रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार इंद्र देव मेहरबान नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश में लगातार मानसून ब्रेक की स्थिति बनी हुई है. अब तक दो बार प्रदेश में मानसून ब्रेक हो चुका है. इस वर्ष मानसून तकरीबन 10 दिन लेट से आया लेकिन बारिश की कमी ने किसानों और आम लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.
प्रदेश के ऐसे 17 जिले हैं जहां सामान्य औसत से कम बारिश हुई है, वहीं 9 ऐसे जिले हैं जहां सामान्य बारिश हुई है. राज्य में एक जिला ऐसा है जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है. वहीं एक समाचार एजेंसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 27 में से 20 जिले सूखे से प्रभावित हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में इस बार धान की खेती पर बारिश की कमी खतरा बनकर मंडरान लगी है.
रायपुर का हाल-
- राजधानी रायपुर में 46% कम बारिश हुई है. सामान्य रूप से अब तक राजधानी रायपुर में 468.7 प्रतिशत बारिश हो जानी थी लेकिन अब तक केवल 255.6% ही बारिश हुई है. वहीं अगर हम बात करें प्रदेश की तो पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश से 22% कम बारिश हुई है. प्रदेश में अब तक 50019.9 प्रतिशत बारिश हो जानी थी लेकिन अब तक पूरे प्रदेश में केवल 400 406.9 प्रतिशत बारिश हुई है.
बिलासपुर में बारिश का हाल-
- जिले में बारिश की स्थिति की बात करें तो हाल बहुत अच्छा नहीं है. जिले के प्रमुख जलाशयों में अबतक 52.53 मिली घन मीटर जल भराव हुआ है. यह आंकड़ा प्रतिशत में तकरीबन 27 प्रतिशत है. विशेषज्ञों की मानें तो जिले में 1200 मिमी बारिश को आदर्श स्थिति मानी जाती है जो अभी तक 330 मिमी ही दर्ज की गई है. प्रमुख खारंग जलाशय में पानी का भराव महज 27 फीसदी ही हुआ है. जब तक खारंग बांध में जलभराव का आंकड़ा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो जाता तबतक सिंचाई के लिए पानी किसानों को नहीं दिया जाएगा.
राजनांदगांव में सूखे के हाल-
- राजनांदगांव में सूखे के हालात हैं. 6 जलाशयों में सिर्फ 30% पानी ही भर पाया है. लगभग 65 फीसदी बुआई हो पाई है. डोंगरगढ़, मोहला मानपुर, छुरिया, डोंगरगांव, राजनांदगांव, खैरागढ़ में सूखे के हाल हैं, मोंगरा जलाशय में 41.09% पानी भर पाया है.
सरगुजा जिले का हाल-
- जिले में अब तक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जुलाई के महीने में बारिश कम हुई है. मौसम विभाग के आंकड़ों की बात करें तो अब तक 590.4 मिमी. वर्षा सामान्य स्थिति में होनी थी, लेकिन सरगुज़ा जिले में अब तक कुल 244.4 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है. लिहाजा अब तक सरगुजा में 59% वर्षा कम हुई है. वहीं यहां के प्रमुख बांधों की बात करें तो घुनघुट्टा श्याम परियोजना, बांकी डैम, कुल्हाड़ी डैम, कुंवरपुर डैम सहित अन्य बंधों में जल भराव सामान्य है.
- पिछले दिनों हुई तेज बारिश में घुनघुट्टा डेम का जल स्तर बढ़ा था और बांध के गेट खोलने की नौतब आने वाली थी, लेकिन फिर बारिश बंद हुई तो अब तक स्थिति सामान्य बनी हुई है. वहीं अंबिकापुर शहर की बात करें तो यहां वर्ष का प्रतिशत जिले की तुलना में बेहतर रहा है, यहां 593.0 मिमी. वर्षा अब तक हो चुकी है.
कोरबा जिले का हाल-
- कोरबा जिले में बीते लगभग दो महीनों में 580.6 मिमी बारिश के मुकाबले सिर्फ 316.8 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य वर्षा से 45% कम है. जिले में लगातार खंड वर्षा की वजह से किसी भी विकासखंड में अच्छी बारिश नहीं हुई है. कोरबा और करतला विकासखंड में पोड़ी-उपरोड़ा, पाली और कटघोरा विकासखंड की तुलना में अच्छी बारिश हुई है. हालांकि मौसम विभाग ने 2 दिन पहले अच्छी बारिश की आशंका जताई थी, जिस वजह से पिछले 24 घंटे में सामान्य से 4% अधिक बारिश जिले में दर्ज की गई है.
- जिले में हसदेव मिनीमाता बांगो बांध की क्षमता 359.66 मीटर है और शनिवार को जलस्तर 350.55 मीटर दर्ज किया गया है. उपयोगी पानी का भराव 2894.33 मिलियन घन मीटर रहता है. अभी बांध में 1518.66 मिलियन घन मीटर पानी है जो कुल भराव का 52.47% है.
महासमुंद का हाल-
- महासमुंद जिले की 70% आबादी कृषि पर निर्भर है. इस वर्ष कम बारिश से किसान चिंतित हैं. पिछले 10 सालों का बरसात का आंकड़ा लिया जाए तो 516.2 mm बरसात हुई थी, जबकि अभी 396.3 mm वर्षा हुई है. इस साल सूखे की स्थिति बन रही है. वहीं महासमुंद जिले के डैम की बात की जाए तो सबसे बड़ा डैम कोडर डेम है, जिसमें अभी 17.15 % ही पानी है. अगर आगे पानी नहीं आता है तो इन स्थितियों में डैम भी फसलों को नहीं बचा पाएंगे.
बस्तर में मानसून का हाल-
- बस्तर जिले में इस वर्ष मानसून में अब तक 610 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 20% बस्तर जिले में कम बारिश हुई है, वहीं जिले के किसी भी क्षेत्र में सूखे जैसे हालात नहीं बने हैं. इसके अलावा बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक और तोकापाल ब्लॉक में अच्छी बारिश हुई है. वहीं जिले में मौजूद बांधों की स्थिति भी सामान्य बनी हुई है. किसी भी बांध में भी औसत से अधिक भराव की स्थिति नहीं है.