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रायपुर : राजभवन में बाल दिवस पर दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

राजभवन में बाल दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दिव्यांग बच्चों ने गीत गाया, जिसे राज्यपाल ने काफी सराहा.

दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
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Published : Nov 14, 2019, 10:17 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 12:03 AM IST

रायपुर : राजभवन के दरबार हॉल में बाल दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सरकारी दृष्टि और श्रवण बाधित विद्यालय के बच्चों ने गायन की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया. राज्यपाल ने बच्चों की प्रस्तुति से खुश होकर विद्यालय को स्वेच्छानुदान से 1 लाख रुपए देने की घोषणा की.

राजभवन में बाल दिवस पर दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि, 'विश्व के सबसे अधिक मूल्यवान मानव संसाधन को समृद्ध बनाने के लिए बच्चों की अच्छी शिक्षा-दीक्षा और परवरिश पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है'. उन्होंने कहा कि, 'बच्चों को ऐसा वातावरण मिले कि उनका बचपन सुरक्षित रहे और उन्हें अपनी प्रतिभाओं को निखारने के उचित अवसर मिले.

राज्यपाल ने कहा कि, 'हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू बच्चों को विशेष स्नेह करते थे. बच्चे भी उन्हें चाहते थे और प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहते थे इसलिए पं. नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है'. उन्होंने कहा कि, 'जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय बचपन होता है. बचपन में सीखी हुई अच्छी बातें जीवन पर्यन्त काम आते हैं'.

पढ़ें- दवा खरीदी में 2.5 करोड़ का घोटाला, तत्कालीन CMHO के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

राज्यपाल ने बच्चों पर बढ़ते हुए बस्ते के बोझ पर चिंता जताते हुए कहा कि, 'आजकल ये देखा जाता है कि बच्चे तनाव के दौर से भी गुजर रहे हैं. उनका बचपन खो सा गया ह. हमें चाहिए कि बच्चों को ऐसा वातावरण दें कि उनकी प्रतिभा को विकसित होने का पर्याप्त अवसर मिले'.

राज्यपाल ने कहा कि, 'कुपोषण की समस्या को एक चुनौती मानते हुए निजी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को भी अपनी सहभागिता निभानी चाहिए. इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा, DGP डीएम अवस्थी सहित राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

रायपुर : राजभवन के दरबार हॉल में बाल दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सरकारी दृष्टि और श्रवण बाधित विद्यालय के बच्चों ने गायन की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया. राज्यपाल ने बच्चों की प्रस्तुति से खुश होकर विद्यालय को स्वेच्छानुदान से 1 लाख रुपए देने की घोषणा की.

राजभवन में बाल दिवस पर दिव्यांग बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि, 'विश्व के सबसे अधिक मूल्यवान मानव संसाधन को समृद्ध बनाने के लिए बच्चों की अच्छी शिक्षा-दीक्षा और परवरिश पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है'. उन्होंने कहा कि, 'बच्चों को ऐसा वातावरण मिले कि उनका बचपन सुरक्षित रहे और उन्हें अपनी प्रतिभाओं को निखारने के उचित अवसर मिले.

राज्यपाल ने कहा कि, 'हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू बच्चों को विशेष स्नेह करते थे. बच्चे भी उन्हें चाहते थे और प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहते थे इसलिए पं. नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है'. उन्होंने कहा कि, 'जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय बचपन होता है. बचपन में सीखी हुई अच्छी बातें जीवन पर्यन्त काम आते हैं'.

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राज्यपाल ने बच्चों पर बढ़ते हुए बस्ते के बोझ पर चिंता जताते हुए कहा कि, 'आजकल ये देखा जाता है कि बच्चे तनाव के दौर से भी गुजर रहे हैं. उनका बचपन खो सा गया ह. हमें चाहिए कि बच्चों को ऐसा वातावरण दें कि उनकी प्रतिभा को विकसित होने का पर्याप्त अवसर मिले'.

राज्यपाल ने कहा कि, 'कुपोषण की समस्या को एक चुनौती मानते हुए निजी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को भी अपनी सहभागिता निभानी चाहिए. इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा, DGP डीएम अवस्थी सहित राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

Intro:रायपुर, राजभवन के दरबार हॉल में बाल दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान राज्यपाल अनुसुईया उईके ने शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत-संगीत की सराहना करते हुए बच्चों के प्रोत्साहन हेतु विद्यालय को स्वेच्छा अनुदान से 01 लाख रूपए देने की घोषणा की।

Body:राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि विश्व के सबसे अधिक मूल्यवान मानव संसाधन को समृद्ध बनाने के लिए बच्चों की अच्छी शिक्षा-दीक्षा और परवरिश पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसा वातावरण मिले कि उनका बचपन सुरक्षित रहे और उन्हें अपनी प्रतिभाओं को निखारने का उचित अवसर मिले। राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू बच्चों को विशेष स्नेह करते थे और बच्चे भी उन्हें चाहते थे तथा प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। इसलिए पण्डित नेहरू के जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन का सबसे महत्वूपूर्ण समय बचपन होता है। बचपन में सीखी हुई अच्छी बातें जीवन पर्यन्त काम आते हैं।
राज्यपाल ने बच्चों पर बढ़ते हुए बस्ते के बोझ पर चिंता जताते हुए कहा कि आजकल यह देखा जाता है कि बच्चे तनाव के दौर से भी गुजर रहे हैं। उनका बचपन खो सा गया है। हमें चाहिए कि बच्चों को ऐसा वातावरण दें कि उनकी प्रतिभा को विकसित होने का पर्याप्त अवसर मिले। राज्यपाल ने कहा कि कुपोषण की समस्या को एक चुनौती मानते हुए निजी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को भी अपनी सहभागिता निभानी चाहिए। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा, डीजीपी डीएम अवस्थी सहित राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
बाईट विथ एम्बियन्स अनुसुईया ऊईके, राज्यपाल

मयंक ठाकुर ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
Last Updated : Nov 15, 2019, 12:03 AM IST
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