रायपुर: मुख्यमंत्री निवास पर गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए. सीएम भूपेश बघेल ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ सिंहदेव का स्वागत किया. बैठक के बाद डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने टिकट बंटवारे से लेकर संविदाकर्मियों की समस्या, चुनावी घोषणापत्र सहित पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर ईटीवी से खास बातचीत की. टीएस सिंहदेव ने खुलकर अपना पक्ष रखते हुए अमित शाह को सशक्त रणनीतिकार बताया. साथ ही कांग्रेस को अपनी तैयारियां बढ़ाने की बात कही. टीएस सिंहदेव खुद के चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर भी बेबाक राय रखी.
मंत्री या उपमुख्यमंत्री होना नहीं है टिकट का पैमाना: कांग्रेस के लिए टिकट वितरण काफी बड़ी चुनौती है. हमारे पास वर्तमान में 71 विधायक हैं. किस फार्मूले पर टिकट वितरित किया जाएगा, यह निर्णय काफी टफ होगा. रही फार्मूले की बात तो पहले भी एक ही फार्मूला था और आज भी वही फार्मूला है. जिसके जीतने की सबसे अच्छी संभावना हो उनको टिकट देना चाहिए. मैं मंत्री या उपमुख्यमंत्री हूं, यदि मेरी स्थिति जीतने की नहीं होगी तो मुझे टिकट बिल्कुल नहीं मिलना चाहिए. विधानसभा क्षेत्र में मेरी क्या स्थिति है, इसका आंकलन होना चाहिए. ऐसा नहीं है कि सिंहदेव हैं तो उन्हें टिकट मिल जाए.
सशक्त रणनीतिकार माने जाते हैं अमित शाह: छत्तीसगढ़ में अमित शाह के ताबड़तोड़ दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव 2023 भाजपा उनके ही नेतृत्व में लड़ेगी. इस पर टीएस सिंहदेव कहते हैं कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अमित शाह एक सशक्त रणनीतिकार माने जाते हैं. उनकी उपस्थिति को देखते हुए हमें अच्छी मेहनत से तैयारी करनी होगी. हमने पिछले साल 4 साल में बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन उसी के दम पर ही चुनाव नहीं जीत सकते. अभी और मेहनत की जरूरत है.
कैबिनेट में सप्लीमेंट्री बजट सहित 39 बिंदुओं पर चर्चा : सिंहदेव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में 39 बिंदुओं पर चर्चा की गई. सप्लीमेंट्री बजट पर भी चर्चा हुई, जो मुख्यमंत्री विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा राजस्व विभाग, वन विभाग, कुछ पदों से संबंधित, कुछ छूट की समय सीमा बढ़ाने, शुल्क आदि के सरलीकरण, शहरी क्षेत्रों में उद्योग को दो कर देना पड़ रहा है उन पर भार पड़ रहा है, उनको नगर निगम और उद्योग विभाग दोनों को पैसा देना पड़ रहा है उस पर चर्चा हुई.
सभी कर्मचारी संगठनों को बुलाकर मांगों करेंगे चर्चा : नियमितीकरण को लेकर संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर सिंहदेव ने सिंहदेव ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने सीएस को निर्देशित किया है. सभी कर्मचारी संगठनों को बुलाकर चर्चा की जाएगी और उनकी मांगें सुनी जाएंगी. उन मांगों पर बाद में कैबिनेट में चर्चा की जाएगी.
हाईकमान से डायरेक्शन के बाद स्वीकार किया पद : सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद डिप्टी बनने के सवाल पर टीएस सिंह देव ने कहा कि मैं पहले ही कहता आ रहा हूं कि सारे निर्णय हाईकमान करती है. आज हाईकमान से डायरेक्शन आया, वह अंतिम है. इसलिए मैंने यह स्वीकार किया. अपने से पहल करके शायद ही मैं ये पद लेता. विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों पर सिंहदेव ने कहा कि संगठन अपना काम कर रहा है. प्रदेश स्तर पर कुमारी शैलजा के मार्गदर्शन में मरकाम, भुपेश और हम सब देख रहे हैं. कांग्रेस के और भी लीडर है, जिन्हें जवाबदारी दी जा रही है. हम लोग भी अपने अपने विधानसभा क्षेत्र, जिलों, ब्लॉक, बूथ, सेक्टर में पोलिंग व्यवस्थाओं को देख रहे हैं, जो लगातार चल रहा है.
पीएम मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा राजनीतिक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे पर सिंहदेव ने कहा कि यह उनका राजनीतिक दौरा है. मुझे नहीं याद पड़ता की लगभग साढ़े 4 साल में वे कभी छत्तीसगढ़ आए हों. यह उनका राजनीतिक दौरा है, जिसे मैं छत्तीसगढ़ के हित वाला नहीं मानता. यह राजनीतिक दौरा है, जो 2023 और 2024 के चुनाव से जुड़ा हुआ है. छत्तीसगढ़ से मोह नहीं था, छत्तीसगढ़ में कोई घोषणा नहीं करना चाहते थे, छत्तीसगढ़ कुछ देना नहीं चाहते थे. छत्तीसगढ़ से कोई लगाव नहीं था. मेरे मन में यह स्वाभाविक तौर पर आया कि वो खुद कहते हैं देश के प्रधानमंत्री हैं. यदि मेरे भी प्रधानमंत्री थे तो मेरे यहां पहले क्यों नहीं आए.
60 से 75 सीट जीत सकती है कांग्रेस : सिंहदेव ने 75 प्लस सीटें जीतने का दावा किया है. कहा हमने काम करने की कोशिश की, कुछ कमियां भी रह गई तो हमें 60 से 75 सीट जीतने की उम्मीद है.
अधूरे मन से नहीं बनाऊंगा घोषणा पत्र: पिछली बार घोषणा पत्र समिति में रहकर अहम भूमिका निभाने वाले टीएस सिंहदेव ने इस बार किसी और को जिम्मेदारी देने का निवेदन किया है. टीएस सिंहदेव का कहना है कि पिछली बार पूरे मन से मैंने घोषणापत्र बनाया था. अधूरे मन से नहीं करूंगा, क्योंकि समय नहीं है. यदि पहले बताया जाता तो बात अलग थी. अब समय नहीं है.