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बस्तर: कोरोना काल में 'वरदान' बना कम्युनिटी रेडियो, बाहुल्य क्षेत्र के नौनिहाल हो रहे शिक्षित - छत्तीसगढ़ एजुकेशन न्यूज़

कोरोना काल में भी सुदूर वनांचल और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर जिले के बच्चों को शिक्षा मिल रही है. जिले के कई ग्राम पंचायतों में बच्चों को कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. बच्चों को हल्बी और हिंदी में पढ़ाया जा रहा है.

Study in community radio in Bastar
बस्तर में कम्यूनिटी रेडियो से पढ़ाई
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Published : Jul 20, 2020, 11:34 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों और शिक्षकों की कड़ी मेहनत और लगन के कारण कम्युनिटी रेडियो के प्रयोग से सुदूर वनांचल और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा मिल रही है. इसके माध्यम से बस्तर विकासखंड के भाटपाल गांव में बच्चों को शिक्षा मिल रही है. 'पढ़ई तुंहर दुआर' कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई 'कम्युनिटी रेडियो से शिक्षा' की सफलता यहां के बच्चों के शिक्षा अर्जन का माध्यम बन गया है.

Study in community radio in Bastar
बस्तर में कम्युनिटी रेडियो से पढ़ाई

इस कार्यक्रम से ग्राम पंचायत भाटपाल के बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी लाभांवित हो रहे हैं. वहीं पढ़ाई करने के लिए एक निर्धारित समय में गांव के बच्चे अपने-अपने घरों में कॉपी-पेंसिल लेकर बैठ जाते हैं. इसके साथ ही लाउडस्पीकर के माध्यम से दिए गए प्रश्नों और अन्य निर्देशों को सुनकर लिखते और पढ़ाई करते हैं.

ग्राम पंचायत भाटपाल के कम्युनिटी रेडियो कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित होकर बस्तर जिले के अन्य विकासखंड के ग्राम पंचायत भी अब ’कम्युनिटी रेडियो’ के तहत लाउडस्पीकर से पढ़ाई करवाने के लिए उत्साहित हैं. वर्तमान में विकासखंड बस्तर में भाटपाल के अलावा विकासखंड लोहण्डीगुड़ा के समस्त ग्राम पंचायतों में ’कम्युनिटी रेडियों’ कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ाई शुरू हो चुकी है.

जिले के कई ग्राम पंचायतों में हो रही पढ़ाई

विकासखंड दरभा अल्वा ग्राम पंचायत, विकासखंड तोकापाल के रायकोट ग्राम पंचायत, छापर, भानपुरी और जगदलपुर विकासखंड के जमावाड़ा ग्राम पंचायत, बाड़ापारा और छोटे कवाली ग्राम पंचायत में ’कम्युनिटी रेडियो’ कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है.

लाउडस्पीकर के माध्यम से हल्बी, हिंदी भाषा में हो रही पढ़ाई

बता दें कि बस्तर जिले में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. इसलिए उनके पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता भी नहीं है. ऐसी स्थिति से उबरने और बस्तर जिले के सुदूर गांवों के बच्चों को कोरोना काल में शिक्षा दी जा रही है. इसके लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए स्थानीय भाषा हल्बी, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है.

कोरोना काल में भी मिल रही है शिक्षा

कोरोना वायरस के कारण बच्चों को शिक्षा मुहैया करा पाना लगभग असंभव था. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ’पढई तुंहर दुआर’ योजना लॉन्च की, लेकिन स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधाओं नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे, लेकिन कम्युनिटी रेडियो बस्तर के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस माध्यम से बच्चे ही नहीं उनके माता-पिता भी शिक्षा की ओर कदम पढ़ा रहे हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों और शिक्षकों की कड़ी मेहनत और लगन के कारण कम्युनिटी रेडियो के प्रयोग से सुदूर वनांचल और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा मिल रही है. इसके माध्यम से बस्तर विकासखंड के भाटपाल गांव में बच्चों को शिक्षा मिल रही है. 'पढ़ई तुंहर दुआर' कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई 'कम्युनिटी रेडियो से शिक्षा' की सफलता यहां के बच्चों के शिक्षा अर्जन का माध्यम बन गया है.

Study in community radio in Bastar
बस्तर में कम्युनिटी रेडियो से पढ़ाई

इस कार्यक्रम से ग्राम पंचायत भाटपाल के बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी लाभांवित हो रहे हैं. वहीं पढ़ाई करने के लिए एक निर्धारित समय में गांव के बच्चे अपने-अपने घरों में कॉपी-पेंसिल लेकर बैठ जाते हैं. इसके साथ ही लाउडस्पीकर के माध्यम से दिए गए प्रश्नों और अन्य निर्देशों को सुनकर लिखते और पढ़ाई करते हैं.

ग्राम पंचायत भाटपाल के कम्युनिटी रेडियो कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित होकर बस्तर जिले के अन्य विकासखंड के ग्राम पंचायत भी अब ’कम्युनिटी रेडियो’ के तहत लाउडस्पीकर से पढ़ाई करवाने के लिए उत्साहित हैं. वर्तमान में विकासखंड बस्तर में भाटपाल के अलावा विकासखंड लोहण्डीगुड़ा के समस्त ग्राम पंचायतों में ’कम्युनिटी रेडियों’ कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ाई शुरू हो चुकी है.

जिले के कई ग्राम पंचायतों में हो रही पढ़ाई

विकासखंड दरभा अल्वा ग्राम पंचायत, विकासखंड तोकापाल के रायकोट ग्राम पंचायत, छापर, भानपुरी और जगदलपुर विकासखंड के जमावाड़ा ग्राम पंचायत, बाड़ापारा और छोटे कवाली ग्राम पंचायत में ’कम्युनिटी रेडियो’ कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है.

लाउडस्पीकर के माध्यम से हल्बी, हिंदी भाषा में हो रही पढ़ाई

बता दें कि बस्तर जिले में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. इसलिए उनके पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता भी नहीं है. ऐसी स्थिति से उबरने और बस्तर जिले के सुदूर गांवों के बच्चों को कोरोना काल में शिक्षा दी जा रही है. इसके लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए स्थानीय भाषा हल्बी, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है.

कोरोना काल में भी मिल रही है शिक्षा

कोरोना वायरस के कारण बच्चों को शिक्षा मुहैया करा पाना लगभग असंभव था. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ’पढई तुंहर दुआर’ योजना लॉन्च की, लेकिन स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधाओं नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे, लेकिन कम्युनिटी रेडियो बस्तर के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस माध्यम से बच्चे ही नहीं उनके माता-पिता भी शिक्षा की ओर कदम पढ़ा रहे हैं.

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