रायपुर: छत्तीसगढ़ के युवाओं को उद्यानिकी व वानिकी के क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 4 जिलों में उद्यानिकी महाविद्यालय (Horticulture College) खोले जा रहे हैं, लेकिन टेंडर की प्रक्रिया को लेकर यहां दो विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों के बीच आपस में विवाद हो गया है. इतना ही नहीं यह मामला कृषि मंत्री के पास भी पहुंच गया है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ( Indira Gandhi Agricultural University ) ने हाल ही में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए करोड़ों की निविदा जारी की है. इस निविदा में 4 ऐसे महाविद्यालय के निर्माण को शामिल किया गया है, जो महात्मा गांधी उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय से संबंधित है. जबकि इस मामले ने तूल पकड़ लिया है.
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कृषि विश्वविद्यालय ने जारी किया टेंडर
शासन ने केवल ओएसडी को दो साल पहले नियुक्त किया है, लेकिन कृषि विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के ओएसडी के बिना अनुमति के ही विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों के निर्माण कार्यों के लिए निविदा जारी कर दी है. जिसके बाद दोनों विश्वविद्यालय के बीच विवाद की स्थिति बनती दिख रही है.
ओएसडी ने मंत्री से की शिकायत
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निविदा जारी किए जाने पर महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के ओएसडी डॉ अजय वर्मा ने अब इस मामले की शिकायत कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से की है. ओएसडी डॉ. अजय वर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि चूंकि मेन बिल्डिंग जब बनी थी उस दौरान मुझसे अनुशंसा ली गई थी, लेकिन इस बार मुझसे बिना अनुमति या अनुशंसा के निविदा जारी कर दी गई है.
इस मामले को लेकर मैंने कृषि मंत्री, फाइनेंस सेक्रेटरी और अधीक्षक भौतिक संयत्र को पत्र लिखा है कि इस तरह की निविदा जारी की गई है तो मुझे इसकी जानकारी दी जानी थी, लेकिन विश्वविद्यालय के कुलपति ने ऐसा नहीं किया.
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इन 4 जिलों में बनेंगे महाविद्यालय
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के भौतिक संयंत्र विभाग द्वारा जारी किए गए निविदा में 10 जगहों पर निर्माण कार्य होने हैं. महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय से संबंधित 4 महाविद्यालयों का निर्माण होना है. जिसमें बालोद, धमतरी, जशपुर और बेमेतरा जिला शामिल है. चारों कॉलेजों को मिलाकर करीब 42 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था. जिसमें से किसी कॉलेज में 10 करोड़ तो किसी में 9 करोड़ रुपये की लागत से महाविद्यालय तैयार होने थे.
कुलपति ने कुछ भी कहने से किया इंकार
बिना ओएसडी की जानकारी के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा महाविद्यालय बनाने के लिए टेंडर तो जारी कर दिया, लेकिन इसकी जानकारी देना ओएसडी को भी जरूरी नहीं समझा. ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को लेकर जब कुलपति से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आए. इससे साफ है कि कहीं ना कहीं टेंडर निकाला जाना किसी बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है.