रायपुर : दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, 'भीमा मंडावी को नकुलनार इलाके में जाने से रोका गया था, लेकिन उन्होंने समझाइश को दरकिनार किया और वहां के लिए निकले, जिसके बाद नक्सलियों ने हमला किया'.
डीजीपी ने बताया कि, 'भीमा मंडावी सुबह 9 बजे चुनाव प्रचार के लिए निकले थे. सुरक्षा के मद्देनजर मंडावी के साथ DRG के 50 जवान तैनात थे. इसके आलावा भीमा मंडावी खुद बुलेटप्रूफ गाड़ी में सवार थे. उनके काफिले में 2 अन्य गाड़ियां भी शामिल थीं'.
उन्होंने बताया कि, 'भीमा मंडावी मेटपाल, नेटपाल, संदेनाल में चुनावी प्रचार के लिए गए थे. चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद 1 बजे वे बीजेपी के दंतेवाड़ा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने सुरक्षा हटाने की बात कही. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्रचार का आखिरी दिन है सुरक्षाबल की जरूरत नहीं है'.
डीजीपी के मुताबिक 3 बजे के करीब वे बचेली से कुआकोंदा के लिए रवाना हो गए. तभी 3: 50 मिनट पर TI सील आदित्य ने कॉल कर अंदरूनी इलाके में न जाने की सलाह दी, साथ ही ये भी कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं, लेकिन मंडावी ने आगे जाने का फैलसा किया और 4 बज कर 45 मिनट पर ये घटना घट गई, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 20 से 25 नक्सलियों के शामिल होने की जानकारी है.