ETV Bharat / state

प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर डिजिटल काव्य गोष्ठी का आयोजन, बेहतरीन रचनाओं की हुई प्रस्तुति

मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर गुरुवार को वक्ता मंच ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया. यहां प्रदेश और अन्य राज्यों के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से मन मोह लिया.

Digital Poetry Seminar organized
बेहतरीन रचनाओं की हुई प्रस्तुति
author img

By

Published : Jul 31, 2020, 3:20 AM IST

रायपुर: महान साहित्यकार हिंदी कहानियों और उपन्यासों के लेखक मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर गुरुवार को वक्ता मंच ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया. इसमें प्रदेश के साथ ही बाहर के 35 कवियों ने विविध विषयों पर धुआंधार और रोचक प्रस्तुतियां दी है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ विधानसभा से प्रकाशित होने वाली पत्रिका की संपादक मंडल की सदस्य शोभा यादव शामिल हुई. आयोजन के दौरान शोभा ने प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन को याद किया. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तकलीफों के बावजूद भी उन्होंने साहित्य के नये स्वरूप को गढ़ा है.

काव्य गोष्ठी में बेमेतरा के नारायण वर्मा ने छत्तीसगढ़ी गीत, महासमुंद से द्रौपदी साहू ने छत्तीसगढ़ी कविता, प्रदीप साहू कुंवर दादा ने सैनिकों की वीरता पर कविता, वी आर जाटवर ने छत्तीसगढ़ी कविता, शिवानी मैत्रा ने विरह का गान किया. वहीं शुभा शुक्ला ने सावन पर, मिनेश कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ी गीत, तनु श्री डडसेना ने प्रेम पर गीत का गान किया.

बेहतरीन रचनाओं ने दिल जिता

गोष्ठी का आरंभ कमल वर्मा ने प्रस्तुत सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ

लिख दो मेरे ललाट पर भक्ति का वरदान,
मा शारदा सदा तेरे चरणों पर रहे मेरा ध्यान

आशा साहू ने कोरोना काल के भयावह ऐहसास को शब्दों में व्यक्त किया

कैसा भयावह मंजर है आज का
अस्पताल में जिंदा जाता है आदमी
वापसी का कोई द्वार नही
अर्थी को कंधा देने चार हाथ नही
आसुओ की बहती धारा को पोछने कोई साथ नही

अंबिकापुर के सुजीत क्षेत्री की पीड़ा इस प्रकार व्यक्त हुई
महामारी की इस बेला पर
दो हिस्सों में बंट गया है मेरा देश
तुम तो हो अपने घरों में
दर दर भटक रहा आधा देश

कमलेश वर्मा की छत्तीसगढ़ी कविता इस प्रकार रही
माटी के संग मिल के
माटी के शान बन जा
माटी ल माथ लगैया
तै किसान बन जा

प्रियंका गुप्ता ने प्रेम से परिपूर्ण कविता प्रस्तुत की
चुपके से अपना ये दिल मैंने तुमको दे दिया
मेरी चाहत को तुम भी जान लो सनम

रायपुर: महान साहित्यकार हिंदी कहानियों और उपन्यासों के लेखक मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर गुरुवार को वक्ता मंच ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया. इसमें प्रदेश के साथ ही बाहर के 35 कवियों ने विविध विषयों पर धुआंधार और रोचक प्रस्तुतियां दी है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ विधानसभा से प्रकाशित होने वाली पत्रिका की संपादक मंडल की सदस्य शोभा यादव शामिल हुई. आयोजन के दौरान शोभा ने प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन को याद किया. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तकलीफों के बावजूद भी उन्होंने साहित्य के नये स्वरूप को गढ़ा है.

काव्य गोष्ठी में बेमेतरा के नारायण वर्मा ने छत्तीसगढ़ी गीत, महासमुंद से द्रौपदी साहू ने छत्तीसगढ़ी कविता, प्रदीप साहू कुंवर दादा ने सैनिकों की वीरता पर कविता, वी आर जाटवर ने छत्तीसगढ़ी कविता, शिवानी मैत्रा ने विरह का गान किया. वहीं शुभा शुक्ला ने सावन पर, मिनेश कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ी गीत, तनु श्री डडसेना ने प्रेम पर गीत का गान किया.

बेहतरीन रचनाओं ने दिल जिता

गोष्ठी का आरंभ कमल वर्मा ने प्रस्तुत सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ

लिख दो मेरे ललाट पर भक्ति का वरदान,
मा शारदा सदा तेरे चरणों पर रहे मेरा ध्यान

आशा साहू ने कोरोना काल के भयावह ऐहसास को शब्दों में व्यक्त किया

कैसा भयावह मंजर है आज का
अस्पताल में जिंदा जाता है आदमी
वापसी का कोई द्वार नही
अर्थी को कंधा देने चार हाथ नही
आसुओ की बहती धारा को पोछने कोई साथ नही

अंबिकापुर के सुजीत क्षेत्री की पीड़ा इस प्रकार व्यक्त हुई
महामारी की इस बेला पर
दो हिस्सों में बंट गया है मेरा देश
तुम तो हो अपने घरों में
दर दर भटक रहा आधा देश

कमलेश वर्मा की छत्तीसगढ़ी कविता इस प्रकार रही
माटी के संग मिल के
माटी के शान बन जा
माटी ल माथ लगैया
तै किसान बन जा

प्रियंका गुप्ता ने प्रेम से परिपूर्ण कविता प्रस्तुत की
चुपके से अपना ये दिल मैंने तुमको दे दिया
मेरी चाहत को तुम भी जान लो सनम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.