रायपुर: रायगढ़ में वकील और कर्मचारियों के बीच हुआ विवाद (Dispute between lawyer and employees in Raigarh) अब तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार 14 फरवरी से कनिष्ठ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले रायपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. जिसके कारण प्रदेश के लगभग 200 से अधिक तहसील कार्यालय में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा भी नहीं हो पा रहा है. वहीं, प्रदर्शन कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिससे निर्भीक होकर वह अपना काम कर सकें.
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तहसीलदारों ने खोला मोर्चा
बता दें कि 11 फरवरी शुक्रवार के दिन जिला रायगढ़ न्यायालय परिसर में मारपीट एवं अभद्र व्यवहार के विरोध में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने मोर्चा खोल दिया है. कुछ वकीलों के बहकावे में आकर कई वकीलों ने न्यायालय परिसर में नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह राठौर के साथ ही दूसरे कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की. तो कुछ वकीलों ने पीड़ित नायब तहसीलदार को धमकी भी दे डाली. कनिष्ठ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने रायगढ़ न्यायालय परिसर में मारपीट और अभद्र व्यवहार को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कोई भी धरना प्रदर्शन या दूसरे लॉ आर्डर संबंधी काम को पुलिस और तहसीलदार के साथ ही नायब तहसीलदार द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जाता है. बावजूद इसके नायब तहसीलदार और उनके स्टाफ के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की घटना हुई है. जिसके विरोध में इन्होंने मोर्चा खोल दिया है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.
तहसीलदारों ने कहा- सुरक्षा मुहैया कराई जाए
वहीं प्रदर्शन कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि, सरकार द्वारा अभी रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश मिले हैं. वहां भी तहसीलदार या फिर नायब तहसीलदार के साथ राजस्व का अमला जाता है तो उन्हें एक तरह से अपनी जान का खतरा रहता है. बावजूद इसके सरकारी नियमों का पालन करते हैं. इन लोगों के पास कोई भी सरकारी वाहन नहीं है. अपने खुद के वाहन से संबंधित जगहों पर पहुंच कर अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं. कनिष्ठ राज्य प्रशासन सेवा संघ का कहना है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिससे वे अपना काम निश्चिंत होकर कर सकें.