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छत्तीसगढ़ में कुत्तों का आतंक, 3 साल में 3 लाख लोगों को बनाया शिकार - कुत्तो का काटना

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में औसतन हर साल एक लाख लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी भी है.

कुत्तों का आतंक
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Published : Jul 22, 2019, 10:43 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 12:06 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. हालत ये है कि प्रदेश में हर साल औसतन एक लाख लोगों को कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक बीते 3 साल में 3 लाख 16 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा है.

छत्तीसगढ़ में कुत्तों का कहर

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने यह आंकड़े पेश किए हैं. ये आंकड़े सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आये पीड़ितों के आधार पर जारी किया गया है. आंकड़ों में मुताबिक सरकारी अस्पतालों में हर साल 1 लाख से ज्यादा लोग कुत्तों के काटे जाने का शिकार होते हैं.

बिलासपुर में सबसे ज्यादा मामले

आंकड़ों के मुताबिक बिलासपुर में सबसे ज्याद मामले दर्ज किये गये हैं, यहां अब तक 1 लाख 10 हजार 925 मामले दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर राजधानी रायपुर है जहां कुल 23 हजार 669 मामले सामने आये हैं.

अस्पतालों में नहीं है रेबीज के इंजेक्शन

अस्पतालों में लगातार बढ़ते मरीजों के बावजूद सरकारी अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन की भारी कमी बताई जा रही है. कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार की ओर से जरूरी दवाएं अस्पतालों को दी जी रही है, लेकिन मुनाफाखोरी और जमाखोरी के कारण जीवन रक्षक दवाएं अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाती है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. हालत ये है कि प्रदेश में हर साल औसतन एक लाख लोगों को कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक बीते 3 साल में 3 लाख 16 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा है.

छत्तीसगढ़ में कुत्तों का कहर

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने यह आंकड़े पेश किए हैं. ये आंकड़े सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आये पीड़ितों के आधार पर जारी किया गया है. आंकड़ों में मुताबिक सरकारी अस्पतालों में हर साल 1 लाख से ज्यादा लोग कुत्तों के काटे जाने का शिकार होते हैं.

बिलासपुर में सबसे ज्यादा मामले

आंकड़ों के मुताबिक बिलासपुर में सबसे ज्याद मामले दर्ज किये गये हैं, यहां अब तक 1 लाख 10 हजार 925 मामले दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर राजधानी रायपुर है जहां कुल 23 हजार 669 मामले सामने आये हैं.

अस्पतालों में नहीं है रेबीज के इंजेक्शन

अस्पतालों में लगातार बढ़ते मरीजों के बावजूद सरकारी अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन की भारी कमी बताई जा रही है. कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार की ओर से जरूरी दवाएं अस्पतालों को दी जी रही है, लेकिन मुनाफाखोरी और जमाखोरी के कारण जीवन रक्षक दवाएं अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाती है.

Intro:रायपुर । छत्तीसगढ़ में बीते 3 सालों में 316000 लोगों को कुत्तों ने काटा है विधानसभा में लिखित सवाल का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने यह आंकड़े पेश किए हैं


Body:प्रदेश के सरकारी अस्पताल के आंकड़ों के आधार पर यह आंकड़े जारी किए गए हैं सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों की मानें तो हर साल 100000 से ज्यादा लोगों को कुत्ते काटते हैं यह वे आंकड़े हैं जो दर्ज होते हैं एक बड़ा प्रश्न यह भी है कि वे आंकड़े कितने होंगे जो दर्ज नहीं होते

सबसे ज्यादा मामले बिलासपुर के हैं बिलासपुर में बीते 3 सालों में 1लाख 10925 मामले दर्ज हुए हैं दूसरे नंबर पर राजधानी रायपुर है यहां कुल 23669 मामले दर्ज हुए हैं ।


Conclusion:बाइट - राकेश गुप्ता ( कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ )

बाइट - कुणाल शुक्ला ( सामाजिक कार्यकर्ता )
Last Updated : Jul 22, 2019, 12:06 PM IST
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