रायपुर: प्रदेश में लगातार अपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं. पुलिस लगातार आपरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. बावजूद इसके आपराधी प्रवृत्ती के लोग वारदात को अंजाम देने से पीछे नहीं हट रहे है. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे क्राइम को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क है. इसी कड़ी में राजधानी रायपुर में पुलिस गुंडे-बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें जिला से बाहर भेजने की कवायद कर रही है. जिससे राजधानी में शांति बनी रहे.
ऐसे गुंडा बदमाश जो आदतन अपराधी हैं और बार-बार जेल में बंद करने के बावजूद जेल से बाहर आकर अपराधिक मामलों को अंजाम देते हैं उन पर अब पुलिस जिला बदर की कार्रवाई करेगी. पुलिस ने दोबारा जिला बदर की कार्रवाई संबंधित फाइलें खोल दी है.
लगभग 40 लोकल गुंडे बदमाशों को जिला बदर की तैयारी
रायपुर पुलिस ने लगभग 40 हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट तैयार की है. जिन्हें जिला बदर किया जाएगा. फिवहाल सभी फाइलों को कलेक्टर के समक्ष पेश करने की तैयारी की जा रही है. चाकूबाजी , हिस्ट्रीशीटर, सुपारी किलर, अवैध उगाह , नशा कारोबार जैसे मामलों को अंजाम देने वाले बदमाशों को पुलिस अब शहर की सीमा से बाहर करेगी.
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बारी-बारी से किया जाएगा जिला बदर
रायपुर एसएसपी अजय यादव ने बताया कि रायपुर पुलिस बारी-बारी अपराधियों को जिला बदर करने की कार्रवाई करेगी. पिछले कई महीनों से कोरोना के कारण जिला बदर के लिए कई कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब फिर से फाइल खोलकर हार्डकोर अपराधियों को बाहर करने के सर्कुलर जारी किया गया है.
आखिर क्यों करती हो पुलिस जिला बदर कार्रवाई
पुलिस जिला बदर की कार्रवाई उस आरोपी के खिलाफ करती है जो आदतन अपराधी होते हैं. लगातार अपराध करते हैं. जिला बदर कार्रवाई के लिए पुलिस जिला मजिस्ट्रेट के सामने शिकायत पेश करती है. सुनवाई के बाद कोट जिला बदर कार्रवाई के लिए आदेश पारित करती है. आदेश पारित करने के बाद उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वह जिला के लिमिटेड अवधि तक प्रवेश नहीं कर सकते.
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कोर्ट तय करती है बदमाशों के बाहर रहने का समय
आदतन अपराधी बदमाश कितने समय तक जिला से बाहर रहेगा इसका फैसला कोर्ट करती है. अमूमन 1 साल के लिए अपराधी गुंडे बदमाशों को जिला बदर की कार्रवाई की जाती है, लेकिन कोर्ट चाहे तो यह अवधि वह बढ़ा भी सकती है. जिस पर जिला बदर की कार्रवाई होती है उसके पास भी अधिकार होता है कि वह राज्य शासन के समक्ष अपील कर सकता है.