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Ukraine-Russia war: यूक्रेन-रूस युद्ध से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है विपरीत प्रभाव - शेयर बाजार पर रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ेगा असर

अर्थशास्त्रियों और जानकारों ने आशंका जाहिर की है कि, यूक्रेन-रूस युद्ध से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. खास तौर पर छत्तीसगढ़ का कृषि क्षेत्र इससे प्रभावित हो सकता है.

Ukraine-Russia war
यूक्रेन-रूस युद्ध से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था प्रभावित
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Published : Feb 25, 2022, 6:53 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 10:54 PM IST

रायपुर: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से आज पूरे विश्व में चिंता है. इसका असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विश्व के सभी देशों पर देखने को मिलेगा. इस असर से भारत भी अछूता नहीं रहेगा और यदि इसका असर भारत पड़ता है तो स्वभाविक है कि छत्तीसगढ़ में भी इस युद्ध का असर देखने को मिलेगा. ऐसे में इस युद्ध की वजह से भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा. किस तरह से इस युद्ध को छत्तीसगढ़ के अर्थशास्त्री देखते हैं. या फिर सरकार इस युद्ध को लेकर क्या सोचती है. इस बारे में जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने की है.

यूक्रेन-रूस युद्ध से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

सीएम बघेल ने यूक्रेन-रुस युद्ध पर चिंता जाहिर की
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा. यह कहना है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बघेल का. बिलासपुर रवाना होने के पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, हमने देखा है कि इस युद्ध के शुरू होते ही शेयर मार्केट किस तरह से लुढ़क गया है. विश्व में कहीं भी यदि दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है. स्वाभाविक है कि इसका प्रभाव भारत सहित छत्तीसगढ़ पर भी पड़ेगा. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि युद्ध का परिणाम तो बाद में देखने को मिलेगा उसके पहले चुनाव का असर देखने को मिलेगा. सबसे पहले डीजल पेट्रोल और गैस के दामों में बढ़ोतरी होगी

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बघेल ने कहा कि यूक्रेन ऐसा देश है जहां पेट्रोलियम पदार्थ है. वहां से पाइपलाइन भी गई हुई है. यहां से कई देशों को कच्चे तेल की सप्लाई होती है. ऐसे में देखना होगा कि यह युद्ध कितने दिन चलेगा और उसके बाद उसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा.



वहीं अर्थशास्त्री प्रोफेसर तपेश गुप्ता का कहना है कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई का सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा. अभी हम कोरोना से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे. कोरोना की वजह से रोजगार और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इससे हम उबर नहीं पाए थे. अब इस युद्ध का परिणाम भुगतने के लिए तैयार होना होगा.

इस युद्ध के तीन महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिल सकते हैं

डीजल पेट्रोल गैस के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की संभावना है

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूसी घटनाओं के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. उसका असर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलेगा. इस वजह से डॉलर सहित अन्य मुद्राओं और सोने की कीमतों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।.

आम जनता के उपभोग के चीजों पर भी इस युद्ध का प्रभाव देखने को मिल सकता है. क्योंकि डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति ना होने की वजह से या फिर कीमतें बढ़ने से इसका प्रभाव सीधे तौर पर बाजार पर पड़ेगा और इससे महंगाई बढ़ेगी.

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शेयर बाजार पर रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ेगा असर
तपेश ने कहा कि आज व्यापार और उद्योग ग्लोबलाइज हो गया है. जिस वजह से यदि कहीं भी कुछ भी होता है तो उसका असर सीधे तौर पर उद्योग पर असर पड़ता है. यही वजह है कि इस युद्ध का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा. हाल ही में शेयर मार्केट में काफी गिरावट दर्ज की गई है. तपेश ने कहा कि इस युद्ध से व्यापार और परिवहन व्यवस्था प्रभावित होगी. सोने के दाम बढ़ेंगे ऐसे में इस युद्ध का परिणाम युद्ध करने वाले देश के साथ-साथ दूसरे देशों को भी भुगतना पड़ेगा.

