रायपुर : छत्तीसगढ़ में आई फ्लू धीरे-धीरे करके अपने पांव पसार रहा है. बारिश के बाद गर्मी और उमस से कंजेक्टिवाइटिस का वायरस तेजी से फैल रहा है.जिसे लेकर छत्तीसगढ़ सरकार चिंतित है. पिछले दिनों सीएम भूपेश बघेल ने इस बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे. पूरे छत्तीसगढ़ की बात करें तो हर जिले में औसतन 25 से 40 मरीज रोजाना सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय में पिछले 7 दिनों में 300 से ज्यादा मरीजों में आई फ्लू के लक्षण पाए गए हैं.
आई फ्लू को लेकर समीक्षा बैठक : आई फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी काफी गंभीर नजर आ रहे हैं.टीएस सिंहदेव ने आईफ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाईलेवल मीटिंग ली.जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से आईफ्लू की प्रदेश में स्थिति को जाना.बैठक के बाद टीएस सिंहदेव ने आई फ्लू के ताजा आंकड़ें बताएं.
मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को बुलाकर समीक्षा बैठक ली और स्थिति को जाना. 800 लोग अभी तक इससे प्रभावित पाए गए हैं.इसकी दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.अगर कभी और दवाइयों की आवश्यकता पड़ी तो तत्काल क्वॉलिटी चेक के बाद उसे खरीदा जा सकता है. कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि आंख की रोशनी जा सकती है जो कि पूर्णता असत्य है. -टीएस सिंहदेव,स्वास्थ्य मंत्री
क्या है आई फ्लू : आई फ्लू को कंजेक्टिवाइटिस या पिंक आई के नाम से भी कई इलाकों में जाना जाता है. ये एक सामान्य बीमारी है जो आंखों के बाहरी झिल्ली को संक्रमित करती है. बारिश के मौसम में तापमान परिवर्तित होता है.इस वजह से आई फ्लू तेजी से फैलती है.इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के आंखों में तेज दर्द, कीचड़ आना, सूजन और पानी निकलने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसलिए संक्रमितों को भीड़ भाड़ वाले जगहों में जाने से बचना चाहिए.क्योंकि वो दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं.
कहां मिल रहे हैं ज्यादा मरीज : नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा के मुताबिक घनी आबादी वाले जिलों में इस बीमारी के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं.खासकर दुर्ग रायपुर में सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. जिन इलाकों में जनसंख्या कम है वहां पर कम मरीज सामने आ रहे हैं.इस हिसाब से जिन जगहों में लोगों का आना जाना ज्यादा है वहां पर इस बीमारी के फैलने की संभावना ज्यादा है.लेकिन इस बार पूरे देश में आई फ्लू के मरीज देखने को मिल रहे हैं.
इस बार काफी ज्यादा संख्या में प्रकरण है. कई बार मोतियाबिंद के ऑपरेशन की स्थिति को भी रोकना पड़ा है. इसलिए लोगों को पूरी जानकारी दी जा रही है. यह संक्रमण सामान्यता 3 दिन में ठीक हो जाता है.यदि 3 दिन से ज्यादा लग रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं. अभी वायरस में म्यूटेशन की कोई स्थिति नहीं है. मेकाहारा रायपुर में 30 से 50 मरीज कंजेक्टिवाइटिस के रोजाना आ रहे हैं. -सुभाष मिश्रा, नोडल अधिकारी
मरीजों को सावधानी बरतनी जरूरी : आई फ्लू को लेकर नेत्र रोग विशेषज्ञ भी मरीजों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि कई बार लक्षण होने के बाद भी मरीज भीड़ भाड़ वाले इलाकों में चला जाता है. ऐसे में इस बीमारी के दूसरे में फैलने के चांसेस बढ़ जाते हैं. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के रूमाल, चश्में और दूसरी चीजों को बिल्कुल भी इस्तेमान ना करें. बस, ट्रेन और टैक्सी ऑटो के हैंडल या सीट से संक्रमित व्यक्ति का संपर्क हुआ हो तो भी ये बीमारी दूसरे तक जा सकती है.
पिंक आई आजकल बहुत ज्यादा फैला हुआ है या एक तरह का इंफेक्शन है जो हमारी आंखों के सफेद वाले हिस्सों पर होता है. इन्फेक्शन होने के बाद यह लाल हो जाता है. सूजन आ जाती है जिससे आंखों से कीचड़ आने लगता है. मौजूदा समय में इसकी संक्रमण दर ज्यादा है.इसलिए कई लोग इसके चपेट में आ रहे हैं. आंखों में दर्द, लालपन, सूजन जैसी तकलीफ लेकर मरीज हमारे पास आ रहे हैं. -डॉक्टर रोहित राव, आई स्पेशलिस्ट
छत्तीसगढ़ में अब तक कितने संक्रमित : पूरे छत्तीसगढ़ में अभी तक कंजेक्टिवाइटिस के 19 हजार 873 मरीज पाए गए हैं. आईए आपको बताते हैं जिलेवार अब तक कितने मरीज कंजेक्टिवाइटिस के मिले हैं. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मरीज दुर्ग और सबसे कम मरीज सूरजपुर में मिले हैं.
जिला | मरीजों की सख्या | जिला | मरीजों की सख्या | जिला | मरीजों की सख्या |
बालोद | 1166 | महासमुंद | 380 | मुंगेली | 1015 |
बलोदा बाजार | 1563 | गरियाबंद | 32 | नारायणपुर | 122 |
बलरामपुर | 50 | जांजगीर चांपा | 267 | रायगढ़ | 315 |
बस्तर | 1165 | जशपुर | 1540 | रायपुर | 3668 |
बीजापुर | 85 | कांकेर | 308 | राजनांदगांव | 580 |
बेमेतरा | 175 | कवर्धा | 507 | सुकमा | 50 |
बिलासपुर | 1200 | कोंडागांव | 110 | सूरजपुर | 19 |
दंतेवाड़ा | 30 | कोरबा | 105 | सरगुजा | 327 |
धमतरी | 541 | कोरिया | 264 | ||
दुर्ग | 3746 | सक्ती | 195 |
आई फ्लू के लक्षण:
आंखों में लालिमा आना
तेज दर्ज के साथ खुजली होना
आंखों में सूजन के बाद पानी आना
आंखों के दोनों ओर कीचड़ आना
रोशनी में आंखों के अंदर चुभन होना
आई फ्लू के दौरान सावधानियां:
टीवी और मोबाइल से दूरी बनाएं
रुमाल या तौलिया एक ही बार इस्तेमाल करें
एंटीबॉयोटिक दवा समय के अंतराल में लेते रहे
बार-बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं
दूसरे व्यक्ति से अपनी आंखों का संपर्क ना बनाएं.
आंखों को बार-बार हाथों से टच न करें.
कैसे करें बीमारी से खुद का बचाव : कंजेक्टिवाइटिस फैलने वाली बीमारी है.इसलिए जितना हो सके खुद को भीड़ भाड़ वाले एरिया से दूर रखे.बस और ट्रेन में सफर करते समय अपने हाथों से आंखों को ना छुए. सफर के बाद पहले अच्छे से हाथों को धो ले.यदि कोई संक्रमित व्यक्ति आपको नजर आए तो उससे दूरी बनाकर रखें.आंखों में हल्का भी दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से आंखों की जांच करवाएं.