रायपुर : जगह-जगह हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. लगातार किसान मुआवजे और फसल बीमा राशि की मांग कर रहे हैं. इस बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार पर किसानों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि, जो राशि आवांटित की गई है, वो अब तक किसानों तक पहुंची नहीं है, ऐसे समय में किसानों को मदद की जरूरत है. मदद नहीं मिलने से किसानों में काफी आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओलावृष्टि को लेकर दिसंबर से अप्रैल महीने तक की स्थिति को लेकर जो सर्वे कराया गया है, उसमें कई जिले छूट गए हैं. जिसके चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन को चाहिए कि फिर से इन जिलों में ओलावृष्टि को लेकर सर्वे कराया जाए ताकि किसानों को नुकसान का भुगतान किया जा सके.
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297 करोड़ की राशि नहीं मिलने से संकट में किसान
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, प्रदेश में ओलावृष्टि को लेकर करीब 410 करोड़ की अनुमानित राशि का भुगतान होना है, लेकिन अब तक करीब 113 करोड़ रुपए की राशि ही आवंटित की गई है. अब भी करीब 297 करोड़ की राशि नहीं मिलने से किसानों के सामने कई संकट हैं, उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार को जल्द ही इस बची हुई राशि का भुगतान करना चाहिए ,ताकि किसानों को खेती कार्य से जुड़े उपकरण और बीज खरीदने में सहयोग मिल सके. साथ ही इस दिशा में प्रदेश सरकार को तत्काल ही ठोस कदम उठाना चाहिए.
प्रदेश सरकार की कोई कारगर नीति नहीं
उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार की कोई कारगर नीति नहीं है, जिसके चलते किसान परेशान हैं. प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रबी फसल के किसानों की संख्या करीब डेढ़ लाख है, जिसका कुल रकबा करीब दो लाख हैक्टेयर है. कुल दावा भुगतान की राशि करीब 517 करोड़ है. इसमें करीब 62 करोड़ 17 लाख की राशि का भुगतान प्रक्रिया में है.
मदद नहीं मिलने से किसान बेहद चिंतित
उन्होंने कहा कि किसानों को फसल की बीमा की राशि समय पर नहीं मिलने पर इसका असर खरीफ फसल पर भी पड़ सकता है. वैसे भी पहले से ही मौसम की मार की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों के नाम पर केवल प्रदेश सरकार कोरी कागजी कोशिशों और कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की चिंता कहीं भी प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में नहीं रही है. वहीं इस समय जो हालात बन रहें हैं और कोरोना काल में मदद नहीं मिलने से किसान बेहद चिंतित हैं.