रायपुर: डॉ खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत आपात स्थिति में मरीज अपने नजदीकी किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. इसके अलावा सीजेरियन डिलवरी के प्रकरण में भी गर्भवती महिलाएं किसी भी अनुबंधित अस्पताल में उपचार करा सकती हैं.
योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर मरीज के परिजनों को जांच रिपोर्ट के आधार पर आस-पास के शासकीय अस्पतालों से निजी अस्पताल के लिए रेफर करने का प्रावधान किया गया है.
रेफरल पर्ची पहले से ही उपलब्ध होगी
सुनियोजित सीजेरियन डिलवरी के प्रकरणों में महिला को रेफरल पर्ची पहले से ही उपलब्ध करा दी जाएगी. सामान्य डिलवरी समझ शासकीय अस्पताल पहुंच जाने और सीजेरियन डिलवरी होने की स्थिति में रेफरल पर्ची पर ही गर्भवती अनुबंधित अस्पताल में अपना इलाज करा सकती है.
'इलाज सबका, जिम्मा हमारा'
योजना का उद्देश्य सभी को आसानी से उपचार उपलब्ध कराना है. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. किसी को दिक्कत होने की स्थिति में उसका तुरंत निराकरण भी राज्य नोडल एजेंसी की ओर से किया जा रहा है.
अकारण सीजेरियन डिलवरी पर लगेगी लगाम
व्यवस्था के तहत बिना कारण हो रही सीजेरियन डिलवरी को भी रोकने की कोशिश होगी. शासकीय अस्पताल में महिला की जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के आधार पर यह तय किया जाएगा कि महिला को सीजेरियन डिलवरी की आवश्यकता थी या सामान्य डिलवरी हो सकती थी. इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.
इमरजेंसी सेवा सभी के लिए ओपन
आपातकालीन स्थिति में मरीज निजी अनुबंधित और शासकीय अस्पताल में कहीं भी और कभी भी इलाज करा सकते हैं. आपात स्थिति में निजी अनुबंधित और शासकीय अस्पताल सभी के लिए 24 घंटे खुली रखी गई है.