रायपुर: छत्तीसगढ़ में भी भारत बंद का असर दिखा. राजधानी रायपुर में ज़रूरी सेवाओं को छोड़कर दूसरी सभी दुकानें और व्यवसाय पूरी तरह से बंद रखे गए. किसान संगठनों के लोग जयस्तंभ चौक पर जुटे और कृषि बिल का विरोध किया. कृषि बिल के विरोध में कांग्रेस पार्टी भी सड़क पर नजर आई. कांग्रेस नेताओं ने लंगर भी खिलाया. विधायक विकास उपाध्याय, विधायक कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर ने ट्रैक्टर के जरिए रैली भी निकाली. कांग्रेस कार्यकर्ता जबरदस्ती दुकानें खाली कराते हुए भी नजर आए.
बस्तर
जगदलपुर के मुख्य बाजारों को किसानों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बंद करवाया. बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद का समर्थन किया. सुबह से ही शहर के सभी संस्थान बंद रहे. नगरनार में निर्माणाधीन एनएमडीसी स्टील प्लांट के मजदूर संगठन ने किसानों के समर्थन में कुछ घंटों तक अपना काम बंद रखा. हालांकि इमरजेंसी सेवा, पेट्रोल पंप और यात्री बस सेवा पूरी तरह बहाल रही.
कोरबा
कोरबा के धान खरीदी केंद्रों में सामान्य दिनों की तरह टोकन काटने के साथ ही धान खरीदी की प्रक्रिया जारी रही. यहां पहुंचे जमीन से जुड़े ज्यादातर किसानों को आंदोलन के विषय में कोई जानकारी ही नहीं थी.
कांकेर
कांकेर में भी बंद का असर रहा. दुकानें बंद नजर आईं. ट्रकों के भी पहिए थमे रहे.
मुंगेली
मुंगेली में भी मार्केट बंद रहा. कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर नजर आए.
बिलासपुर
बिलासपुर में बंद का कुछ खास असर नहीं दिखा. दुकानें तय समय पर सुबह से खुलीं. व्यापारियों ने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ता जरूर सुबह से ही सड़कों पर नजर आए.
धमतरी
धमतरी में जिला कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेसी सुबह से शहर बंद कराने घूमते नजर आए. ज्यादातर व्यापारियों ने समर्थन नहीं दिया.
राजनांदगांव
राजनांदगांव में बंद का व्यापक असर दिखा. चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद को समर्थन दिया.
महासमुंद
महासमुंद में भारत बंद का व्यापक असर दिखा. किसान संगठन, आप और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बंद का समर्थन किया. आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद नजर आईं. विधायक और संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है.
सूरजपुर
सूरजपुर जिला मुख्यालय में बंद का मिलाजुला असर रहा. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में बंद का व्यापक असर दिखा.
गौरेला पेंड्रा मरवाही
गौरेला पेंड्रा मरवाही में भारत बंद का बिल्कुल भी नहीं दिखा. स्थानीय व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया. और दुकानें पहले की तरह खुली रहीं, लेकिन कांग्रेस के पदाधिकारी इसे सफल बंद बताते नजर आए.
कवर्धा
कवर्धा जिले के पंडरिया और पांडातराई नगर में बंद का अस दिखा लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों सहित कुछ मुख्य जगहों पर बंद का असर फीका रहा.