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बारिश का पानी भरने से रायपुर के निचले इलाकों में फैली बीमारी !

रायपुर में बरसात के दिनों में निचले इलाकों में जलजमाव से कई तरह की बीमारियां होती (Diseases increasing rainy season in Raipur) है. निचले इलाकों के जलजमाव को लेकर हर साल यहां के रहवासी प्रशासन से गुहार लगाते हैं लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है.

rain in raipur
रायपुर में बारिश
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Published : Jul 10, 2022, 10:10 PM IST

रायपुर: बारिश के मौसम में शहर के निचले इलाकों में कई तरह की समस्या देखने को मिलती है. जिसमें ज्यादातर जलभराव, जलजमाव, डेंगू, मलेरिया जैसी कई समस्याएं देखने को मिलती (Diseases increasing rainy season in Raipur ) है. निचले इलाकों में रह रहे लोग हर साल इस समस्या को लेकर निगम प्रशासन से गुहार लगाते हैं. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. ज्यादा देर तक जल जमाव होने से स्किन इंफेक्शन, पानी के सड़ने से डेंगू, मलेरिया जैसी कई तरह की बीमारियां शहर के निचले इलाकों में पनप जाती है. हर साल लोगों को इस तरह की समस्या से जूझना पड़ता है.

बारिश का पानी भरने से फैली बीमारी

जलभराव और जलजमाव की समस्या: तेलीबांधा मरीन ड्राइव से लगे जल विहार कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, अरमान नाला, जगन्नाथ नगर, संतोषी नगर, मोती नगर, बोरिया खुद, कमल विहार, सेजबहार, काठड़ी, भाटागांव, त्रिमूर्ति नगर में हर साल तेज बारिश से जलजमाव की परेशानी होती है. बारिश के पहले हर साल नगर निगम नालियों की सफाई का दावा करते हैं. लेकिन महीने भर हुई बारिश से ही नगर निगम की पोल खुल जाती है.

ईटीवी भारत में इसको लेकर शहर के निचले इलाकों का जायजा लिया और कुछ लोगों से बात की. आइए जानते उन्होंने क्या कहा...

थोड़े देर की बारिश में घुटने तक भर जाता है पानी: स्थानीय निवासी परमेश्वर मांझी ने बताया, " हर साल पानी भरने की समस्या बारिश के मौसम में यहां देखने को मिलती है. थोड़ा से बारिश से ही यहां पर पानी भर जाता है. थोड़ी देर ही बारिश होने पर घुटने तक यहां निचले इलाकों में पानी भर जाता है. अगर ज्यादा बारिश होता है तो सीने तक यहां पानी भर जाता है. पानी कई दिन तक नहीं निकलने की वजह से पानी सड़ने लगता है और मच्छरों का प्रकोप यहां पर बढ़ जाता है. डेंगू के मामले बारिश के मौसम में हमारे यहां काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं."

गंदे पानी से डेंगू मलेरिया का बढ़ जाता है प्रकोप: स्थानीय निवासी राजेश शर्मा ने बताया, " बारिश का मौसम जैसे ही शुरू होता है... शहर के निचले इलाकों की बस्तियों में समस्याएं शुरू हो जाती है. गंदे पानी की समस्या, पानी लंबे समय तक रहने से और पानी की निकासी नहीं होने से पानी सड़ जाता है. जिससे पीलिया, डेंगू, मलेरिया जैसे कई बीमारियां हर साल यहां होती है. गंदे पानी की वजह से खुजली, चकते जैसे स्किन रिलेटेड समस्या भी यहां काफी ज्यादा होती है. हर साल इस तरह की की परेशानी से हम जूझते हैं.

यह भी पढ़ें: बस्तर में डेंगू की दस्तक से हड़कंप !

बच्चों-बुजुर्गों का रखना चाहिए खास ध्यान: हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "बारिश के मौसम में पीने के पानी और वर्षा के पानी से बहुत सारी दिक्कतें होती है. खासकर शहर के निचले इलाकों में जहां साफ पानी की सप्लाई बारिश के मौसम में सुनिश्चित नहीं की जा सकती है. गंदा पानी पीने से पेट संबंधित बीमारियां होती है. बारिश के मौसम में पानी पीते समय पानी साफ है कि नहीं इसको लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसे इलाकों में जहां पीने के पानी की समस्या है. बारिश के मौसम में वहां खास ध्यान देना चाहिए. बच्चों और बुजुर्ग श्रेणी के लोगों का बारिश के मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए."

शरीर में नमी को ज्यादा देर ना रहने दें: हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "बारिश के मौसम में तेज बारिश होने से कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति भी उत्पन्न होती है. ऐसे में मलेरिया, डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. स्किन इन्फेक्शन और स्किन डिजीज की भी बीमारियां जलजमाव से या गंदे पानी में ज्यादा देर शरीर गिला होने से होती है. ऐसे में जब भी धूप निकले हमें ध्यान रखना है कि धूप में सूखे कपड़े पहने और धूप में थोड़ी देर तक रहें, ताकि शरीर में नमी ना रहे."

