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Chhattisgarh electricity department: छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग के लिए 4200 करोड़ की बकाया राशि वसूलना बड़ी चुनौती - मनोज खरे

छत्तीसगढ़ बिजली विभाग के लिए बकाया राशि वसूली बड़ी चुनौती है. आम उपभोक्ता, उद्योग सहित सरकारी विभागों की कितनी राशि है, कोरोना काल और वर्तमान में रिकवरी की क्या स्थिति है, किस तरह विभाग उपभोक्ताओं से रिकवरी करता है, इन सभी बातों को जानने के लिए ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे से बातचीत की.

Chhattisgarh electricity department
छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग
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Published : Mar 23, 2023, 9:23 PM IST

बिजली विभाग के लिए बकाया राशि वसूली बड़ी चुनौती

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मार्च 2022 के एंड में बिजली बिल बकाया राशि करीब 4200 करोड़ के आसपास थी. इसकी रिकवरी के लिए पिछले 7 महीने में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. बड़े उपभोक्ताओं को पहले टारगेट किया गया है. उनके बिजली कनेक्शन, कॉल डिस्कनेक्ट कर वसूली की जा रही है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे ने बताया कि "मार्च 2022 के अंत में एक लाख से ज्यादा बकाया राशि वाले 878 उपभोक्ता थे. अब महज 59 उपभोक्ता रह गए हैं. बहुत लोगों का कोर्ट में केस है. कुछ स्टॉलमेंट बनाकर बकाया राशि दे रहे हैं. 50 हजार से ऊपर के बकाया वाले ज्यादा उपभोक्ता थे. उनकी संख्या घटकर अब 165 रह गई है. वसूली अभियान चलाया जा रहा है."

रिकवरी के लिए टाइम फिक्स: सरकारी विभागों पर बकाया और उसकी रिकवरी को लेकर मनोज खरे ने बताया कि "सरकारी विभागों पर भी बकाया राशि है, सरकार ने इस बार आरडीएसएस योजना के तहत उसको देने के लिए एक टाइम लाइन फिक्स की है. उसके हिसाब से बजट में प्रावधान करके उसकी प्रतिपूर्ति वितरण कंपनी को दी जा रही है."

यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi defamation Case भूपेश बघेल ने कहा- तानाशाह सामने हैं तो क्या? जो वंचित हैं वे सब तो साथ हैं

2100 करोड़ गैर शासकीयों का बकाया: गैर शासकीय बकाया राशि और उसकी रिकवरी को लेकर मनोज खरे ने कहा कि "इन पर लगभग 2000 से लेकर 2100 करोड़ के बीच की राशि बकाया है. इसकी रिकवरी का भी वही सिस्टम है. पहले डिस्कनेक्शन. डिस्कनेक्शन से भी आदमी भुगतान नहीं करता है तो विद्युत रिकवरी एक्ट के प्रावधान तहत कार्रवाई की जाती है. सबसे बड़ा हथियार वितरण जो कि कंपनी के पास है, वह है डिस्कनेक्शन. क्योंकि बिजली के बिना नहीं रहा जा सकता है."

ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी करना है कठिन: इस दौरान मनोज खरे ने बताया कि "ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी थोड़ा मुश्किल है. इन एरिया में डिस्कनेक्शन उतना अफेक्टिव नहीं हो पाता. इसलिए कुछ ग्रामीण क्षेत्र हैं, उनसे बकाया राशि रिकवरी की समस्या कठिन होता है."

रेलवे पर 14 सौ और सरकारी विभागों पर 16 सौ करोड़ बकाया: रेलवे पर लगभग 1407 करोड़ का बकाया है. उद्योग से 434 करोड़ की रिकवरी करनी है. इसके अलावा शासकीय विभाग पर लगभग 1600 करोड़ का बकाया है. गैर शासकीय बकाया की बात की जाए तो यह लगभग 2000 करोड़ से ज्यादा है.

बिजली विभाग के लिए बकाया राशि वसूली बड़ी चुनौती

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मार्च 2022 के एंड में बिजली बिल बकाया राशि करीब 4200 करोड़ के आसपास थी. इसकी रिकवरी के लिए पिछले 7 महीने में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. बड़े उपभोक्ताओं को पहले टारगेट किया गया है. उनके बिजली कनेक्शन, कॉल डिस्कनेक्ट कर वसूली की जा रही है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे ने बताया कि "मार्च 2022 के अंत में एक लाख से ज्यादा बकाया राशि वाले 878 उपभोक्ता थे. अब महज 59 उपभोक्ता रह गए हैं. बहुत लोगों का कोर्ट में केस है. कुछ स्टॉलमेंट बनाकर बकाया राशि दे रहे हैं. 50 हजार से ऊपर के बकाया वाले ज्यादा उपभोक्ता थे. उनकी संख्या घटकर अब 165 रह गई है. वसूली अभियान चलाया जा रहा है."

रिकवरी के लिए टाइम फिक्स: सरकारी विभागों पर बकाया और उसकी रिकवरी को लेकर मनोज खरे ने बताया कि "सरकारी विभागों पर भी बकाया राशि है, सरकार ने इस बार आरडीएसएस योजना के तहत उसको देने के लिए एक टाइम लाइन फिक्स की है. उसके हिसाब से बजट में प्रावधान करके उसकी प्रतिपूर्ति वितरण कंपनी को दी जा रही है."

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2100 करोड़ गैर शासकीयों का बकाया: गैर शासकीय बकाया राशि और उसकी रिकवरी को लेकर मनोज खरे ने कहा कि "इन पर लगभग 2000 से लेकर 2100 करोड़ के बीच की राशि बकाया है. इसकी रिकवरी का भी वही सिस्टम है. पहले डिस्कनेक्शन. डिस्कनेक्शन से भी आदमी भुगतान नहीं करता है तो विद्युत रिकवरी एक्ट के प्रावधान तहत कार्रवाई की जाती है. सबसे बड़ा हथियार वितरण जो कि कंपनी के पास है, वह है डिस्कनेक्शन. क्योंकि बिजली के बिना नहीं रहा जा सकता है."

ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी करना है कठिन: इस दौरान मनोज खरे ने बताया कि "ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी थोड़ा मुश्किल है. इन एरिया में डिस्कनेक्शन उतना अफेक्टिव नहीं हो पाता. इसलिए कुछ ग्रामीण क्षेत्र हैं, उनसे बकाया राशि रिकवरी की समस्या कठिन होता है."

रेलवे पर 14 सौ और सरकारी विभागों पर 16 सौ करोड़ बकाया: रेलवे पर लगभग 1407 करोड़ का बकाया है. उद्योग से 434 करोड़ की रिकवरी करनी है. इसके अलावा शासकीय विभाग पर लगभग 1600 करोड़ का बकाया है. गैर शासकीय बकाया की बात की जाए तो यह लगभग 2000 करोड़ से ज्यादा है.

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