रायपुर: कोरोना संकट के मद्देनजर पहली बार ऐसा हो रहा है जब राजधानी रायपुर में ईद मिलाद उन नबी के मौके पर मुस्लिम समाज जुलूस नहीं निकालेगा है. शांति समिति की बैठक में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीरतुन्नबी कमेटी और मुस्लिम समाज के कई संगठनों के पदाधिकारियों की सहमति से यह फैसला लिया गया है. शुक्रवार को पैगंबर इस्लाम के जन्मदिन पर जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला जाएगा. सिर्फ मोहल्लों की मस्जिदों के बाहर परचम कुशाई की जाएगी. इसमें इलाके के ही लोग सीमित संख्या में शामिल होंगे.
कमेटी और समाज के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे घर में ही सजावट करें और फातिहा दिलाएं. कमेटी ने हफ्ते भर चलने वाले कार्यक्रम को भी सीमित कर दिया है. प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि सभी की सहमति से ही यह तय किया गया है कि इस बार जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाली जाएगी.
- लोग मोहल्लों में सजावट कर सकते हैं, सभी ने इस बात पर भी सहमति दी है.
किसी भी कार्यक्रम या आयोजन में लोगों की भीड़ इकट्ठी नहीं की जाएगी. - ईद मिलाद उन नबी की तैयारी के लिए मोहल्लों को सजाने का काम भी शुरू हो गया है.
- बैजनाथ पारा, मौदहा पारा, राजा तालाब ,संजय नगर, ईदगाह भाटा, मोवा सहित जगहों पर सजावट का काम पूरा कर लिया गया है.
- सड़कों पर खास रौशनी की गई है.
- मस्जिदों को भी रंगीन झालरों से सजाया गया है.
बैजनाथ पारा और विद्यानगर मदरसे से अपील भी जारी कर दी गई है कि लोग घरों मैं रहकर ही इस त्यौहार को मनाएं सीरतुन्नबी कमेटी की ओर से सभी मस्जिदों में जुलूस नहीं निकालने की सूचना भी पहुंचा दी गई है.