर शुरू करने जा रही है. जो हेल्पलाइन नंबर पुलिस विभाग से जुड़ा रहेगा. इसमें उन्हें पुलिस की मदद भी आसानी से मिल सकेगी.

क्या कहते हैं अफसर: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि "सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति कंप्लेंट दर्ज कराने पहुंचते हैं, तो उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से ले और उसे शॉर्ट आउट करें. कई ऐसे प्रकरण आते हैं जिसमें बुजुर्गों के बच्चे ही उन्हें छोड़ देते हैं. इन प्रकरणों में परिजन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है. इसके अतिरिक्त भी पुलिस से जो मदद मिल सके वह किया जाता है. राज्य शासन की ओर से भी इसमें पहल शुरू की जा रही है. उसके साथ भी रायपुर पुलिस आगे बढ़ेगी. बुजुर्गों के साथ हत्या के कारण भी अलग अलग होते हैं. कुछ अवैध संबंध को लेकर, तो कुछ जमीन जायदाद को लेकर के होती हैं. हालांकि रायपुर में इस तरह के मामले कम हैं. मुख्यालय स्तर पर बुजुर्गों को लेकर एक प्लानिंग चल रही है, जिसमें बुजुर्गों के लिए डेस्क लगाने की तैयारी है. वर्तमान में सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क है. उसी के साथ साथ उन्हें सीनियर सिटीजन को भी हेल्प करने के लिए निर्देशित किया गया है."

Last Updated : Nov 25, 2022, 3:07 PM IST
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