पर्यावरण पर रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ेगा असर

इस युद्ध के बाद जो सबसे ज्यादा घातक परिणाम सामने आएगा वह पर्यावरण को लेकर. क्योंकि इस युद्ध के दौरान दागे गए मिसाइल और गोलों से जो प्रदूषण होगा. उसका असर लंबे समय तक रहने वाला है. तपेश ने कहा कि देखना होगा कि यह युद्ध कब तक चलता है. यदि 48 घंटे तक युद्ध जारी रहता है तो, उससे होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए लगभग ढाई साल का समय लगेगा. यानी कि ढाई साल इस प्रदूषण साफ होने में लगेगा और यदि यह प्रदूषण रहता है तो इसकी वजह से स्वास्थ्य सहित अन्य व्यवस्थाओं पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.

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यूक्रेन-रूस युद्ध से विश्व की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

इस युद्ध की वजह से परिवहन विद्युत व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएं बाधित होंगे. जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा ..इस युद्ध की वजह से वहां का विकास दर गिरेगा, बेरोजगारी की समस्या पैदा होगी, वहां के लोग दूसरे देशों में शरण लेंगे. जिसका उस देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. तपेश ने कहा कि भले ही यह युद्ध यूक्रेन और रूस के बीच हो रहा हो लेकिन उससे भारत और छत्तीसगढ़ ही नही मेरा परिवार भी इससे प्रभावित होगा

छत्तीसगढ़ को लेकर तपेश गुप्ता ने कहा कि, इस युद्ध की वजह से डीजल,पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे. इससे कहीं ना कहीं कृषि पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा और यदि कृषि प्रभावित होगी तो उसका असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा. तपेश ने कहा कि, खेती के दौरान डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता है. चाहे वह सिंचाई के लिए हो या फिर ट्रैक्टर हार्वेस्टर सहित अन्य यंत्रों को चलाने के लिए हो. इसके लिए डीजल-पेट्रोल की काफी खपत होती है. यदि डीजल पेट्रोल की आपूर्ति प्रभावित होती है या फिर इनके दामों में बढ़ोतरी होती है तो स्वाभाविक तौर पर इसका असर खेती पर देखने को मिलेगा. फिर कृषि की पैदावार की लागत बढ़ जाएगी.

ऐसे में कहा जा सकता है कि, युद्ध चाहे किसी भी देश में हो लेकिन उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है. यहां तक कि, दुनिया में रहने वाले एक एक व्यक्ति पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यह अपना असर दिखाता है. ऐसे में देखने वाली बात है कि सरकार इससे निपटने के लिए क्या तैयारी करती है.

रायपुर: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से आज पूरे विश्व में चिंता है. इसका असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विश्व के सभी देशों पर देखने को मिलेगा. इस असर से भारत भी अछूता नहीं रहेगा और यदि इसका असर भारत पड़ता है तो स्वभाविक है कि छत्तीसगढ़ में भी इस युद्ध का असर देखने को मिलेगा. ऐसे में इस युद्ध की वजह से भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा. किस तरह से इस युद्ध को छत्तीसगढ़ के अर्थशास्त्री देखते हैं. या फिर सरकार इस युद्ध को लेकर क्या सोचती है. इस बारे में जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने की है.

यूक्रेन-रूस युद्ध से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

सीएम बघेल ने यूक्रेन-रुस युद्ध पर चिंता जाहिर की
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा. यह कहना है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बघेल का. बिलासपुर रवाना होने के पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, हमने देखा है कि इस युद्ध के शुरू होते ही शेयर मार्केट किस तरह से लुढ़क गया है. विश्व में कहीं भी यदि दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है. स्वाभाविक है कि इसका प्रभाव भारत सहित छत्तीसगढ़ पर भी पड़ेगा. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि युद्ध का परिणाम तो बाद में देखने को मिलेगा उसके पहले चुनाव का असर देखने को मिलेगा. सबसे पहले डीजल पेट्रोल और गैस के दामों में बढ़ोतरी होगी

Stranded in Ukraine: यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्र, जानें राज्यवार ब्यौरा, हेल्पलाइन नंबर्स

बघेल ने कहा कि यूक्रेन ऐसा देश है जहां पेट्रोलियम पदार्थ है. वहां से पाइपलाइन भी गई हुई है. यहां से कई देशों को कच्चे तेल की सप्लाई होती है. ऐसे में देखना होगा कि यह युद्ध कितने दिन चलेगा और उसके बाद उसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा.