रायपुर: बारिश के मौसम में शहर के निचले इलाकों में कई तरह की समस्या देखने को मिलती है. जिसमें ज्यादातर जलभराव, जलजमाव, डेंगू, मलेरिया जैसी कई समस्याएं देखने को मिलती (Diseases increasing rainy season in Raipur ) है. निचले इलाकों में रह रहे लोग हर साल इस समस्या को लेकर निगम प्रशासन से गुहार लगाते हैं. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. ज्यादा देर तक जल जमाव होने से स्किन इंफेक्शन, पानी के सड़ने से डेंगू, मलेरिया जैसी कई तरह की बीमारियां शहर के निचले इलाकों में पनप जाती है. हर साल लोगों को इस तरह की समस्या से जूझना पड़ता है.

बारिश का पानी भरने से फैली बीमारी

जलभराव और जलजमाव की समस्या: तेलीबांधा मरीन ड्राइव से लगे जल विहार कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, अरमान नाला, जगन्नाथ नगर, संतोषी नगर, मोती नगर, बोरिया खुद, कमल विहार, सेजबहार, काठड़ी, भाटागांव, त्रिमूर्ति नगर में हर साल तेज बारिश से जलजमाव की परेशानी होती है. बारिश के पहले हर साल नगर निगम नालियों की सफाई का दावा करते हैं. लेकिन महीने भर हुई बारिश से ही नगर निगम की पोल खुल जाती है.

ईटीवी भारत में इसको लेकर शहर के निचले इलाकों का जायजा लिया और कुछ लोगों से बात की. आइए जानते उन्होंने क्या कहा...

थोड़े देर की बारिश में घुटने तक भर जाता है पानी: स्थानीय निवासी परमेश्वर मांझी ने बताया, " हर साल पानी भरने की समस्या बारिश के मौसम में यहां देखने को मिलती है. थोड़ा से बारिश से ही यहां पर पानी भर जाता है. थोड़ी देर ही बारिश होने पर घुटने तक यहां निचले इलाकों में पानी भर जाता है. अगर ज्यादा बारिश होता है तो सीने तक यहां पानी भर जाता है. पानी कई दिन तक नहीं निकलने की वजह से पानी सड़ने लगता है और मच्छरों का प्रकोप यहां पर बढ़ जाता है. डेंगू के मामले बारिश के मौसम में हमारे यहां काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं."

गंदे पानी से डेंगू मलेरिया का बढ़ जाता है प्रकोप: स्थानीय निवासी राजेश शर्मा ने बताया, " बारिश का मौसम जैसे ही शुरू होता है... शहर के निचले इलाकों की बस्तियों में समस्याएं शुरू हो जाती है. गंदे पानी की समस्या, पानी लंबे समय तक रहने से और पानी की निकासी नहीं होने से पानी सड़ जाता है. जिससे पीलिया, डेंगू, मलेरिया जैसे कई बीमारियां हर साल यहां होती है. गंदे पानी की वजह से खुजली, चकते जैसे स्किन रिलेटेड समस्या भी यहां काफी ज्यादा होती है. हर साल इस तरह की की परेशानी से हम जूझते हैं.

यह भी पढ़ें: बस्तर में डेंगू की दस्तक से हड़कंप !

बच्चों-बुजुर्गों का रखना चाहिए खास ध्यान: हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "बारिश के मौसम में पीने के पानी और वर्षा के पानी से बहुत सारी दिक्कतें होती है. खासकर शहर के निचले इलाकों में जहां साफ पानी की सप्लाई बारिश के मौसम में सुनिश्चित नहीं की जा सकती है. गंदा पानी पीने से पेट संबंधित बीमारियां होती है. बारिश के मौसम में पानी पीते समय पानी साफ है कि नहीं इसको लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसे इलाकों में जहां पीने के पानी की समस्या है. बारिश के मौसम में वहां खास ध्यान देना चाहिए. बच्चों और बुजुर्ग श्रेणी के लोगों का बारिश के मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए."

शरीर में नमी को ज्यादा देर ना रहने दें: हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "बारिश के मौसम में तेज बारिश होने से कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति भी उत्पन्न होती है. ऐसे में मलेरिया, डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. स्किन इन्फेक्शन और स्किन डिजीज की भी बीमारियां जलजमाव से या गंदे पानी में ज्यादा देर शरीर गिला होने से होती है. ऐसे में जब भी धूप निकले हमें ध्यान रखना है कि धूप में सूखे कपड़े पहने और धूप में थोड़ी देर तक रहें, ताकि शरीर में नमी ना रहे."

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