रायपुर: कोरोना संक्रमण के दौरान जहां एक तरफ लोगों की लाइफ स्टाइल में परिवर्तन आया है. वहीं अब त्योहारों को मनाने का प्रचलन भी बदलते जा रहा है. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी जिस तरह से भव्य आयोजन हुआ करते थे, वह भी नहीं हो पाए हैं. स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से स्कूलों में होने वाले विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस साल नहीं हो पाए हैं. ऐसे में छात्रों के साथ छोटे बच्चों में ध्वजारोहण में शामिल नहीं हो पाने का दुख है.
कोविड-19 के कारण स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बच्चे ध्वजारोहण में शामिल नहीं पाए. इसे लेकर बच्चों में मायूसी दिखी. बच्चों ने बताया कि वह हर साल स्कूल में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वे इस बार इस स्कूल में स्वतंत्रता दिवस का पर्व नहीं बना पाए. बच्चों ने बताया कि वे हर साल तरह-तरह के आयोजनों में हिस्सा लेते थे, लेकिन अब कोरोना ने इनसे वो खुशियां छीन ली है. साथ ही लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण वह अपने दोस्तों को मिस कर रहे हैं.
कोरोना पेंडेमिक ने बच्चों से छीनी खुशियां
ऋषिका बुंदेल ने बताया इस साल उन्होंने घर पर ही स्वतंत्रता दिवस मनाया है, लेकिन जो मजा स्कूल में आया करता था. वह घर में नहीं आया. कोरोना वायरस के कारण वह अपने स्कूल में स्वतंत्रता दिवस नहीं मना पाए, इसलिए वह दुखी हैं. सार्थक ने बताया हर साल 15 अगस्त के मौके पर उनके स्कूल में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित हुआ करते थे, लेकिन कोरोना पेंडेमिक के चलते स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. साथ ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वे स्कूल में फैंसी ड्रेस कंपटीशन में पार्टिसिपेट करते थे, लेकिन इस बार वह मायूस हैं.
बिना छात्रों के स्कूल भी दिखे सूनसान
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस परेड ग्राउंड में भी तमाम स्कूली बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे. साथ ही बड़ी संख्या में इस पर्व को मनाने लोगों की भीड़ आया करती थी, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने भव्य आयोजनों पर पाबंदी लगा दी थी. वहीं तमाम स्कूलों पर ध्वजारोहण के समारोह में बच्चों के शामिल नहीं होने के कारण स्कूल भी सूने-सूने नजर आए.