रायपुर: त्योहार इसलिए भी खास होता है क्योंकि इसी बहाने अपनों से लोगों की मुलाकात हो जाती है. लेकिन इस बार कोरोना का असर त्योहारों पर भी नजर आ रहा है. लॉकडाउन और कोरोना के कारण इस बार त्योहारों में भी लोग एक दूसरे से दूर ही हैं. होली के बाद रक्षाबंधन भी इस बार फीका हो गया. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार में इस बार वो रौनक नहीं दिखी, जो हर साल हुआ करती थी. लॉकडाउन की वजह से कई ऐसे भाई हैं जो अलग राज्यों में फंसे हैं तो कई ऐसी बहनें हैं जो इस बार अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पाईं.
बाजार से लेकर घरों तक सभी जगह रक्षाबंधन की रौनक नजर नहीं आई. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार बहनें अपने लिए शॉपिंग करने तक नहीं जा पाईं. शहर की कुछ बहनों ने बताया कि वह किस तरीके से इस बार अपने भाइयों को याद कर रहीं हैं. कैसे इस बार रक्षाबंधन उनके लिए सूना रहा. इस बार रक्षाबंधन में भाइयों से जुड़ने का बहनों के पास वीडियो कॉल या कॉल ही विकल्प रहा. कुछ बहनों ने तो इस बार वर्चुअल तरीके से भाइयों को राखी बांधी.
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बहन के घर नहीं आ पाए भाई
राजधानी में रहने वाली रजनी पहलाजानी बताती हैं कि हर साल उनके भाई जो अलग-अलग राज्यों में रहते हैं, वे उनके घर आ जाते थे. लेकिन अभी प्रदेश में लॉकडाउन के कारण उनके भाई इस साल उनसे मिलने नहीं आ पाए. वहीं प्रिया मिश्रा ने बताया कि वे लखनऊ की हैं. उनका ससुराल रायपुर में है. इस बार उनकी पहली राखी थी. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना की वजह से ना तो उनके भाई उनके पास आ पाए और ना ही वे अपने भाइयों से मिलने जा सकीं. हालांकि उन्होंने ऑनलाइन राखी जरूर भेजी है. लेकिन इस बार रक्षाबंधन का ये त्योहार उनके लिए भी फीका रहा.
भाइयों तक नहीं पहुंच पाई राखी
पुष्पा पांडेय ने बताया कि उनके चार भाई हैं. जो अलग-अलग राज्यों में रहते हैं. कोरोना के संक्रमण के कारण वे राखी पोस्ट करने के लिए पोस्ट ऑफिस भी नहीं गईं. क्योंकि वहां पर काफी भीड़ होती थी. साथ ही ऑनलाइन राखी काफी महंगी पड़ रही थी. जिसके कारण इस बार वे अपने भाइयों को राखी नहीं भेज पाईं.