रायपुर: 29 जुलाई को प्रदेश के डाकघरों में काम करने वाले आउटसाइडर और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को एक आदेश जारी कर सेवा से बाहर कर दिया गया. सेवा से बाहर किए जाने की सूचना मिलते ही आज प्रदेश के अलग अलग जिलों के लगभग 90 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने प्रदर्शन (demonstrated Daily wage workers fired from post offices in Raipur) किया. कर्मचारियों ने सोमवार को जय स्तंभ चौक स्थित मुख्य डाकघर पहुंचकर प्रदर्शन किया और सेवा में वापस रखे जाने की मांग की. इनमें से कई दैनिक वेतन भोगी डाकघरों में 5 से लेकर 15 सालों तक काम करते आए हैं. अचानक कार्यालय मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल परिमंडल रायपुर के द्वारा इन्हें आदेश जारी करके निकाल दिया गया है. 1 अगस्त से इनसे काम नहीं लिया जाएगा. जिसका विरोध दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कर रहे हैं. वहीं डाकघर के वरिष्ठ अधिकारी इसे विभाग का आंतरिक और अंदरूनी मामला बता रहे हैं.
डाक घरों के कई काम होंगे प्रभावित: प्रदर्शन कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से हमने बात किया, तो उन्होंने बताया कि "डाकघरों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कई वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोई 5 साल से काम कर रहा है तो कोई 10 और कोई 15 सालों से डाकघरों में अपनी सेवाएं (post offices raipur) दे रहा है. इन्हें कलेक्टर दर पर डाकघरों में रखा गया था. प्रदर्शन कर रहे हैं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने बताया कि "इतने कम वेतन पर घर परिवार चलाना भी मुश्किल है. ऐसे समय पर उन्हें सेवा से भी बाहर कर दिया गया है. पूरे प्रदेश में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या लगभग 10 हजार है. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से निकाले जाने के बाद प्रदर्शन के चलते डाक विभाग के कई तरह के काम आने वाले दिनों में प्रभावित (demonstrate Daily wage workers in raipur) हो सकते हैं."
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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी: डाकघरों में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट दर पर दैनिक मजदूरी की बात करें, तो अकुशल श्रमिक को प्रतिदिन 335.35 रुपया, अर्धकुशल श्रमिकों को प्रतिदिन 357 रुपया, कुशल श्रमिकों को प्रतिदिन 383 रुपया और ड्राइवर को प्रतिदिन 383 रुपया दिया जा रहा था.
15% दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को निकाला गया: निदेशक डाक सेवाएं दिनेश कुमार मिस्त्री का कहना है कि "प्रदेश में काम कर रहे सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नहीं निकाला (demonstrate Daily wage workers in raipur) गया है. बल्कि 15% लोगों को ही काम से निकाला गया है". उन्होंने 'यह विभाग का आंतरिक और अंदरूनी मामला' बताते हुए कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है.