वहीं अर्थशास्त्री प्रोफेसर तपेश गुप्ता का कहना है कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई का सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा. अभी हम कोरोना से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे. कोरोना की वजह से रोजगार और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इससे हम उबर नहीं पाए थे. अब इस युद्ध का परिणाम भुगतने के लिए तैयार होना होगा.

इस युद्ध के तीन महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिल सकते हैं

डीजल पेट्रोल गैस के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की संभावना है

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूसी घटनाओं के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. उसका असर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलेगा. इस वजह से डॉलर सहित अन्य मुद्राओं और सोने की कीमतों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।.

आम जनता के उपभोग के चीजों पर भी इस युद्ध का प्रभाव देखने को मिल सकता है. क्योंकि डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति ना होने की वजह से या फिर कीमतें बढ़ने से इसका प्रभाव सीधे तौर पर बाजार पर पड़ेगा और इससे महंगाई बढ़ेगी.

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शेयर बाजार पर रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ेगा असर
तपेश ने कहा कि आज व्यापार और उद्योग ग्लोबलाइज हो गया है. जिस वजह से यदि कहीं भी कुछ भी होता है तो उसका असर सीधे तौर पर उद्योग पर असर पड़ता है. यही वजह है कि इस युद्ध का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा. हाल ही में शेयर मार्केट में काफी गिरावट दर्ज की गई है. तपेश ने कहा कि इस युद्ध से व्यापार और परिवहन व्यवस्था प्रभावित होगी. सोने के दाम बढ़ेंगे ऐसे में इस युद्ध का परिणाम युद्ध करने वाले देश के साथ-साथ दूसरे देशों को भी भुगतना पड़ेगा.

पर्यावरण पर रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ेगा असर

इस युद्ध के बाद जो सबसे ज्यादा घातक परिणाम सामने आएगा वह पर्यावरण को लेकर. क्योंकि इस युद्ध के दौरान दागे गए मिसाइल और गोलों से जो प्रदूषण होगा. उसका असर लंबे समय तक रहने वाला है. तपेश ने कहा कि देखना होगा कि यह युद्ध कब तक चलता है. यदि 48 घंटे तक युद्ध जारी रहता है तो, उससे होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए लगभग ढाई साल का समय लगेगा. यानी कि ढाई साल इस प्रदूषण साफ होने में लगेगा और यदि यह प्रदूषण रहता है तो इसकी वजह से स्वास्थ्य सहित अन्य व्यवस्थाओं पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.

यूक्रेन में रूस के हमले से कभी न भूलने वाली तबाही, देखिए युद्ध के भयावह मंजर

यूक्रेन-रूस युद्ध से विश्व की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

इस युद्ध की वजह से परिवहन विद्युत व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएं बाधित होंगे. जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा ..इस युद्ध की वजह से वहां का विकास दर गिरेगा, बेरोजगारी की समस्या पैदा होगी, वहां के लोग दूसरे देशों में शरण लेंगे. जिसका उस देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. तपेश ने कहा कि भले ही यह युद्ध यूक्रेन और रूस के बीच हो रहा हो लेकिन उससे भारत और छत्तीसगढ़ ही नही मेरा परिवार भी इससे प्रभावित होगा

छत्तीसगढ़ को लेकर तपेश गुप्ता ने कहा कि, इस युद्ध की वजह से डीजल,पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे. इससे कहीं ना कहीं कृषि पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा और यदि कृषि प्रभावित होगी तो उसका असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा. तपेश ने कहा कि, खेती के दौरान डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता है. चाहे वह सिंचाई के लिए हो या फिर ट्रैक्टर हार्वेस्टर सहित अन्य यंत्रों को चलाने के लिए हो. इसके लिए डीजल-पेट्रोल की काफी खपत होती है. यदि डीजल पेट्रोल की आपूर्ति प्रभावित होती है या फिर इनके दामों में बढ़ोतरी होती है तो स्वाभाविक तौर पर इसका असर खेती पर देखने को मिलेगा. फिर कृषि की पैदावार की लागत बढ़ जाएगी.

ऐसे में कहा जा सकता है कि, युद्ध चाहे किसी भी देश में हो लेकिन उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है. यहां तक कि, दुनिया में रहने वाले एक एक व्यक्ति पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यह अपना असर दिखाता है. ऐसे में देखने वाली बात है कि सरकार इससे निपटने के लिए क्या तैयारी करती है.

Last Updated : Feb 25, 2022, 10:54 PM IST
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