रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है. ईडी ने इन संपत्तियों से आरोपियों की बेदखली का ऑर्डर पास किया और 152 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कहा कि उसने कथित अवैध कोयला लेवी मामले में धन शोधन जांच के तहत बेदखली आदेश जारी किया है. 152 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अपने कब्जे में ली है.
इन लोगों की संपत्ति को ईडी ने कब्जे में लिया: जिन आरोपियों की संपत्ति पर ईडी का डंडा चला है. उसमें छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व नौकरशाह सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी और मामले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी शामिल हैं. इनके अलावा अन्य की चल और अचल संपत्तियों सहित 91 संपत्तियां पिछले साल दिसंबर में संघीय जांच एजेंसी द्वारा प्रावधानों के तहत कुर्क की गई थीं. जिसका डिटेल धन शोधन निवारण अधिनियम, पीएमएलए के तहत दर्ज किया गया है.
क्या है कोल लेवी स्कैम: कोल लेवी स्कैम छत्तीसगढ़ में एक बड़े कार्टेल से जुड़े आरोपों से संबधित है. जिसमें आरोप है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी. पीएमएलए के निर्णायक प्राधिकरण ने सभी आरोपियों को मौका देने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 1 जून को कुर्की आदेश जारी किया था. जिसकी पुष्टि भी की गई है. ईडी ने 81 अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके अलावा पीएमएलए नियम, 2013 के अनुसार दस अचल संपत्तियों के संबंध में बेदखली नोटिस जारी किया है. इन संपत्तियों में फ्लैट, आभूषण, कोयला वॉशरी और जमीन के प्लॉट शामिल हैं. अब तक इस केस में ईडी ने सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.